‘दूसरे देशों में सैक्स टौयज की दुकानें काफी तड़कभड़क वाली होती हैं, लेकिन हम ने अपनी दुकान कोसादा रखा है,’ नीरव मेहता बताते हैं, ‘हमारी दुकान के ग्राहक हमेशा जल्दी में रहते हैं इसलिए हम ने दुकान में कुरसी तक नहीं रखी है. लेकिन हम ने जानबूझ कर इसे आकर्षक या अंधेरे भूमिगत काल कोठरी की तरह नहीं बनाया है. हम ने इसे मैडिकल स्टोर की तरह बनाया और हमारे सभी सर्टिफिकेट दीवार पर टंगे हुए हैं. ऐसा हम ने किसी भी तरह के राजनैतिक विरोध से बचने के लिए किया है.’
यहां बात देश के मशहूर पर्यटन स्थल गोवा की हो रही है, जहां देश की पहली लीगल औनलाइन सैक्स टौयज की दुकान खुली है जिस का नाम है ‘ब्रिक एंड मोर्टार’. इस की लांचिंग बीती 14 फरवरी यानी वैलेंटाइंस डे पर हुई थी.
ऐसा नहीं है कि देश में सैक्स टौयज नहीं बिकते हों, लेकिन अभी वे चोरीछिपे गुमनाम दुकानों से बिक रहे हैं. मानो सैक्स टौय न हुए एके 47 जैसे हथियार हों.
नीरव ने प्रशासन से अनुमति ले कर दुकान खोल कर एक राह देश भर के बेचने वालों को दिखा दी है कि सैक्स टौयज की बढ़ती मांग को वे कानूनी रूप से दुकान खोल कर भी पूरा कर सकते हैं.
भारतीय समाज में सैक्स शिक्षा तो दूर की बात है सैक्स की चर्चा को भी वर्जित माना गया है, पर अब वक्त बदल रहा है, समाज बदल रहा है इसलिए सैक्स टौयज की मांग भी बढ़ रही है.
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लौकडाउन के दौरान जब लोग घरों में कैद थे, तब सैक्स टौयज की मांग हैरतंगेज तरीके से 65 फीसदी तक बढ़ी थी. लोग अपने पार्टनर तक नहीं पहुंच पा रहे थे और सैक्स की तलब जिन्हें सता रही थी, उन्होंने खूब औनलाइन सैक्स टौयज मंगा कर सैक्स को एंजौय किया था.
दैट्स पर्सनल डौट काम की एक विश्लेषण रिपोर्ट में विस्तार से इस का खुलासा किया गया था, जिस में बताया गया था कि सब से ज्यादा सैक्स टौयज महाराष्ट्र के लोग खरीदते हैं.
दूसरा नंबर कर्नाटक और तीसरा तमिलनाडु का है. बड़े शहरों में मुंबई के लोग सब से ज्यादा सैक्स टौय खरीदते हैं दूसरे और तीसरे नंबर पर दिल्ली और बेंगलुरु आते हैं.
इस विश्लेषण की एक चौंका देने वाली बात उत्तर प्रदेश के पुरुषों द्वारा सब से ज्यादा सैक्स टौयज खरीदने की रही. इस सर्वे के मुताबिक महिलाओं की खरीदारी का पसंदीदा वक्त दोपहर 12 से 3 बजे तक और पुरुषों का रात 9 बजे के बाद का है.
सैक्स टौयज सब से ज्यादा 25 से 34 साल के बीच की उम्र के लोग खरीदते हैं, लेकिन इन्हें बेचने वाली वेबसाइट्स पर ज्यादा वक्त गुजारने वाले लोग 18 से 25 साल के बीच की उम्र के हैं. सर्वे के एक दिलचस्प खुलासे के मुताबिक सैक्स प्रोडक्ट्स से 33 फीसदी शादियां टूटने से बची हैं.
दैट्स पर्सनल डौट काम के सीईओ समीर सरैया की मानें तो इन उत्पादों का बाजार तेजी से बढ़ रहा है क्योंकि लोग झिझक छोड़ रहे हैं और प्रयोग करने व नए उत्पादों को आजमाने के लिए उत्साहित हैं.
ऐसा भी नहीं है कि बड़ी तादाद में पुरुष ही सैक्स टौयज खरीदते हों बल्कि महिलाएं भी पीछे नहीं हैं. विजयवाड़ा, वड़ोदरा , बेलगाम और जमशेदपुर जैसे शहरों में महिलाएं पुरुषों से ज्यादा सैक्स टौयज खरीदती हैं. लौकडाउन के दौरान छोटे शहरों में भी सैक्स सुख देने वाले इन खिलौनों की बिक्री बढ़ी थी.
इन शहरों में शिलांग, पानीपत, भटिंडा, हरिद्वार, पणजी, राउरकेला और डिब्रूगढ़ प्रमुखता से शामिल हैं. औनलाइन खरीदारी में 66 फीसदी पुरुष और 34 फीसदी महिलाएं थीं. महिलाओं ने ज्यादातर मसाजर का और्डर दिया तो पुरुषों ने मेल पंप मंगाया.
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इस सर्वे के मुताबिक सैक्स टौय इस्तेमाल करने वाले 86 फीसदी पुरुषों ने पूर्ण संतुष्टि मिलने की बात स्वीकारी. जबकि ऐसी महिलाओं का प्रतिशत 89 था, जिन्होंने सैक्स टौय के इस्तेमाल से संतुष्टि के साथसाथ आर्गेज्म को भी महसूस किया.
पुरुषों को ले कर दिलचस्प बात यह सामने आई कि खुद हस्तमैथुन करने से संतुष्ट पुरुषों की तादाद 54 फीसदी थी, लेकिन जब हस्तमैथुन सैक्स टौय के जरिए किया गया तो 71 फीसदी को संतुष्टि मिली. महिलाओं में तो यह अनुपात हैरतंगेज तरीके से बड़ा पाया गया. बिना सैक्स टौय के हस्तमैथुन करने वाली संतुष्ट महिलाओं की संख्या महज 28 फीसदी थी, लेकिन सैक्स टौय से हस्तमैथुन करने वाली 83 फीसदी महिलाओं ने संतुष्टि मिलना बताया.
सैक्स टौयज का सालाना कारोबार कितना है, इस के ठीकठाक आंकड़े किसी के पास नहीं. लेकिन यह तय है कि यह बाजार बहुत तेजी से बढ़ रहा है क्योंकि बड़ी उम्र तक शादी न करने वालों की तादाद बढ़ रही है और कोई भी रेडलाइट इलाकों में जाने और अवैध संबंधों के बाद के खतरे और जोखिम नहीं उठाना चाहता.
अकेले रह कर नौकरी कर रहे युवक युवतियों के लिए भी सैक्स टौय वरदान साबित हो रहे हैं, जिन का इस्तेमाल जरूरत पड़ने पर कभी भी किया जा सकता है यानी अपने सीक्रेट ड्रीम पूरे किए जा सकते हैं, जिस का औसत खर्च 5 हजार रुपए से भी कम है.
काठमांडू के न्यू बाजार में स्थित स्वीट सीक्रेट दुकान सैक्स खिलौनों के लिए मशहूर है. यह दुकान भी रजिस्टर्ड है जिस में खुशबूदार कंडोम से ले कर बड़े आकार की गुडि़या जैसे कोई डेड़ सौ छोटेबड़े प्रोडक्ट मिलते हैं. सैक्स टौय के ज्यादातर आइटम चीन से मंगाए जाते हैं.
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मंजीत पौडेल और प्रवीण ढकाल नाम के युवकों ने इस दुकान को साल 2010 में खोला था. दुकान खूब चली और प्रतिदिन 5 लाख रुपए से भी ज्यादा की बिक्री होती है.
प्रवीन सैक्स टौय की दुकान खोलते वक्त चिंतित थे कि कहीं इस का विरोध न हो, पर यह आशंका फिजूल निकली और दुकान में रोजाना सौ के लगभग ग्राहक आते हैं, जिन में 10 महिलाएं होती हैं. दुकान से एकतिहाई बिक्री औनलाइन होती है.
मंजीत पौडेल के मुताबिक उन के ग्राहकों में ज्यादातर ऐसे होते हैं जिन का पार्टनर काम के सिलसिले में बाहर रहता है. किस उम्र के लोग ज्यादा सैक्स टौय खरीदते हैं, इस सवाल के जबाब में वह कहते हैं, ‘35 की उम्र के लगभग के लोग ज्यादा आते हैं. ये लोग कंडोम, वाइब्रेटर और सैक्स डौल ज्यादा खरीदते हैं. कई लोग तो सैक्स टौय घर में रह रही अकेली पत्नी के लिए खरीदते हैं.
यानी सैक्स टौय का इस्तेमाल युवा दंपति विवाहेतर संबंधों से बचने के लिए भी कर रहे हैं. यह एक सुखद बात सामाजिक लिहाज से है. वैसे भी देखा जाए तो सैक्स टौयज का इस्तेमाल किसी भी लिहाज से नुकसानदेह नहीं होता.