पिछले तकरीबन 40 साल तक बिहार से ले कर दिल्ली तक अपनी धमक रखने वाले लालू प्रसाद यादव की पार्टी राजद और परिवार में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है. लालू यादव के बड़े बेटे और विधायक तेजप्रताप यादव ने अपने छोटे भाई तेजस्वी यादव और राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के खिलाफ मोरचा खोल रखा है.

इतना ही नहीं, तेजप्रताप यादव ने राजद के बराबर अपना नया संगठन भी बना लिया है, जिस का नाम छात्र जनशक्ति परिषद रखा है. इस संगठन का लोगो यानी चिह्न ‘बांसुरी’ रखा है. एक तरह से देखा जाए, तो उन्होंने राजद के चिह्न ‘लालटेन’ को भी छोड़ दिया है.

2 अक्तूबर, 2021 को अपने संगठन छात्र जनशक्ति परिषद के प्रशिक्षण शिविर में तो तेजप्रताप यादव ने अपने भाई तेजस्वी यादव और जगदानंद सिंह की धज्जियां उड़ा कर रख दीं.

तेजप्रताप ने तेजस्वी का नाम लिए बगैर कहा कि दिल्ली में उन के पिता लालू यादव को बंधक बना कर रखा गया है. उन्हें कोर्ट से जमानत मिले कई महीने गुजर गए और उन्हें पटना नहीं लाया जा रहा है. लालूजी की गैरमौजूदगी में जिस तरह से पार्टी को चलाया जा रहा है, उस से पार्टी चलने वाली नहीं है, टूट जाएगी, बिखर जाएगी.

समस्या: बिजली गुल टैंशन फुल

उन्होंने आगे कहा कि उन के पिता अपने सरकारी निवास के आउटहाउस में नियमित रूप से बैठते थे और जनता से मिलते थे. उन के घर का दरवाजा हमेशा खुला रहता था. आज यह हालत है कि मेन गेट को बंद रखा जाता है. घर से कुछ पहले ही मोटा रस्सा लगा कर लोगों के आनेजाने पर रोक लगा दी गई है. ऐसे कहीं पार्टी चलती है क्या? जब जनता ही नहीं होगी तो पार्टी किस के लिए? राजनीति किस के लिए?

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