धनबाद और बोकारो जिले की सरहद के पास बसे अमलाबाद इलाके में बिहार से आ कर रह रहे पासियों की लौकडाउन में लौटरी ही लग गई है. धनबाद में शराब की तमाम दुकानें बंद होने के चलते शराबियों को आसानी शराब नहीं मिल रही है. अगर शराब मिल भी रही है, तो उन्हें चोरीछिपे इसे खरीदने के लिए मोटी कीमत चुकानी पड़ रही है. पहले 500 रुपए में मिलने वाली शराब के लिए उन्हें अब 1,000 से 1,200 रुपए देने पड़ रहे हैं, जिस का सीधा असर उन की जेब पर पड़ रहा है. साथ ही, इतनी मोटी रकम चुकाने के लिए शराबी तैयार भी नहीं दिखते.

बढ़ी ताड़ी की मांग

शराबबंदी के चलते अब कई शराबी शराब की जगह ताड़ी पीने को मजबूर हो गए हैं. यह ताड़ी उन्हें कम पैसे में मिल रही है. नशेड़ियों का मानना है कि जो नशा 500 रुपए की शराब में होता था, वही नशा 40 रुपए की ताड़ी में होता है.

इन लोगों का यह भी कहना है कि लौकडाउन के चलते 500 रुपए की शराब 1,200 रुपए तक में मिलने लगी है. इस वजह से लोग शराब छोड़ कर ताड़ी पीने लगे हैं. अमलाबाद से सटे भौंरा, सुदामडीह, डिगवाडीह के रहने वाले लोग सुबह दामोदर नदी पार कर पैदल ही अमलाबाद पहुंच जाते हैं. इन्हें लौकडाउन की भी कोई परवाह नहीं होती और न ही इन पर किसी तरह की ठोस कार्यवाही की जा रही है.

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गोली का गोलमाल

अचानक से बढ़ी ताड़ी की मांग को देख ताड़ी बेचने वाले पासी भी जम कर फायदा उठा रहे हैं और ताड़ी में ज्यादा नशा करने के लिए वे एक दिन या 2 दिन पुरानी ताड़ी और उस में नशे की कोई गोली मिला कर लोगों को दे रहे हैं, जिस वजह से इन दिनों ताड़ी पीने वाले लोगों के लिए भी खतरा बढ़ गया है.

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