असम में आईपीएस संजुक्ता पराशर को आयरन लेडी के नाम से जाना जाता है. जिस तरह वह हाथों में एके 47 ले कर जंगलों में कौंबिंग करती थीं, वह भी खूंखार उग्रवादियों के इलाकों में, उस से उन्हें महिला सशक्तिकरण की जीतीजागती मिसाल माना जाना चाहिए. इस आयरन लेडी ने...

15महीने में 16 एनकाउंटर करना कोई छोटी बात नहीं होती. लेकिन कानून की रक्षा के लिए सिर पर

कफन बांध कर निकलने वालों के लिए यह कोई बड़ी बात नहीं. ये वे लोग होते हैं, जो फर्ज और देश के लिए सिर पर कफन बांध कर निकलते हैं और इस के लिए मर भी सकते हैं. असम की आयरन लेडी के नाम से मशहूर संजुक्ता पराशर उन्हीं में से हैं.

सन 2008-09 में टे्रनिंग के बाद संजुक्ता पराशर की तैनाती असम के माकुम में असिस्टैंट कमांडेंट के रूप में हुई थी. उन की पोस्टिंग के कुछ ही दिन हुए थे कि उदालगिरी बोडो और बांग्लादेशियों के बीच जातीय हिंसा हुई तो संजुक्ता पराशर को उस जातीय हिंसा को रोकने के लिए भेजा गया.

इस औपरेशन को उन्होंने खुद लीड किया और केवल 15 महीने में 16 आतंकवादियों को मार गिराया. साथ ही 64 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. एके 47 रायफल हाथ में ले कर जंगलों में वह न सिर्फ कौंबिंग करती थीं, बल्कि सब से आगे चलती थीं.

संजुक्ता नईनई पुलिस अधिकारी थीं, पर अपनी हिम्मत से उन्होंने उस जातीय हिंसा को तो समाप्त किया ही, उन्होंने अपनी टीम के साथ कुछ ऐसा किया कि उग्रवादी उन के नाम से कांपने लगे.

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