एक ओर तो देश में डिजिटल इंडिया को बढ़ाने की बात की जा रही है वहीं दूसरी ओर ग्राहक की जेब ढीली की जा रही है. कई तरह के औनलाइन ट्रांजिक्शन में हमें ज्यादा रकम देनी पड़ती है. वहीं उपभोक्ता इस तरह के लेन-देन से बचता है और कैश की तरफ ज्यादा होता है. ऐसा ही हुआ औनलाइन टिकट बुकिंग पर.

IRCTC द्वारा जारी किए गए 30 अगस्त के आदेश के अनुसार अब गैर-एसी क्लास के लिए 15 रुपये प्रति टिकट और AC क्लास के लिए 30 रुपये प्रति टिकट सेवा शुल्क वसूला जाएगा. यहां आपको बता दें कि जीएसटी अलग से वसूला जाएगा. नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार डिजिटल इंडिया परियोजना के तहत डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए तीन साल पहले सेवा शुल्क वापस ले लिया गया था.

इससे पहले IRCTC नौन-एसी (non AC) ई-टिकट पर 20 रुपये और एसी क्लास के लिए 40 रुपये का सर्विस चार्ज वसूलता था. इस महीने की शुरुआत में, रेलवे बोर्ड ने इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कौरपोरेशन (IRCTC) को औनलाइन टिकट बुक करने वाले यात्रियों से सर्विस चार्ज के फिर से वसूलने के लिए मंजूरी दे दी थी. 30 अगस्त को लिखे पत्र में, रेलवे बोर्ड ने कहा था कि आईआरसीटीसी (रेलवे की पर्यटन शाखा) ने ई-टिकट की बुकिंग पर सेवा शुल्क की बहाली के लिए एक विस्तृत मामला बनाया था और जिसकी जांच सक्षम प्राधिकारी द्वारा की गई थी.

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देश की आजादी के बाद दो बार ऐसा वक्त आया था जिसको इतिहास का सबसे बड़ा राजनीतिक फेरबदल कहा जाता है. मेरे अनुसार साल 1975 जब देश में पहली बार गैर कांग्रेसी सरकार बनी थी. मोरार जी देसाई उस वक्त प्रधानमंत्री बने थे. हालांकि देसाई पांच साल सरकार नहीं चला पाए.

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