सवाल

मेरे पिता ऐसी नौकरी नहीं करते जिसे वे घरबैठे जारी रख सकें. सो, घर का सारा खर्च मेरे कंधों पर है. मेरी तनख्वाह से जो पैसा आता है वह मैं घर में दे देता हूं. लेकिन मुझे लगता है जैसे मेरे इतना सब करने पर भी मेरे मातापिता को मेरी बिलकुल कद्र नहीं है. वे मुझ पर किसी भी बात के लिए ऐसे चीख पड़ते हैं जैसे मैं अब भी छोटा बच्चा हूं. कभीकभी तो इतना गुस्सा आता है कि मन करता है नौकरी छोड़ कर बैठ जाऊं, शायद तब उन्हें समझ आए कि उन्हें कम से कम अब मुझ से इस तरह पेश नहीं आना चाहिए.

जवाब

आप जानते हैं कि इस समय आप के मातापिता को आप की जरूरत है और इस समय आप का इस तरह बातें करना बेहद दुखी करता है. माना आप के मातापिता का आप पर इस तरह चिल्लाना सही नहीं लेकिन आप का भी इस तरह की बात करना सही नहीं है. आखिर वे आप के मातापिता हैं और उन्हें आप की इस समय सब से ज्यादा जरूरत है. आप उन से कह दीजिए कि उन का इस तरह पेश आना आप को पसंद नहीं व इस से आप को गुस्सा आता है, यकीनन वे समझेंगे. लौकडाउन में आज जहां देश आर्थिक संकट की तरफ अग्रसर है वहां यदि आप नौकरी छोड़ देंगे तो यह अपने पैर पर ही कुल्हाड़ी मारने जैसा होगा. किसी भी स्थिति में गुस्से में कोई फैसला मत लीजिए.

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