सवाल

मेरा बौयफ्रैंड है. मैं उसे बहुत प्यार करती हूं. वह भी मुझे चाहता है और जताता भी है. मुझे उस पर विश्वास है, लेकिन उस के औफिस में बहुत सी लड़कियां हैं जिनमें से कुछ को मैं जानती भी हूं, जो मुझे लगता है उस पर लाइन मारती हैं. मुझे हर वक्त खटका सा लगा रहता है कि कहीं वह उन की तरफ आकर्षित न हो जाए. देखने में मैं भी आकर्षक हूं लेकिन वे लड़कियां तो औफिस में सारा दिन उस के साथ रहती हैं, काम करती हैं, हंसी-मजाक भी होते होंगे. हम दोनों तो हफ्ते में एक बार मिलते हैं, बस. हां, फोन पर जरूर रोज बातें होती हैं. फोन पर बात करना और किसी का फिजिकली मौजूद रहने में फर्क है. मैं ऐसा क्या करूं कि उस के दिमाग में मैं ही मैं रहूं. किसी और लड़की के बारे में वह सोचे भी न?

जवाब

आप अपने बौयफ्रैंड को ले कर बहुत ज्यादा ही पजेसिव हैं. हर किसी की लाइफ में कितने ही लोग आते हैं, मिलते हैं, बातें होती हैं, साथ काम करते हैं, हंसीमजाक भी होता है. लेकिन, प्यार तो हम सिर्फ एक से ही करते हैं न. आप के बौयफ्रैंड के औफिस में लड़कियां हैं तो क्या हुआ. विश्वास नाम की भी तो चीज होती है. इस बात पर ध्यान देने के बजाय इस बारे में सोचिए कि अपने बौयफ्रैंड को आप कैसे ज्यादा से ज्यादा खुश रख सकती हैं ताकि उस के दिलोदिमाग में आप ही आप छाई रहें. लड़कियां भावुक होती हैं तो लड़के भी इमोशनल होते हैं.

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