Caste Problem: अगर आप भी अपनी समस्या भेजना चाहते हैं, तो इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें.

सवाल -

मेरी उम्र 16 साल है और मैं भरतपुर के एक गांव की रहने वाली हूं. हमारे गांव में एक ही स्कूल है और हमारे आसपड़ोस के सभी बच्चे उसी स्कूल में पढ़ते हैं. मैं जब भी स्कूल जाती हूं तो वहां सभी बच्चे मुझे एससी/एसटी कह कर चिढ़ाते हैं. मैं और मेरा परिवार दलित हैं तो हमें कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. आसपड़ोस वाले भी हम से ज्यादा मतलब नहीं रखते, लेकिन मुझे ज्यादा दिक्कत अपने स्कूल में होती है. हर समय बच्चों का मुझे चिढ़ाना मेरे दिमाग में घूमता रहता है जिस की वजह से मैं पढ़ाई पर ध्यान भी नहीं दे पाती. मैं ने कई बार उन बच्चों की शिकायत अपनी क्लास टीचर से भी की, लेकिन उन्होंने इस बात कोई ऐक्शन नहीं लिया. आप ही बताइए कि मुझे क्या करना चाहिए?

जवाब -

मुझे यह सुन कर काफी हैरानी हुई कि आज भी लोग जातपांत को ले कर अपनी सोच बनाए बैठे हैं. एससी/एसटी या फिर दलित होना कोई शर्मिंदगी की बात बिलकुल नहीं है. जब तक आप खुद अपनेआप को कमजोर दिखाती रहेंगी, तब तक सभी आप को परेशान करते रहेंगे और साथ ही चिढ़ाते भी रहेंगे.

आप अगर उन की बात को ले कर परेशान होती रहोगी तो ऐसे लोग आप को और भी ज्यादा परेशान करेंगे. आप को सिर्फ और सिर्फ अपनी पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए और साथ ही अगर आप उन लोगों को जवाब देना चाहती हैं तो अपने काम से दीजिए. पढ़लिख कर जब आप कुछ अच्छा कर रही होंगी, तब सब के मुंह अपनेआप बंद हो जाएंगे.

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