Romantic Story : रेशमा की जिंदगी एक ढर्रे पर चल रही थी. 30 साल की उम्र तक आतेआते उस ने बहुतकुछ हासिल कर लिया था. एक अच्छी नौकरी, शहर के पौश इलाके में खुद का घर और ढेर सारे दोस्त, लेकिन कहीं न कहीं उस के दिल में एक खालीपन सा था, जिसे वह महसूस तो करती थी, पर उसे शब्दों में बयां करना मुश्किल था.

एक दिन औफिस से लौटते समय रेशमा को एक किताब की दुकान दिखाई दी. यह एक पुरानी, लेकिन बहुत ही शानदार जगह थी. हमेशा की तरह वह अपनेआप को किताबों के खिंचाव से बचा नहीं पाई और दुकान के भीतर चली गई.

किताबों को देखते हुए रेशमा की नजर एक आदमी पर पड़ी, जो एक किताब में डूबा हुआ था. उस की आंखों में एक अलग ही चमक थी, जैसे वह किताब उस की जिंदगी का सब से खास हिस्सा हो.

रेशमा ने भी एक किताब उठाई और पढ़ने लगी, लेकिन उस का ध्यान उस आदमी की तरफ ही था.

अचानक उस आदमी ने अपनी नजरें उठाईं और रेशमा की नजरों से टकराईं. एक पल के लिए जैसे समय थम सा गया. दोनों के बीच एक अनकहा संवाद हुआ, जिसे किसी ने नहीं सुना, लेकिन दोनों ने महसूस किया.

वह आदमी मुसकराया और रेशमा की तरफ बढ़ा, फिर बोला, ‘‘आप भी किताबों की दीवानी लगती हैं...’’

रेशमा हलका सा हंसी और कहा, ‘‘जी, किताबों में एक अलग ही दुनिया होती है.’’

‘‘मैं अंशु हूं,’’ उस आदमी ने अपना हाथ बढ़ाते हुए कहा.

‘‘रेशमा,’’ उस ने भी हाथ मिलाते हुए अपना परिचय दिया.

इस के बाद उन दोनों के बीच बातचीत का सिलसिला शुरू हो गया. किताबों से ले कर जिंदगी के तजरबों तक, दोनों ने कई मुद्दों पर बात की.

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