पिछले कुछ समय से पंजाब सुर्खियों में रहा है. 3 कृषि कानूनों का विरोध सब से पहले इसी राज्य में हुआ था, जो एक किसान से दूसरे किसान तक होते हुए देशभर में फैल गया था. बाद में किसानों की जिद और जुनून के आगे नरेंद्र मोदी की केंद्र सरकार का अडि़यल रवैया घुटने टेक गया था और उस ने वे तीनों कृषि कानून वापस ले लिए थे.
पंजाब में तो कांग्रेस सरकार की चूलें तक हिल गई थीं. नतीजतन, हालिया विधानसभा चुनाव में प्रदेश से तो कांग्रेस का सूपड़ा ही साफ हो गया. अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने वहां ऐतिहासिक जीत हासिल की और फिर भगवंत मान की नई सरकार ने कई वीआईपी लोगों की सिक्योरिटी में कटौती करनी शुरू कर दी.
पंजाबी गायक और कांग्रेस से जुड़े सिद्धू मूसेवाला को भी सरकार के इस फैसले का शिकार होना पड़ा था, पर उन्हें इस बात की इतनी बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी, यह तो किसी ने सपने में भी नहीं सोचा था.
शनिवार, 28 मई, 2022 को सिद्धू मूसेवाला की सरकारी सिक्योरिटी हटाई गई थी या कम कर दी गई थी और अगले ही दिन रविवार, 29 मई, 2022 को सरेआम की गई फायरिंग में सिद्धू मूसेवाला को मौत के घाट उतार दिया गया. यह वारदात मानसा जिले के गांव जवाहरके में हुई थी.
खबरों के मुताबिक, सिद्धू मूसेवाला अपने 2 साथियों के साथ गाड़ी से कहीं जा रहे थे. इसी बीच काले रंग की गाड़ी में आए 2 हमलावरों ने उन पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दीं. 30 राउंड फायरिंग में से 20 से ज्यादा गोलियां उन्हें लगी थीं.
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