सेक्स एक ऐसा शब्द है जिसके बारे में आज भी लोग अपने से छोटे या बड़े से बात करते हुए कतराते हैं।लेकिन सेक्स के बारे में सही जानकारी होना बेहद जरूरी हैं क्योंकि सही जानकारी हमें कई परेशानियों व बिमारियों से बचा सकती है।सेक्स हमारे जीवन का अहम हिस्सा है फिर चाहे अविवाहित हो या विवाहित। क्योंकि ख़ुशहाल जीवन जीने के लिए आनंददायक सेक्स ज़रूरी है,हमारी उम्र के अनुसार सेक्स की चाहत में भी बदलाव आते रहते हैं। इस का कारण हार्मोन्स मे बदलाव, बढ़ती उम्र,आपसी संबंध या जिमदारियों का बोझ भी हो सकता है। विवाह के बाद सेक्स आपके रिश्ते को मजबूती देता है इसलिए सुखी विवाहिक जीवन में इसका बहुत बड़ा रोल है। तो चलिए जानते हैं किस उम्र में सेक्स की इच्छा जागरूक होती है व किस तरह उम्र के अनुसार इसके पड़ाव में बदलाव आते हैं।

किशोरवस्था में सेक्स की तरफ झुकाव (14-18 वर्ष )

किशोर अवस्था में ना सिर्फ शरारिक बदलाव होते हैं बल्कि मानसिक बदलाव भी होते हैं इस उम्र में बॉडी में सेक्स हार्मोंस का स्तर काफ़ी तेज़ी से बढ़ता है यही वह उम्र है जिसमें हार्मोनल बदलाव के कारण सेक्स को लेकर उत्सुकता बढ़ती है इस उम्र की लड़कियों में अपने पार्टनर के प्रति भावनात्मक लगाव अधिक रहता है और लड़को में सेक्स के प्रति भावनत्मक से ज्यादा फिजिकल होने की इच्छा अधिक होती है जिसके लिए वह सेक्स से संबंधित फिल्मे देखना व किताबें पढना अधिक पसंद करते हैं।इसलिए सेक्स को लेकर सबसे ज्यादा एक्सपेरिमेेंट्स, फैंटेसी और ड्रीमिंग भी इसी उम्र में होती है।

प्रारंभिक वयस्कता में सेक्स की तरफ झुकाव (18-35 वर्ष )

18 से 35 साल की आयु के बीच पुरषों में कामोत्तेजना के लिए जरूरी हार्मोन सामान्य रूप से अधिक होते हैं क्योंकि वे टेस्टोस्टेरॉन की वजह से हायर सेक्स ड्राइव का अनुभव करते है।युवाओं में सेक्स को लेकर उनमें कई तरह की जिज्ञासाएं व उत्तेजनाएं उमड़ने लगती हैं।वहीं महिलाए उम्र के इस पड़ाव में सबसे ज्यादा फर्टाइल होती हैं. उनके गर्भ ठहरने की उम्मीद इस उम्र में सबसे अधिक होती हैं।उनके मन में भी सेक्स को लेकर बहुत ज्यादा उत्साह व उत्तेजना रहती है अधिकतर लड़कियां सेक्सुअल रिलेशन बनाने से पहले अपने पार्टनर के साथ क्वालिटी टाइम बिता कर उसे समझने , प्रेम भरी बातें करने,की चाह रखती हैं और साथ हीं लड़कियां सेक्सुअली इन्वॉल्व होना उसी के साथ पसंद करती हैं जिससे उनकी सोच मिलती हुई हो और वह उनके साथ आगे चल कर रिश्ता निभा सके लेकिन यदि उनका पार्टनर उम्मीदों पर खरा नहीं उतरता तो यह उनके लिए तनाव और डिप्रेशन का कारण बनने लगता है, जो विभिन्न प्रकार की मानसिक-शारीरिक परेशानियों का कारण बन जाता हैं वहीं लड़कों में ऐसी सोच कुछ में हीं होती है क्योंकि लड़के इमोशनली कम बल्कि सेक्सुअल रिलेशन बनाने की इच्छा अधिक रखते हैं।

मध्य वयस्कता में सेक्स के प्रति लोगों की झुकाव (35-50 वर्ष )

यह उम्र का वो दौर होता हैं जब दोनों पार्टनर्स पर बहुत सी ज़िम्मेवारियां होती हैं इस स्टेज में बहुत से पुरुष और महिला जब 35 की उम्र तक पहुंचते हैं, तो उनका सेक्स के प्रति झुकाव कम होने लगता है। लेकिन सेक्स की क्वॉलिटी पहले से बेहतर ज़रूर हो जाता है, क्योंकि दोनों पार्टनर काफ़ी मैच्योर होने के साथ साथ दोनों एक-दूसरे को समझ चुके होते हैं। जिस कारण उनका रिश्ता फिजिकल से ज्यादा भावनात्मक रूप से मजबूत हो जाता है इस दौरान समय की कमी, ऑफिस का वर्क प्रेशर, घर परिवार की जिम्मेदारियों के चलते सेक्स लाइफ भी काफ़ी हद तक प्रभावित होती है। वैसे 35 से 45 की उम्र की महिलाएं सेक्स को ज्यादा एन्जॉय करती हैं 45 के बाद महिलाओं में मेनोपॉज़ की समस्या होने लगती हैं। जिस कारण मूड स्विंग व सेहत संबंधी परेशानियां होने लगती हैं। जिस करण सेक्स लाइफ पर काफ़ी असर पड़ता है।
50 की उम्र से प्रोढ़अवस्था में सेक्स की तरफ झुकाव जिन पार्टनर्स की लाइफ स्टाइल और फिजिकल फिटनेस अच्छी होती है वो 50 की उम्र में भी सेक्स को एन्जॉय करते हैं लेकिन ऐसे जोड़े कम हीं होतें हैं क्योंकि इस उम्र तक आते आते एनर्जी लेवल कम हो जाता है लोग बिमारियों की गिरफ्त में आ जाते हैं जिस करण वे सेक्स से दुरी बनाने लगते हैं। इस उम्र तक लोग सास-ससुर और दादा-दादी बन जाते हैं, जिस कारण पार्टनर आपस में इस बारे में बात करने तक में हिचकते है और सेक्स से दुरी बना लेते हैं।

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...