सवाल
मैं अपने मातापिता का इकलौता पुत्र हूं. मैं ने अपनी मरजी से शादी की है. लड़की नेपाली है, इसलिए मातापिता को वह बिलकुल पसंद नहीं, क्योंकि उन्होंने मेरे लिए अपनी जात (पंडित) की लड़की पसंद की हुई थी.
मेरे पिता जातबिरादरी को बहुत महत्त्व देते हैं. मैं अब पत्नी के साथ अलग एक किराए के मकान में रहता हूं. मेरी कोई खास जौब नहीं है और पत्नी की भी कोई खास आमदनी नहीं है. अब आटेदाल का भाव पता चल रहा है. पिता कहते हैं कि मुझे संपत्ति से बेदखल कर देंगे. क्या वे ऐसा कर सकते हैं. इकलौता पुत्र होने के नाते क्या उन की संपत्ति पर मेरा कोई कानूनी अधिकार नहीं है?
जवाब
कानूनन जो संपत्ति किसी व्यक्ति ने खुद की कमाई से अर्जित की है या खुद बनवाई है, उस संपत्ति के ऊपर व्यक्ति के बेटे या बेटी का कानूनी रूप से कोई अधिकार नहीं होता है. हां, यदि आप के पिता को संपत्ति अपने पूर्वजों से प्राप्त हुई है तो उस पैतृक संपत्ति पर आप का भी पूर्ण अधिकार है. लेकिन पिता की मृत्यु के बाद ही पैतृक संपत्ति में अपने अधिकार का दावा कर सकते हैं. फिलहाल आप के पिता जब तक जीवित हैं, संपत्ति पर उन्हीं का मालिकाना हक है. वे अपनी मरजी से अपनी पैतृक संपत्ति को किसी अन्य व्यक्ति को बेच भी सकते हैं या किसी के नाम पर वसीयत भी कर सकते हैं.
यदि पिता अपनी संपत्ति किसी के नाम नहीं करते हैं और उन की मृत्यु हो जाती है तो ऐसी स्थिति में उस व्यक्ति के वैध उत्तराधिकारियों के बीच पैतृक संपत्ति का बंटवारा कर दिया जाता है.