ब्रेकअप के बाद रिवाल्वर रानी बन जाओ और बौयफ्रैंड की ऐसीतैसी कर दो. कानपुर की एक युवती ने ऐन शादी के दिन अपने बौयफ्रैंड की शादी के मंडप में रिवाल्वर हाथ में ले कर धावा बोल दिया कि उन दोनों का लंबा प्रेम व सैक्स संबंध रहा है और वह उस के बच्चे की मां बनने वाली है. कोई गोली तो नहीं चली पर बौयफ्रैंड की शादी होतेहोते रह गई और दुलहन के मातापिता पैसा, कपड़ेलत्ते ले कर मुंह लटका कर बुराभला कहते चले गए.

प्रेम और ब्रेकअप आंखें और दिमाग खोल कर करना चाहिए. जैसे प्रेम एकतरफा न हो, ब्रेकअप भी एकतरफा नहीं हो सकता. प्रेम करने या उस का इजहार करने से पहले युवकयुवती को 100 बातें सोच लेनी चाहिए. केवल मजे के लिए प्रेम हो रहा है और उसी प्रेम में सैक्स संबंध भी बन रहे हैं तो यह नंगे बिजली के तार से खुद को बांधने के बराबर है. अगर तारों में बिजली न हो तो ठीक पर कहीं कड़कसे बिजली आ गई तो बड़े झटके लगेंगे ही.

युवतियों को प्रेम की कीमत भी देनी पड़ती है और ब्रेकअप की भी पर युवक यों ही छूट जाएं ऐसा भी नहीं. उन्हें भी मानसिक तनाव, अकेलापन, गिल्ट कौंप्लैक्स और कई बार मारपीट का सामना करना पड़ता है. युवतियों पर तो चालू होने तक का ठप्पा लग जाता है. अगर कहीं गर्भ ठहर गया तो ऐबौर्शन की मुसीबत सहने, सैक्स के दौरान पकड़े जाने का डर भी बना रहता है.

प्रेम हो जाता है, किया नहीं जाता, यह बचकानी बात है. प्रेम करने की फुरसत है, दिल, दिमाग और शरीर मांग कर रहा है और साथी उपलब्ध है तो ही प्रेम की जडंे फूटती हैं, बिना बीज, खाद, पानी, सही जमीन के प्रेम यों ही नहीं हो जाता. इसलिए प्रेम करते हुए सोच कर चलें कि प्रेमिका रिवाल्वर रानी तो नहीं बन जाएगी, प्रेमी ब्लैकमेलर तो नहीं बन जाएगा. प्रेम के दौरान भी आंख खोल कर चलना चाहिए.

प्रेम को अंतिम परवान तक चलाने के लिए सारी ऊंचनीच देख लें. एकदूसरे के प्रति समर्पण की भावना है या नहीं, दोनों परिवार एकदूसरे को चाहते हैं या नहीं, दोनों का आर्थिक स्तर विवाह का बोझ उठाने लायक है या नहीं. प्रेम टाइमपास नहीं है और अगर गंभीर नहीं है तो दोस्ती को प्रेम का बाना कभी न पहनाएं. दूसरे से लगाव, उस के प्रति खिंचाव एक के रहते पनपने न दें. प्रेम का विवाह के अनुबंध से कोई मतलब नहीं है इसलिए प्रेम को भी बंधन समझें वरना सिर्फ जानपहचान या अच्छी दोस्ती तक रखें वरना रिवाल्वरों की तैयारी कर के चलें.

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