छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस धीरे धीरे बढ़ता चला जा रहा है. और जब स्थिति काबू में थी उसे छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने किस तरह अपनी अविवेक पूर्ण सोच के कारण बद से बदतर बना दिया है उसका देश भर में शायद इससे हटकर दूसरा कोई उदाहरण आपको नहीं मिलेगा. कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार कोरोना संक्रमण के मामले में फिसड्डी और बेहद गैर जिम्मेदार सरकार सिद्ध हुई है. जिसने अपने ही हाथों अपना ही मानो सब कुछ लुटाने, बर्बाद करने का निश्चय कर लिया हो.

प्रारंभ में 2 माह जब सारा देश कोरोना संक्रमण से त्राहि-त्राहि कर रहा था. छत्तीसगढ़ इससे आश्चर्यजनक ढंग से अछूता था. कोरबा और राजनांदगांव जिला को छोड़कर संपूर्ण छत्तीसगढ़ इससे पूरी तरह बचा हुआ था. मगर भूपेश बघेल की अकर्मण्यता और अविवेकपूर्ण फैसलों के कारण छत्तीसगढ़ धीरे-धीरे अगस्त महीना आते आते बेहद खतरनाक स्थिति की मोड़ पर पहुंच चुका है.

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अब इस स्थिति में बघेल सरकार के हाथ पांव फूले हुए दिखाई देते हैं. उसे कुछ समझ नहीं आता कि वह क्या करें, अब बस एक ही काम बचा है, वह है लॉकडाउन.

छत्तीसगढ़ की स्थिति धीरे-धीरे हाथ से निकलती चली जा रही है. आज राजधानी रायपुर में सबसे बुरा हाल है. यहां के लोगों का जीना मुहाल हो चुका है. लोग घरों में कैद हैं. लोगों को न तो चिकित्सा की सुविधा मिल रही है ना दैनिक जीवन में काम आने वाले सामानों की आपूर्ति हो पा रही है.हालात यहां तक पहुंच चुके हैं कि सरकारी दफ्तर में ताले लगे हुए हैं और शासन-प्रशासन घर से चल रहा है. सरकार सिर्फ डंडा चला रही है मानो लॉकडाउन से सब कुछ ठीक हो जाएगा.

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