सत्रहवीं लोकसभा के चुनाव ने बिहार और देश की राजनीति में हास्य राजनेता के रूप में स्थापित लालू प्रसाद यादव को शोक मैं निमग्न कर दिया. बिहार की 40 लोकसभा संसदीय सीटों में एक सीट भी लालू यादव के राष्ट्रीय जनता दल को नहीं मिली. लालू अभी चारा घोटाले के तीन मामलों में जेल में हैं और लोकसभा चुनाव समर की बागडोर उनकी राजनीतिक विरासत संभाल रहे तेजस्वी यादव ने संभाली हुई है. मां राबड़ी देवी के सरपरस्ती में तेजस्वी यादव ने बिहार और देश की राजनीति में अल्प समय में अपनी छवि बना ली मगर लोकसभा चुनाव में भारी पराजय का विश्लेषण लालू की विरासत संभाल रहे तेजस्वी ने आज तलक कम से कम मीडिया से तो साझा नहीं किया है.

हम बात कर रहे हैं उन लालू प्रसाद यादव की. जो अपने बूझ-अबूझ हास्य व्यक्तित्व से देश के लाखों करोड़ों लोगों के हृदय में बसे हुए हैं. उनके चाहने वालों की कमी नहीं है. वहीं उनकी बातचीत, काम करने की शैली से लाखों लोग उनके मुरीद बने हुए हैं. यही कारण है कि देश नहीं विदेश में भी उनके चहेते बहुत सारे लोग हैं. जब लालू रेल मंत्री की हैसियत से पाकिस्तान गए थे तो याद करिए सड़कों पर उनके पीछे सैकड़ों लोगों का हुजूम दौड़ रहा था. मगर आज उनका प्रारब्ध देखिए जेल किस चीजों में बंद लालू कितने असहाय हो गए हैं लोकसभा समर में उनकी कोई भूमिका नहीं रही और शायद यही कारण है कि उनके हाथों से बनी राष्ट्रीय जनता दल का सूपड़ा ही साफ हो गया.

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