वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन कहलवाया है कि तेलंगाना में भी जो अनाज राशन से बंटता है उस के थैलों पर नरेंद्र मोदी की फोटो हो. यह कुछ महाशियां दी हड्डी वाला हिसाब है जो अपने मसालों का प्रचार अपने फोटोग्राफ के साथ ही करता था. निर्मला हालांकि महाशियां से प्रभावित है या नहीं पर पुराणों को जेएनयू में पढऩे के बाद सिर पर याद कर चलने वाली जनता में से एक जरूर होगी.

अब क्रम पुराण को लें. इस में इंद्रद्युम्न का वाकया है जिसे पुराणों के हिसाब से इस दुनिया को बनाने वाले नारायण के साक्षात दर्शन पर लंबी समाधि यानी बिना कामधाम किए एकांत में बैठने के बाद हुए. (इस दौरान किस ने उन्हें खिलाया, किस ने उन के लायक अनाज बोया, यह न पूछें).

जब नारायण जिन्होंने पुराण के हिसाब से पूरा सृष्टि बनाई और जिस का मतलब है इंद्रद्युम्न के भी बगया बड़ा किया, दिख गए तो भक्त ने क्या किया. उन की तारीफे के पुल बांधने शुरू कर दिए जैसे निर्मला सीतारमन कर रही है. ‘हे हरि, आप की वजह से दुनिया है, आप की वजह से प्रलय आती है. आप बहुत ताकतवर हैं. आप को कुछ नहीं चाहिए. आप कोई प्रपंच नहीं करते गलत काम नहीं करते. आप सब के पिता हैं. आप कभी खत्म नहीं होने वाले हैं.’ इस तरह के बहुत सी बातें यह भक्त कहता है.

सवाल है क्या नारायण की तरह राशन में अनाज की भी थैली भी जब मोदी जी ने दी है जैसा निर्मला सीतारमन कहती हैं? क्या यह अनाज उन्होंने उगाया, किसी किसान ने नहीं. क्या यह खेत से राशन की दुकान तक मोदी जी के चमत्कार से पहुंच गया, ट्रकों में भर कर नहीं. क्या सरकार ने इस के लिए कोई टैक्स नहीं लगाया. क्या चमत्कार कर के केंद्र सरकार ने अनाज पैदा कर दिया. क्या प्रधानमंत्री नारायण बन गए हैं?

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 महीना)
USD2
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...