वहां पुलिस का दखल कम होता है, पहचान का खतरा कम होता है, साथ ही साथ किसी भी दूसरे काम के साथ इस को किया जा सकता है.

लाइजिनिंग के धंधे में लगे लोग अपने काम कराने के लिए अब ऐसे गिफ्ट भी देने लगे हैं. यह काम पूरी सावधानी के साथ हो रहा है. ऐस्कोर्ट सर्विस की आड़ में भी ‘कौंट्रैक्ट सैक्स’ को बढ़ावा दिया जा रहा है.

उत्तर प्रदेश में लखनऊ के इंदिरानगर थाना क्षेत्र में लौकडाउन के दौरान सूचना मिली कि पाल गैस्ट हाउस में रोज लड़केलड़कियां आते हैं. कई बार वे लोग रातभर रहते हैं और कई बार 3 से 4 घंटे में ही चले जाते हैं. हर बार नएनए लोग वहां आते हैं.

पुलिस ने गैस्ट हाउस की निगरानी शुरू की. एक दिन पुलिस ने छापा मारा और 4 लड़कियों और 6 लड़कों को पकड़ा. हालांकि पुलिस को उन के खिलाफ कोई सुबूत नहीं मिला कि वे किसी तरह के गलत काम में शामिल थे. इस के बाद पुलिस ने थाने ले जा कर निजी मुचलके पर सभी को छोड़ दिया. लड़केलड़कियों ने खुद को दोस्त बताया था. सभी बालिग थे और अपनी मरजी से वहां आए थे.

‘कौंट्रैक्ट सैक्स’ के जरीए भले ही सैक्स कारोबार को पुलिस की नजरों से दूर रखने के पुख्ता इंतजाम किए जाते हों, पर पुलिस भी कोई न कोई सुराग लगा ही लेती है.

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कानपुर पुलिस ने कुछ दिन पहले ‘कौंट्रैक्ट सैक्स’ का धंधा करने वालों के खिलाफ स्टिंग आपरेशन किया. इन लड़कियों की बुकिंग से ले कर मोबाइल फोन तक की पूरी डीलिंग को रिकौर्ड किया गया.

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