कूएं में कूद जाऊंगी, आग लगा लूंगी, जहर पी लूंगा, घर छोड़ कर भाग जाऊंगा जैसे बोल अक्सर मियांबीवी के झगड़ों में झल्ला कर बोले जाते हैं. मर्द और औरत में कौन सही है कौन गलत, इस का फैसला नहीं होता. झगड़ा तो किस की चलेगी पर होता है. पहले हमेशा मर्दों की चलती रही है पर अब औरतें भी बराबर होने लगी हैं.
यह बात दूसरी कि आम आदमी को पट्टी पढ़ाई जाती है कि औरत पैर की जूती है, वहीं रखो. यही सीख जो मांबाप देते हैं, पंडेपादरी देते हैं, समाज देता है, रिश्तेदार देते हैं, झगड़ों को मारपीट की हद तक ले जाते हैं.
जिस भी बात पर 2 जनों की राय एक न हो वहां कौन सही है कौन गलत का पूरा फैसला कभी नहीं हो सकता. हर मामले के कई पहलू होते हैं और हरेक अपनी समझ से अपना मन बनाता है. अच्छे पतिपत्नी के होते हैं जो एकदूसरे की पूरी तरह सुनते हैं और बिना अकड़ लाए तय करते हैं कि क्या सही है, क्या गलत है. अगर पतिपत्नी में से कोई तीसरे से चिपक भी रहा है तो मरनामारना कोई तरीका नहीं है. आज किसी को मार कर उस की लाश को निपटाना आसान नहीं है. अगर बच्चे हो तो मारने वाला भी जेल में रहता है तो बच्चों की देखभालके लिए कोई बचता नहीं. तीसरे के साथ जुड़ाव होने पर घर से अलग होना सब से सही है.
आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें
डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

सरस सलिल सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरस सलिल मैगजीन का सारा कंटेंट
- 1000 से ज्यादा सेक्सुअल हेल्थ टिप्स
- 5000 से ज्यादा अतरंगी कहानियां
- चटपटी फिल्मी और भोजपुरी गॉसिप
- 24 प्रिंट मैगजीन
डिजिटल

सरस सलिल सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरस सलिल मैगजीन का सारा कंटेंट
- 1000 से ज्यादा सेक्सुअल हेल्थ टिप्स
- 5000 से ज्यादा अतरंगी कहानियां
- चटपटी फिल्मी और भोजपुरी गॉसिप