News Kahani: चांदनी को छत्तीसगढ़ गए एक महीना हो गया था. अनामिका का जन्मदिन आने वाला था. उस ने सोचा कि क्यों न इस बार विजय को सरप्राइज दिया जाए. इधर विजय भी अनामिका के जन्मदिन की तैयारी कर रहा था. उस ने सोचा था कि दिल्ली में ही कोई होटल बुक करा कर रातभर मस्ती करेंगे. पर अनामिका के इरादे कुछ और ही थे. थोड़े से एडवैंचर से भरे.
जन्मदिन से एक दिन पहले विजय और अनामिका एक कैफे में कौफी पी रहे थे. तभी अनामिका बोली, ‘‘विजय, कल सुबह 11 बजे तैयार रहना. हमें कहीं जाना है.’’
विजय ने पूछा, ‘‘कहां? कोई खास काम?’’ वह आज जन्मदिन का जिक्र नहीं करना चाहता था, वरना उस का सरप्राइज खुल सकता था.
‘‘है कोई खास जगह. हम वहां स्कूटी से चलेंगे,’’ अनामिका बोली.
‘‘ओह, तो मैडम मुझे किसी सीक्रेट जगह ले जाना चाहती हैं,’’
विजय ने अनामिका का हाथ पकड़ कर कहा.
‘‘ज्यादा रोमांटिक बनने की जरूरत नहीं है. हां, हम कल जिस जगह जा रहे हैं, वह किसी जन्नत से कम नहीं है और हां, हम शाम तक वहां से वापस भी आ जाएंगे,’’ अनामिका ने अपना हाथ छुड़ाते हुए कहा.
अगले दिन विजय और अनामिका स्कूटी पर निकल पड़े अपनी उस जन्नत की तरफ.
‘‘सुनो, हम फरीदाबाद से चलेंगे. वहां से गुड़गांव के पहाड़ी वाले रास्ते पर अपनी मंजिल है. रास्ते में हनुमान की मूर्ति भी देखनी है. सुना है, बहुत बड़ी है,’’ अनामिका बोली.
‘‘हमें इतनी दूर जाना है... ऐसा क्या है उन सूखी पहाडि़यों में... सुनसान इलाका है,’’ विजय ने पूछा.
‘‘तुम चलो तो सही मेरी जान...’’ अनामिका ने विजय को गुदगुदी करते हुए कहा.
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