लगातार बज रही मोबाइल फोन की घंटी से राहुल जाग गया था, लेकिन तब तक फोन कट चुका था. उस ने मोबाइल देखा, तो सुमन की 12 मिस्ड काल थीं.

अभी पिछली रात ही तो वे दोनों काफी देर तक फोन पर औनलाइन थे, जब सुमन ने कहा था, ‘मैं आखिरी बार पूछ रहीं हूं. अब मेरे पास कोई और रास्ता नहीं है सिवा खुदकुशी कर लेने के या घर छोड़ कर कहीं अनजान जगह जाने के...’

कम शब्दों में ही बहुतकुछ समझा और समझाया जा रहा था. फोन रखने के काफी देर बाद भी राहुल को नींद नहीं आई थी. न जाने कब उस की अभी एक घंटे पहले ही आंख लग गई थी. उस ने सुमन को कोई ऐसीवैसी हरकत न करने को कितना समझाया था, तो क्या सुमन ने सचमुच...

राहुल यह सोच कर ही घबरा उठा था. उस ने नंबर डायल कर दिया. दूसरी तरफ सुमन थी, ‘राहुल, मैं अभी तुम्हारे पास आ रही हूं, सबकुछ छोड़ कर. हम किसी नई अनजान जगह पर चले जाएंगे, जहां हमें कोई भी नहीं जानतापहचानता होगा और वहीं जा कर अपनी एक नई जिंदगी शुरू करेंगे.’

राहुल अवाक सा रह गया. उस के मुंह से बस इतना ही निकला, ‘‘नहीं सुमन, हम ऐसा नहीं कर सकते.’’

सुमन ने सुबकते हुए कहा, ‘राहुल, तो इतने साल से तुम मुझे प्यार नहीं करते थे? तुम मुझे सिर्फ अपनी जिस्मानी भूख शांत करने की खुराक समझते रहे. अपना सबकुछ तो तुम्हें दे दिया है. बस एक जान बची है, वह भी दे देती हूं.’

राहुल ने भी रोते हुए कहा, ‘‘नहीं सुमन, मैं ने तुम से सच्चा प्यार किया है, जो हमेशा ही जस का तस बना रहेगा. लेकिन, तुम इस कदर पागलों जैसी न बात करो और न ही ऐसे खयाल पालो. मैं तुम्हें थोड़ी देर में बताता हूं.’’

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