हिंदी फिल्म कलाकार और पूरी दुनिया में ‘किंग खान’ के नाम से मशहूर सुपर स्टार शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान और उस के साथ कई लोगों को बैन किया गया. नशा अपने पास रखने और उस का सेवन करने का आरोप उन पर लगा, तो पूरी दुनिया में इस तरह के नशे पर बहस शुरू हो गई.

चिलम, तंबाकू और सिगरेट के साथ गांजे का इस्तेमाल भारत में लंबे समय से होता रहा है. कई मंदिरों में तो यह प्रसाद के तौर पर चढ़ता है. आयुर्वेद में गांजे को दवा के तौर पर भी इस्तेमाल किया जाता है. नशे और दवा दोनों के रूप में गांजे का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है.

एक तरफ इस को नशा मान कर इस का कारोबार गैरकानूनी माना जाता है, वहीं दूसरी तरफ दवा और प्रसाद जैसा मान कर इस के बैन को हटाने की मांग भी की जा रही है.

इन सब बातों के बीच गांजे का सब से बड़ा और बुरा असर आम घरपरिवार पर पड़ रहा है. इस की वजह से परिवार के परिवार उजड़ रहे हैं. 50 रुपए की पुडि़या में मिलने के चलते यह सस्ता और मिलना आसान हो गया है. यही वजह है कि गांव के गरीब इस का सेवन कर के बरबाद हो रहे हैं.

गांजे का इस्तेमाल भारत के कई मंदिरों में प्रसाद के तौर पर किया जाता है. कई मंदिरों में इसे ‘महादेव का प्रसाद’ भी कहा जाता है. उत्तर कर्नाटक में कई ऐसे मंदिर हैं, जहां गांजे का इस्तेमाल प्रसाद के तौर पर किया जाता है.

यादगीर जिले के तिन्थिनी के मोरेश्वर मंदिर में छोटे पैकेट में गांजा बतौर प्रसाद मिलता है. बताया जाता है कि यह ध्यान करने में मददगार होता है.

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