छत्तीसगढ़  के महासमुंद जिले के सिरपुर अंचल  में विगत कुछ सालों में  दंतैल हाथी 16 ग्रामीणों को मौत के घाट उतार चुका है. यही नहीं  किसानों की सैकड़ों एकड़ जमीन में खड़ी फसल को भी बुरी तरह  नुकसान पहुंचाता रहा  है.

इस हाथी से अंचल के ग्रामीण त्राहिमाम त्राहिमाम कर रहे हैं. दुखी और आक्रोशित ग्रामीण सिरपुर क्षेत्र के लगभग 55 गांव के हजारों ग्रामीणों ने शहर में रैली निकालकर जिलाधीश कार्यालय  का घेराव कर दिया और वन मंत्री  मुर्दाबाद के नारे भी लगाये.

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दरअसल, छत्तीसगढ़ के जंगलों में इन दिनों हाथियों के झुंड विचरण कर रहे हैं लगभग ढाई सौ हाथी छत्तीसगढ़ में विभिन्न वन मंडल क्षेत्रों में आतंक का पर्याय बने हुए हैं आए दिन लोग हाथी के द्वारा मारे जा रहे हैं और फसल आदि का नुकसान भी जारी है ग्रामीण असहाय हैं तो शासन भी असहाय हो चुका है.प्रस्तुत है हाथी एवं मानव के संघर्ष को रेखांकित करती एक रिपोर्ट -

हाथी के उन्माद से हलाकान

छत्तीसगढ़ के सिरपुर के 50 से अधिक गांव के लोग हाथियों के आतंक से बेहद भयभीत हैं ग्रामीणों ने  महासमुंद की सड़कों पर उतर कर हाथी के खिलाफ अपने गुस्से का प्रदर्शन करते हुए छत्तीसगढ़ सरकार और विभाग से मांग की कि हाथी किए भयंकर आतंक से मुक्ति दिलाई जाए

कलेक्टर सुनील जैन से मिलकर ग्रामीणों ने 10 बिन्दु्ओं पर मांग पत्र प्रस्तुत कर हाथी के इस भय के  तत्काल निराकरण की मांग की .

निरंतर  ग्रामीणों और किसानों की मौत से गुस्साये 55 गांव के किसानो ने कलेक्टर सुनील जैन से मिलकर दंतैल हाथी को विक्षिप्त  घोषित करने व हाथियों को सिरपुर क्षेत्र से बाहर करने की मांग की है.आक्रोशित ग्रामीणों ने कलेक्टर व वन विभाग से कहा है पिछले पांच  बरस  में किसानों की हालत बद से बदतर सिर्फ हाथियों  के वजह से हो गई है.

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