विका की शादी तय हो गई थी. हर लड़की की तरह उस के मन में भी शादी को ले कर बहुत उतावलापन था. पर जब उसे यह याद आता था कि शादी के बाद नए घर जाना है, नए-नए लोगों के बीच तालमेल बैठाना है, तब वह परेशान हो जाती थी. सब से ज्यादा परेशानी की वजह पति के साथ बनने वाले जिस्मानी संबंधों को ले कर थी.
इस उलझन में देविका को रात में नींद नहीं आती थी. उसे लगता था कि जिस शरीर को कभी किसी को छूने नहीं दिया, उसे किस तरह दूसरे को सौंप सकती है. जिस्मानी संबंधों को ले कर भी उस के मन में एक हिचक थी. वह यह समझती थी कि हनीमून मतलब पति के साथ सैक्स करने के लिए घूमने जाना होता है. सैक्स करने से बच्चा ठहर जाता है.
देविका गांव की रहने वाली लड़की थी. हनीमून को ले कर उस ने जोकुछ फिल्मों और सीरियलों में देखा था, वही पता था. कुछ भाभियां और बड़ी बहन जैसी लड़कियां उसे जानकारी कम देती थीं, मजाक ज्यादा करती थीं.
देविका की समझ में नहीं आ रहा था कि वह अपने हनीमून को ले कर क्या तैयारी करे? एक बार तो उस ने सोचा कि हनीमून के लिए मना ही कर दे. फिर उसे अपनी एक सहेली की हनीमून की तसवीर याद आई, उस की खुशी देखी तो उस का भी मन
होने लगा. उस ने सोचा कि सैक्स तो होना ही है, हनीमून न जाने से कौन सा बच जाना है.
देविका ही नहीं, बल्कि ब्याहता होने जा रही तमाम लड़कियों की हालत एकजैसी ही होती है. हां, शहरों की लड़कियों के लिए हनीमून की जानकारी होना कोई बड़ी बात नहीं है. गांव की लड़कियों के लिए यह अभी भी नई बात जैसा है.