यह पहली नजर का उफ क्या असर है. तुम्हारी कसम, डगमगाए से हम हैं... उंगलियों में चाबी का गुच्छा नचाते, फुल वौल्यूम में गाते हुए अतुल ने बंधु के कमरे में प्रवेश किया. मेज पर फैली अपनी किताबों को समेटते हुए बंधु ने अतुल से पूछा, ‘‘यार, क्या बात है, बड़ा खुश नजर आ रहा है?’’
‘‘यार, बात ही ऐसी है,’’ कहते हुए अतुल गाने की फिर वही पंक्तियां दोहराने लगा.
बंधु ने अपनी बेचैनी दबाते हुए फिर पूछा, ‘‘अब कुछ बताएगा भी या यों ही गला फाड़ता रहेगा?’’
जब अतुल ने कालेज में ही पढ़ने वाली नीता के साथ अपनी पहली नजर में ही प्यार हो जाने का किस्सा सुनाया तो बंधु हंसने लगा और हंसतेहंसते बोला, ‘‘यार, तू इसे पहली नजर क्यों कह रहा है? मुझे तो लगता है यह शायद तेरी 26वीं नजर वाला प्यार है. एमए में हम दोनों को साथ पढ़ते हुए अभी सिर्फ एक साल ही बीता है, लेकिन इन 12 महीनों में तेरी नजरें 25 युवतियों से तो पहली नजर वाला प्यार कर ही चुकी हैं.
अपनी पहली नजर के प्यार की यों मखौल उड़ता देख अतुल चिढ़ सा गया, बोला, ‘‘मैं सब समझता हूं, तुझ से तो कुछ होता नहीं, बस, बैठाबैठा मेरी तरक्की देख कर जलता रहता है.’’
दोस्त को मनाते हुए बंधु बोला,’’ यार, तू तो नाराज हो रहा है. अरे, मैं क्यों तेरी तरक्की से जलने लगा, मैं तो चाहता हूं कि तू और तरक्की करे. लेकिन जिसे तू प्यार कह रहा है वह प्यार न हो कर मात्र आकर्षण है.’’
बंधु की बात बीच में ही काटता हुआ अतुल बोला, ‘‘यार, तेरी हर समय यह लैक्चरबाजी मुझे पसंद नहीं. अरे, दिलों की बात तू क्या जाने? नीता और मैं दोनों एकदूसरे को कितना चाहने लगे हैं, हम शादी भी करेंगे. तब तेरा मुंह बंद हो जाएगा.’’