रश्मि रिटेल मार्केटिंग का कोर्स कर रही थी. इसी दौरान उसे कालेज के ही रवि नाम के एक लड़के से प्यार हो गया. उन दोनों को जब भी फुरसत मिलती तो वे कालेज के पास ही एक पार्क में घंटों बैठ कर बातें किया करते और एकदूसरे में खो जाते.
चूंकि वह पार्क पे्रेमी जोड़ों के लिए जाना जाता था. ऐसे में कुछ लोग ऐसे भी वहां आते थे जो प्रेमी जोड़े कम रंगरलियां मनाने वाले ज्यादा होते थे. इस वजह से वहां आएदिन पुलिस की दबिश भी पड़ती रहती थी.
एक दिन रश्मि और रवि हर बार की तरह पार्क में बैठ कर एकदूसरे से दिल की बातें कर ही रहे थे कि अचानक पड़ी पुलिस दबिश से पार्क में भगदड़ सी मच गई. रश्मि और रवि जब तक कुछ समझ पाते तब तक 2 पुलिस वालों ने उन को दबोच लिया.
जब रश्मि ने पुलिस द्वारा अपनी गिरफ्तारी की खिलाफत की तो पुलिस ने कहा कि पार्क में अपने आशिक के साथ बैठ कर गुलछर्रे उड़ा रही हो और हम लोगों के छू देने से इतना गुस्सा. इस के बाद पुलिस वाले रश्मि के साथ बदतमीजी पर उतर आए जिस की रवि ने खिलाफत करनी चाही तो पुलिस वालों ने उसे भी मारापीटा.
छापे में पकड़े गए लोगों के साथ पुलिस रश्मि और रवि को भी थाने ले गई. वहां पुलिस वालों ने तमाम तरह की भद्दी फब्तियां कसनी शुरू कर दीं.
जब इस बात की जानकारी रश्मि ने अपने कालेज प्रशासन व घर वालों को दी तो कालेज की दखलअंदाजी के चलते उन्हें पुलिस की गिरफ्त से छुड़ाया जा सका.
थाने से छूटने के बाद रश्मि ने पुलिस वालों द्वारा गिरफ्तारी और उस के साथ की गई बदतमीजी की शिकायत बड़े अफसरों से की जिस का नतीजा यह हुआ कि बिना महिला पुलिस के रश्मि को गिरफ्तार करने और झूठे केस में फंसाने व बेहूदा हरकतें करने की वजह से थाने के कई पुलिस वालों को निलंबित कर दिया गया और कई को सजा भी दी गई.
पुलिस द्वारा प्रेमी जोड़ों को परेशान किए जाने का यह अकेला मामला नहीं है बल्कि ऐसे मामले पूरे देश में हर रोज होते रहते हैं.
प्यार गलत नहीं
समाजशास्त्री गोविंद मिश्र के मुताबिक, प्यार करना हर किसी का हक है और इस के लिए न ही कोई रोक सकता है और न ही प्यार में जाति, धर्म, ऊंचनीच का खयाल रखा जाता है. जवान होते लड़केलड़कियों का एकदूसरे की तरफ खिंचना और छिपछिपा कर मिलना आम बात है. कालेज लाइफ में आने के बाद अकसर ही लड़केलड़कियों में दोस्ती हो जाती है और यही दोस्ती जब प्यार में बदलती है तो उन्हें ऐसी जगह की तलाश होती है जो सुनसान होने के साथसाथ शांत हो जिस से उन के प्यार के बीच में कोई खलल न पड़ने पाए लेकिन पुलिस वाले इन प्रेमी जोड़ों को बेहूदगी फैलाने के नाम पर परेशान करते रहते हैं.
गोविंद मिश्र का आगे कहना है कि अब लोग घरों से निकल कर महंगे होटलों, पार्कों और मौल में अपने प्यार का इजहार करते नजर आ जाते हैं. प्यार करने वालों पर तब शामत आ जाती है जब पुलिस नाहक ही छापे मार कर उन्हें परेशान करती है.
सामाजिक कार्यकर्ता कुलदीप सिंह का कहना है कि पार्कों की झाडि़यों, मौल के कोनों, रैस्टोरैंटों व होटलों में प्यार का इजहार करने वाले जोड़ों को पुलिस द्वारा बेइज्जत करना व शारीरिक सजा देना गैरकानूनी अपराध है.
कभीकभी तो पुलिस वाले इन प्रेमी जोड़ों को बेहूदगी फैलाने के नाम पर फर्जी तरीके से गिरफ्तार कर लेते हैं और सार्वजनिक जगहों पर ही सजा देना शुरू कर देते हैं.
इसी तरह का एक वाकिआ गाजियाबाद में हुआ था जब वहां की महिला थानाध्यक्ष ने प्रेमी जोड़ों को झाडि़यों के पीछे से पकड़ कर टैलीविजन कैमरों के सामने उठकबैठक कराई थी. बाद में उस थानाध्यक्ष अलका पांडेय को निलंबित किया गया था.
अकसर पुलिस वालों का आरोप होता है कि प्रेमी जोड़े पार्कों व स्मारकों जैसी सुनसान जगह की तलाश करते हैं ताकि सैक्स संबंध बना सकें.
पुलिस का यह आधार बिलकुल गलत है क्योंकि अगर संबंध आपसी रजामंदी से बन रहा है तो इस में क्या गलत हो रहा है. जहां तक ऐसे सैक्स संबंधों से बेहूदगी फैलने का सवाल है तो कोई भी जोड़ा खुले में सैक्स संबंध बनाना पसंद नहीं करेगा.
करें खिलाफत
प्यार और सैक्स जिंदगी के सब से अहम पहलू हैं. ऐसे में अगर औरत और मर्द आपसी रजामंदी से प्यार या सैक्स करते हैं तो उन्हें किसी तरह से भी परेशान किया जाना गलत होता है. सुनसान जगहों की कमी के चलते अकसर हम सड़कों के किनारे शाम ढलने के बाद तमाम ऐसे जोड़ों को एकसाथ चिपके हुए देख सकते हैं क्योंकि उन्हें परिवार व घर में वह माहौल नहीं मिल पाता जो ऐसी जगहों पर मिलता है.
पुलिस द्वारा कई बार मुहिम चला कर उन्हें पकड़ा जाता है और ब्लैकमेल भी किया जाता है. इस की वजह यह है कि अकसर ऐसे जोड़े प्यार के शुरुआती दौर में परिवार वालों से अपने प्यार की बात छिपाते हैं जिसे पुलिस वाले बखूबी जानते हैं.
ऐसे जोड़ों की इसी कमजोरी का फायदा उठा कर पुलिस वाले उन्हें पकड़ने के बाद या तो उन से परिवार वालों को बताने की धमकी दे कर पैसे वसूलने की कोशिश करते हैं या फिर थाने ला कर लड़की के साथ छेड़खानी व बेहूदा हरकतें करते हैं. अगर ऐसे हालात आते हैं तो ऐसे जोड़ों को चाहिए कि वे पुलिस वालों की जम कर खिलाफत करें और तेज आवाज में हल्ला मचा कर लोगों को अपनी तरफ बुलाएं.
इस तरह पुलिस की ज्यादती से न केवल बचा जा सकता है बल्कि कुसूरवारों के खिलाफ कार्यवाही के लिए सुबूत और गवाह भी इकट्ठा किए जा सकते हैं.
कभीकभी पुलिस वसूली के मकसद से प्रेमी जोड़ों पर देह धंधे का आरोप भी लगा देती है जिस से उन्हें भारी बदनामी झेलनी पड़ती है और इस का बुरा असर उन के दिमाग पर भी पड़ता है जिस के चलते प्रेमी जोड़े गलत कदम भी उठा बैठते हैं.
इस मसले पर समाजशास्त्री माधुरी का कहना है कि पार्कों या दूसरी सुनसान जगहों पर चोरीछिपे मिलने वाले जोड़े ज्यादातर अपनी दिल की बातें ही कर रहे होते हैं लेकिन पुलिस अपना कोरम पूरा करने के चलते इन लोगों पर कहर ढाती है और उन्हें अपनी ज्यादती का शिकार बनाती है.
अपने साथ ज्यादती करने वाले पुलिस वाले की नेमप्लेट को पढ़ना नहीं भूलना चाहिए. इस से कुसूरवार पुलिस वाले के खिलाफ कार्यवाही कराने में आसानी होती है.
मांबाप की लें मदद
कभी भी पुलिस के हत्थे चढ़ने पर मांबाप की मदद लेना न भूलें. जैसे ही पुलिस वालों द्वारा आप को परेशान किया जाए या थाने ले जाया जाए तो आप अपने मोबाइल से फोन करना या मैसेज डालना न भूलें.
इस का फायदा यह होगा कि आप के साथ होने वाली ज्यादती के पहले ही आप के मांबाप मदद के लिए मौके पर पहुंच सकते हैं.
पुलिस के बारे में रखें ये जानकारियां अगर कभी आप पार्क, मौल या दूसरी जगहों पर पुलिस के हत्थे चढ़ते हैं तो पुलिस आप से सामान्य पूछताछ कर सकती है लेकिन आप को मारनेपीटने या सजा देने का हक उस के पास नहीं होता है, बल्कि सजा देने का हक कोर्ट का है.
– अगर पुलिस आप से पूछताछ करे तो बगैर घबराए सही जानकारी दें और जरूरत पड़ने पर तलाशी लेने के दौरान अपने जानने वालों के सामने ही तलाशी देने पर राजी हों क्योंकि कभीकभी पुलिस वालों द्वारा झूठे केस में फंसाने के मकसद से ही गैरकानूनी चीजें दिखा कर आप को फंसाया जा सकता है.
– अगर कभी गिरफ्तारी की नौबत आती है तो औरत या लड़की को गिरफ्तार करने का हक सिर्फ महिला पुलिस को ही होता है. किसी भी हालात में मर्द पुलिस वाला उन्हें गिरफ्तार नहीं कर सकता.
– गिरफ्तारी के दौरान आप अपनी गिरफ्तारी की वजह जरूर पूछें और गिरफ्तारी की जायज वजह न बताने पर आप अपनी गिरफ्तारी की खिलाफत भी कर सकते हैं. आप अपने वकील को बुला कर सलाह भी ले सकते हैं.
– गिरफ्तारी के दौरान पुलिस द्वारा जोरजबरदस्ती करना कानूनन अपराध है. सामान्य नागरिक को हथकड़ी लगाना भी गैरकानूनी है. अगर आप को शक की बिना पर गिरफ्तार किया गया है तो जरूरी है कि पुलिस गिरफ्तारी की सूचना मजिस्ट्रेट को दे और 24 घंटे के अंदर कोर्ट में पेश करे वरना आप को पुलिस को छोड़ना ही होगा.
– ज्यादातर पुलिस द्वारा रात के अंधेरे में ही प्रेमी जोड़ों की गिरफ्तारी की जाती है क्योंकि रात के समय किसी सामान्य नागरिक को गिरफ्तार करना कानूनन गलत है. अगर ऐसा आप के साथ होता है तो आप पुलिस के साथ जाने से इनकार कर सकते हैं. इस के लिए पुलिस को जोरजबरदस्ती करने का हक नहीं है.