ये सभी छोटी जोत के किसान हैं और अपनी जमीन के छोटे से टुकड़े पर पारंपरिक रूप से सब्जियों की खेती करते आ रहे थे. इस के चलते उन का खर्चा बड़ी मुश्किल से चल पाता था. ऐसे में इन किसानों को परिवार चलाने के लिए बाकी दिनों में मेहनतमजदूरी कर अपना पेट पालना पड़ता था.

ऐसे में उत्तर प्रदेश के फैजाबाद जिले की स्वैच्छिक संस्था ‘पानी’ ने 2 साल पहले इन किसानों को पारंपरिक खेती छोड़ मचान विधि से सब्जियों की खेती करने की सलाह दी. साथ ही, इस संस्था ने इन किसानों को तकनीकी मदद के साथ ही उपकरण, खादबीज की निशुल्क मदद देने का प्रस्ताव भी रखा.

संस्था के इस प्रस्ताव को देखते हुए कई किसान ‘पानी’ संस्था द्वारा बताई गई विधि से सब्जियों की खेती करने को तैयार हो गए.

फिर क्या था, इस गांव के किसान लालबहादुर, राम दुलार, तुलसीराम, धीरेंद्र, पृथ्वीपाल, निरंजन, धर्मेंद्र, मेवालाल, रामकली, मंजू बलवंत मौर्या, प्यारेलाल ने 2 साल पहले अपने खेत में मचान विधि से खेती करने की शुरुआत की हामी भर दी.

संस्था के सहयोग से बनी बात?: जिन किसानों ने मचान खेती के जरीए अपनी माली हालत में तरक्की लाने का काम किया है, उस में ‘पानी’ संस्था का बहुत बड़ा योगदान है. इस मसले पर ‘पानी’ संस्था के कर्मचारी संजीव पाठक ने बताया कि किसानों की तरक्की के लिए इस

संस्था ने एचडीएफसी बैंक

के सहयोग से किसानों को बांस के टुकड़े, रस्सियां, तार, खाद, बीज वगैरह मुहैया कराए.

इन किसानों ने भी संस्था की देखरेख में मचान विधि से खेती की शुरुआत की. इस के लिए ‘पानी’ संस्था की तरफ से किसानों को कृषि विशेषज्ञ भी उपलब्ध कराए गए.

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