मई महीने में मौसम व हालात के थपेड़ों के बीच मेहनतकश किसान हमेशा डटे रहते हैं और उन के कामों का सिलसिला बदस्तूर जारी रहता है. पेश है मई महीने के दौरान किए जाने वाले खेती के कामों का एक खुलासा:
* गेहूं के साथसाथ जई व जौ वगैरह फसलें दे चुके खेतों की मिट्टी पलटने वाले हल से गहरी जुताई करें ताकि पिछली फसल के अवशेष खेत की मिट्टी में अच्छी तरह मिल जाएं और मिट्टी भी भुरभुरी हो जाए. पिछली फसल का मोटामोटा कचरा बटोर कर खेत से दूर फेंक देना चाहिए.
* मई की गरमी का खास फायदा यह होता है कि इस से तमाम कीड़ेमकोड़े झुलस कर खत्म हो जाते हैं. इसीलिए करीब 2 हफ्ते के अंतराल से खेतों की लगातार जुताई करते रहना चाहिए. ऐसा करने से गरमी व लू का असर मिट्टी में अंदर तक जाता है और वहां मौजूद खतरनाक बैक्टीरिया व फफूंदी नष्ट हो जाते हैं.
* मिट्टी को भरपूर धूप का सेवन कराना काफी फायदेमंद होता है. इस से मिट्टी का अच्छाखास इलाज हो जाता है और मिट्टी अगली फसल के लिए बढि़या तरीके से तैयार हो जाती है.
* मई में अपने ईख के खेतों का खास खयाल रखें और 2 हफ्ते के अंतर से सिंचाई करते रहें, ताकि खेतों में भरपूर नमी बरकरार रहे.
* गन्ने के खेतों में सिंचाई के साथसाथ निराईगुड़ाई भी करते रहें ताकि खरपतवार न पैदा हो सकें.
* गन्ने की फसल में कीड़ों व रोगों का खतरा बराबर बना रहता है, लिहाजा उन के मामले में सतर्क रहें.
* अगर धान की अगेती किस्म की नर्सरी डालनी हो, तो मई के आखिर तक डाल सकते हैं. नर्सरी में कंपोस्ट खाद या गोबर की खाद का इस्तेमाल जरूर करें.