मामला 1

मध्य प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य जिले धार के गांव गिरवान्या में पिछले साल 12 दिसंबर को महुआ के एक पेड़ पर जवान लड़कालड़की फांसी पर लटके मिले थे. लड़के का नाम दिनेश और लड़की का नाम सीमा था. वे दोनों एक शादी में शामिल होने अपने गांव देगडी नानपुर से गिरवान्या आए थे.

यह खबर जंगल की आग की तरह पूरे निमाड़ इलाके में फैली. यह तो हर किसी को समझ आ गया था कि मामला प्यारमुहब्बत का रहा होगा, लेकिन लोगों को जब यह पता चला कि सीमा और दिनेश आपस में चचेरे भाईबहन थे, तो हर किसी ने यह कहा कि उन्होंने खुदकुशी कर के दूसरी गलती की. पहली गलती यह थी कि भाईबहन होने के नाते उन्हें प्यार के पचड़े में ही नहीं पड़ना चाहिए था.

तो फिर क्या करते वे दोनों और ऐसी गलतियां अकसर आजकल के जवान लड़केलड़कियों से क्यों हो रही हैं कि वे नजदीकी रिश्ते में प्यार में पड़ जाते हैं और साथ जीनेमरने और शादी की कसमें खाने के बाद जब घर वालों से शादी की बात करते हैं, तो उन पर तो मानो पहाड़ सा टूट पड़ता है, क्योंकि रिश्तेनातों की मर्यादा इस की इजाजत नहीं देते?

इस सवाल का जवाब दिनेश के पिता सुकलाल और सीमा के पिता इरडा के पास भी नहीं है जो आपस में भाईभाई हैं. उन दोनों के चेहरे अपने बच्चों को खोने के 3 महीने बाद भी बुझे और उतरे हुए हैं, लेकिन वे भी समाज और उसूलों से बंधे हैं, जो गलत कहीं से नहीं कहे जा सकते.

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