भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की जयपुर यात्रा से ठीक एक दिन पहले राजस्थान चुनाव प्रबंधन समिति को लेकर पार्टी में असंतोष सामने आ गया है. भाजपा के दिग्गज नेता और पूर्व मंत्री देवीसिंह भाटी ने कहा कि जनाधार विहीन नेताओं को प्राथमिकता दी गई है. उन्होंने केंद्रीय नेतृत्व से चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक और सह संयोजक को लेकर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है.

केंद्रीय नेतृत्व ने पिछले दिनों विधानसभा चुनाव को लेकर चुनाव प्रबंधन समिति गठित कर केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को संयोजक और केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल को सह संयोजक बनाया है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदनलाल सैनी को समिति का अध्यक्ष बनाया गया है.

भाटी ने चुनाव प्रबंधन समिति को लेकर केंद्रीय नेतृत्व के समक्ष अपनी आपत्ति दर्ज कराने की बात स्वीकारते हुए कहा कि समिति में ऐसे नेताओं को शामिल कर लिया गया, जिनका कोई जनाधार नहीं है. भाटी ने कहा कि समिति में ऐसे लोगों को शामिल करना चाहिए, जो पूरे प्रदेश की जानकारी रखते हों.

मेघवाल और भाटी में चल रही है वर्चस्व की लड़ाई

बीकानेर संभाग की राजनीति में भाटी और मेघवाल के बीच काफी लंबे समय से वर्चस्व की लड़ाई चल रही है. इनके बीच चल रही खींचतान की झलक सीएम वसुंधरा राजे की ‘राजस्थान गौरव यात्रा’ के दौरान भी साफ देखने को मिली थी. अपनी दबंग छवि के चलते भाटी का बीकानेर के राजपूत मतदाताओं में खासा प्रभाव है. भाटी इससे पहले प्रदेशाध्यक्ष की दौड़ में शामिल रहे केंद्रीय राज्य मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का भी विरोध कर चुके हैं. अब शेखावत चुनाव प्रबंधन समिति का संयोजक बनाए जाने के बाद भाटी के तेवरों में तल्खी लाजिमी है .

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