सरस सलिल विशेष
लेखक- धीरज कुमार
मुंबई में 25 साल के सरोज कुमार ठाकुर अपने 2 दोस्तों 20 साल के सोनू कुमार और 23 साल के विकास कुमार के साथ रहते थे. तीनों हास्पिटल में हास्पिटल ब्रदर का काम करते थे. लौकडाउन के बाद वे अपने पैसे से खातेपीते रहे, लेकिन जब पैसा खत्म हो गया तो जिंदगी बचाने के लिए सिर्फ एक ही उपाय था, किसी तरह घर पहुंचना. और फिर उन तीनों ने मिल कर घर जाने का फैसला किया. घर से खाते पर पैसे मंगवाए. किसी तरह वहां से पैदल निकले. कुछ दिन पैदल चलने के बाद उन्हें एक ट्रक वाला मिला जिस ने पहले तो उन्हें लिफ्ट दी लेकिन बाद में उन तीनों से 9,000 रुपए भाड़े के रूप में ले लिए.
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