इस घटना का पंजाब की राजनीति पर खासा असर नजर आया. सारे विरोधी नेताओं ने इस की आलोचना शुरू कर दी. पंजाब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रताप बाजवा ने कहा कि भगवंत सिंह मान की हालत ऐसी थी कि वे जहाज में बैठने लायक नहीं थे, इसलिए उन्हें नीचे उतार दिया गया और उन का सामान भी जहाज से निकाल दिया गया. प्रताप बाजवा ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से इस मामले की जांच की मांग की.

कांग्रेस नेता सुखपाल खैरा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल को यह बताना चाहिए कि राजनीति में पियक्कड़ों को बढ़ावा देने से उन्हें क्या फर्क पड़ रहा है? क्या यही भारत में बदलाव की उन की राजनीति है? किसी भी सीएम ने राजनीति में नैतिकता की मर्यादा ऐसे कभी नहीं गिराई, जैसे भगवंत मान बारबार कर रहे हैं.

शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि पंजाब के सीएम भगवंत सिंह मान को लुफ्थांसा फ्लाइट से उतारा गया, क्योंकि वे बहुत नशे में थे और इस से उड़ान में 4 घंटे की देरी हुई. इस घटना ने पंजाबियों को शर्मिंदा किया.

चुनावी मुद्दा था नशाखोरी

पंजाब में नशाखोरी एक बड़ी समस्या के रूप में उभरी है. महाराष्ट्र के बाद पंजाब में ड्रग्स का इस्तेमाल सब से ज्यादा मात्रा में होता है. इस की एक वजह पंजाब के लोगों का विदेशों में रहना है. पंजाब में पैसे की कमी नहीं है, जिस के चलते वहां हर किस्म का महंगा नशा मिल जाता है.

पंजाब में पंजाबी फिल्म और म्यूजिक की बड़ी इंडस्ट्री है. पंजाबी सिंगर पूरी दुनिया में छाए हुए हैं. उन के गानों में भी नशे का जम कर प्रचार होता है. पंजाब के नशा कारोबार पर ‘उड़ता पंजाब’ नाम से फिल्म भी बनी थी. पंजाब विधानसभा चुनाव में नशाखोरी हमेशा से एक बड़ा मुद्दा रही है.

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