इन दिनों तमिलनाडु की सभी मुख्य सड़कें गहमागहमी से भरी हैं, क्योंकि सूबे के रिटेल स्टोर भारी डिस्काउंट की घोषणाएं कर रहे हैं. हालांकि तमाम त्योहार-उत्सव अभी थमे हुए हैं, क्योंकि अभी आषाढ़ का महीना चल रहा है और इस महीने को अमांगलिक माना जाता है. आषाढ़ में कोई शादी नहीं होती. बरसात का मौसम इसके मुफीद भी नहीं होता. फिर यह वह काल होता है, जब सूर्य अपनी दिशा बदलता है.

अगस्त के मध्य तक जैसे ही यह अवधि पूरी तरह खत्म होगी, राजनीतिक परिदृश्य में गतिविधियों के तेज होने की संभावना है, और यही गतिविधियां 2019 के आम चुनाव की पटकथा रचेंगी. जुलाई के अंत में डीएमके विपक्षी पार्टियों का एक सम्मेलन आयोजित कर रहा है, जिसका मकसद राज्यों के अधिकारों पर बल देने के साथ-साथ केंद्र को देश की संघीय भावना का स्मरण कराना है. क्षेत्रीय पार्टियां व राष्ट्रीय दलों की राज्य इकाइयां जमीनी कार्यकर्ताओं को चुनाव के लिए तैयार करने में जुट गई हैं.

लेकिन सबसे बड़े धमाके की उम्मीद सुपर स्टार रजनीकांत से है. इस साल की शुरुआत में उन्होंने राजनीति में उतरने का एलान किया था, हालांकि उन्होंने अपनी पार्टी की घोषणा अब तक नहीं की है. दरअसल, रजनीकांत अपने फैन्स क्लबों व विभिन्न क्षेत्रों के प्रशंसकों की मदद से जमीनी स्तर पर संगठन तैयार करने में जुटे हैं. भाजपा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ व कई दूसरे हिंदू संगठन इसकी भूमिका तैयार कर रहे हैं. यहां तक कि मृतप्राय कांग्रेस भी अपनी पुरानी शिथिलता त्यागकर खुद को सक्रिय करने की कोशिश करती दिख रही है, लेकिन इन सबके बीच एक पार्टी पूरी तरह दिशाहीन दिख रही है, और वह है अन्नाद्रमुक.

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