किन्नर... थर्ड जेंडर.. भी हमारे आपकी तरह संवेदनशील है. वह भी भाव प्रवण है और कहानी कविता लेख लिख सकता है. यह सच बड़े ही शिद्दत के साथ आप "जिंदगी की दास्तां" में महसूस कर सकते हैं.

किन्नर की  जिंदगी  किताब की शक्ल में प्रकाशित होकर आ गई है. और उसमें साहित्य की विधा में अपने भाव उकेर गए हैं.  थर्ड जेंडर की सच्ची दास्तानं आप इस किताब में पढ़ सकते हैं .

दरअसल, छत्तीसगढ़ में किन्नरों ने ‘जिंदगी की दास्तान’ नाम से देश की पहली किताब प्रकाशित होकर आई  है. इस महत्वपूर्ण किताब में थर्ड जेंडर समुदाय के सदस्यों की गद्य और पद्य और संस्मरण संकलित हैं. सबसे महत्वपूर्ण तथ्य है कि इसकी रचना छत्तीसगढ़ समेत पूरे भारत के तृतीय लिंग समुदाय ने की है.

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आत्मा अभिव्यक्ति और पीड़ा

"जिंदगी की दास्तान" किताब की संपादक किन्नर विद्या राजपूत के मुताबिक - जिंदगी की दास्तान किताब में आप हमारे समुदाय की आत्म-अभिव्यक्ति, संवेदना, पीड़ा, आशा, आकांक्षा और अनगिनत संभावना और ना जाने कितने ही ऐसे सहज और जटिल भावों से  रूबरू होंगे. किताब में संकलित रचनाएं पढ़कर चेतन और अचेतन मन में कहीं ना कहीं यहां भाव हिलोरे लेने लगेगा कि थर्ड जेंडर समुदाय भाव शून्य नहीं है. विचार शून्य नहीं है, हममें भी लेखन क्षमता है. किताब में आप पढ़ सकते हैं हमारा बचपन और जिंदगी की कटीले रास्तों पर चलने का दर्द .

हम भी समाज के अभिन्न अंग है और अपनी भूमिका इमानदारी से निभाने का प्रयास करते हैं. लेकिन जब देखते हैं कि वैचारिक यात्रा के लिए गली से लेकर सड़क तक सब बंद है, तो मन मसोस कर रह जाते है दुख होता है. संपादक विद्या राजपूत के अनुसार हमारे समुदाय की यह रचनाएं समाज के समक्ष उनके अंतर द्वंद को उद्घाटित करेंगी और लघुतम ही सही  सहृदयता का भाव पुष्पित करेगी.

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