गुजरात में 29 सितंबर, 2022 से 12 अक्तूबर, 2022 तक 36वें नैशनल गेम्स हुए थे. इन में 36 खेलों में तकरीबन 15,000 खिलाडि़यों ने हिस्सा लिया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे खेल उत्सव की तरह मनाने को कहा था.

ऐसा हुआ भी, पर उसी दौरान नैशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (नाडा) की ओर से खिलाडि़यों की सैंपलिंग की गई थी. फिर आए कुछ चौंकाने वाले नतीजे, जिन्होंने खेल और खिलाडि़यों को शर्मसार कर दिया.

दरअसल, नैशनल डोप टैस्ट लैबोरेटरी की टैस्टिंग में 2 वेटलिफ्टर, 2 बार की कौमनवैल्थ गेम्स की गोल्ड मैडलिस्ट संजीता चानू, चंडीगढ़ की वीरजीत कौर डोप टैस्ट में फंस गई थीं. इन दोनों ने गुजरात में हुए नैशनल गेम्स में सिल्वर मैडल जीते थे.

इस के अलावा कुश्ती में 97 किलो में गोल्ड मैडल जीतने वाले हरियाणा के दीपांशु और सिल्वर मैडल जीतने वाले रवि राजपाल स्टेरौयड मिथेंडियोनौन के सेवन के लिए, 100 मीटर में कांसे का तमगा जीतने वाली महाराष्ट्र की डियांड्रा स्टेरौयड स्टेनोजोलौल के सेवन के लिए, लौन बौउल में सिंगल का सिल्वर मैडल जीतने वाले पश्चिम बंगाल के सोमेन बनर्जी डाइयूरेटिक्स, एपलेरेनौन के सेवन के लिए और फुटबाल का कांसे का मैडल जीतने वाली केरल की टीम के सदस्य विकनेश बीटा-2 एगोनिस्ट टरब्यूटालाइन के सेवन लिए पौजिटिव पाए गए थे.

मैडल जीतने वाले 7 विजेताओं के अलावा साइकिलिस्ट रुबेलप्रीत सिंह, जुडोका नवरूप कौर और वूशु खिलाड़ी हर्षित नामदेव भी डोप टैस्ट में फंसे थे. इन 10 में से 8 खिलाडि़यों पर टैंपरेरी बैन लगा दिया गया.

विकनेश और सोमेन बनर्जी पर टैंपरेरी बैन नहीं लगा. उन के नमूने में वाडा की स्पैसीफाइड सूची में शामिल स्टीमुलैंट और बीटा-2 एगोनिस्ट पाए गए थे.

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