अलीगढ़ मुसलिम यूनिवर्सिटी में इस बार स्टूडैंट यूनियन की अध्यक्ष एक लड़की नबा नसीम चुनी गई है और यही नहीं वह जिस दिन चुनी गई उस दिन मोटरबाइक चलाती यूनियन के कार्यालय पहुंची. नबा नसीम ने लड़कियों के लिए खास प्रोग्राम बनाए हैं और उन्हें पुरानी सोच से निकालने का फैसला करा है.

भारत के मुसलिमों के लिए यह अच्छा संदेश है. भारत में मुसलिम समुदाय भारतीय जनता पार्टी के भगवा गैंग का निशाना बना रहता है. कभी वे मसजिद का मामला उठाते हैं, कभी ट्रिपल तलाक का, कभी लव जिहाद का, कभी ज्यादा बच्चों का, तो कभी हिजाब का. मुसलिम समुदाय आज के युग की जरूरतों और पुरानी दकियानूसी सोच के बीच उलझा रहता है.

नबा नसीम जैसी लड़कियां मुसलिम समाज को घिसेपिटे अंदाज से जीने से निकाल सकती हैं और उसे भारत की आजादी का पूरा फायदा उठाने का मौका दे सकती हैं. मुसलिम समाज को अब लंबी दाढ़ी वाले टोपीधारी नेता नहीं चाहिए जो पुरानी सोच पर नई कौम की जरूरतों को दबाने की कोशिश कर रहे हैं.

भारत के मुसलमानों को हिंदू खौफ से निकालना होगा, क्योंकि यह हिंदू खौफ पैदा करने वाले मुट्ठीभर पंडेनुमा लोग हैं जो मुसलमानों को ही नहीं, पिछड़ों, अछूतों, दलितों को भी दुश्मन मानते हैं. हाल तक हिंदू नेता पिछड़ोंदलितों के घर खाना तक नहीं खाते, हां उन से काम करवाने और विरोधियों को पिटवाने की जुगत बनाते रहते थे.

नबा नसीम जैसी नेताओं को साफ करना होगा कि वे धर्म के कट्टरपन से मुसलिम लड़कियों को निकालेंगी. अलीगढ़ मुसलिम यूनिवर्सिटी में यह आसान नहीं पर नेता तो वही है न जो आगे बढ़चढ़ कर काम करे. नबा नसीम को बुलेट की स्पीड पर लड़कियों को निकालना पड़ेगा क्योंकि उन के घरों में और माहौल में पिछले 40-50 सालों में बहुत थोड़ा सा फर्क आया है. मुसलिम नेता तो अपने लिए राजनीति करते रहे हैं और मुसलिम वोटों की खरीदफरोख्त कर पाने के लिए हर बदलाव के खिलाफ खड़े रहे हैं. आज के युवा होते मुसलमानों को नई हवा की आदत डालनी होगी और एक तरफ कट्टर हिंदू गैंगों से निबटना होगा तो साथ ही अपनी खुद की शरीअती सोच से भी आजादी पानी होगी.

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