उस के हाथ में सुनहरे रंग की नक्काशीदार धुआं खींचने वाली पाइप थी, जिस का दूसरा सिरा एक नक्काशीदार सुनहरे हुक्के से जुड़ा था.
उस के पास अरबी चुस्त पोशाक पायजामा और चोली पहने एक लड़की बैठी थी, जिस के हाथ में एक सुराही थी और एक प्याला. जनानखाने के नाम पर एक पुरुष का कमरा और औरत के स्थान पर एक पुरुष.
‘‘तशरीफ रखिए मोहतरमा.’’ महल के शेख मोहम्मद बिन अब्दुल्ला बिन अब्दुल्ला ने कहा.
तभी चुस्त पायजामा और चुस्त चोली पहने एक किशोर उम्र की लड़की एक ट्रे ले कर अंदर आई. उस में शरबत के 2 गिलास और कटे फल रखे थे.
‘‘नोश फरमाइए.’’ अरब शेख ने कहा.
गुलबदन और शाहिदा बानो ने एकदूसरे की तरफ देखा. पहली बार की होम सर्विस का वाकया शाहिदा बानो को याद था. क्या पता इन शरबत के गिलासों में भी नशीला पदार्थ हो.
सकुचातेसकुचाते दोनों ने मेज पर रखी ट्रे से गिलास उठाया और चुस्कियां लेने लगीं.
‘‘शरबते बनफशा शरीर को ठंडक पहुंचाता है.’’ हुक्के की नली से धुआं खींचते हुए मोहम्मद बिन अब्दुल्ला ने कहा.
सोफे पर बैठी उन दोनों ने शरबत का गिलास खत्म कर के मेज पर रखा ही था कि अरबी वेशभूषा में 4 अधेड़ावस्था के पुरुष कमरे में दाखिल हुए.
इतने पुरुषों को एक साथ देख कर दोनों चौंकीं.
‘‘मोहतरमा, आप के ब्यूटीपार्लर की मैडम कहती हैं कि आप वापस जाना चाहती हैं. बिना पासपोर्ट आप की वापसी संभव नहीं है. आप हमारी एक शर्त पूरी कर दें, आप का पासपोर्ट प्लेन की टिकट सहित वापस हो जाएगा.’’ हुक्के का कश ले कर धुआं छोड़ते हुए अब्दुल्ला बिन अब्दुल्ला ने कहा.
‘‘क्या शर्त है?’’ दोनों ने एक साथ पूछा.
‘‘आप दोनों अपनेअपने जिस्मों का दीदार करवा दें.’’ कुटिल मुसकराहट के साथ अब्दुल्ला ने कहा. उस के साथ बैठे चारों साथी कहकहा लगा कर हंसे.
गुलबदन की अस्मत कई बार लुट चुकी थी. शाहिदा बानो भी खुद को लुटापिटा समझती थी. वापस जा कर अपने शौहर से कैसे नजर मिला सकेगी.
‘‘इस बात की क्या तसल्ली है कि आप अपना कहा पूरा करोगे?’’ गुलबदन ने पूछा.
‘‘मैं अपनी शर्त पूरी हो जाने पर अपना कहा पूरा करता हूं. मैं चाहूं तो अभी थाने से पुलिस दारोगा को बुला कर तुम दोनों को बदकारी के इलजाम में जेल भिजवा सकता हूं.’’ कहते हुए मोहम्मद बिन अब्दुल्ला ने टेलीफोन का चोंगा उठाया.
दोनों सहम कर सोफे पर सिमट गईं. फिर गुदबदन उठी, उस ने अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिए. शाहिदा बानो उसका अनुसरण करने लगी. पूर्णतया… दोनों अपना वक्षस्थल दोनों बांहों से ढांप कर खड़ी हो गईं.
‘‘वल्लाह! सुभान अल्लाह! क्या जिस्म है…’’ शराब का जाम पीते हुए अरब शेखों ने सीत्कारी भरते हुए कहा.
‘‘तुम दोनों मेरी इस बांदी के साथ थोड़ी देर के लिए अरबी डांस कर के दिखा दो फिर तुम दोनों आजाद कर दी जाओगी.’’
साकी बन कर शराब के प्याले भरती किशोर बाला उठ खड़ी हुई और लयबद्ध हो ठुमके लगाती हुई अरब शैली का नृत्य करने लगी. विवशता थी, सो वे दोनों भी उस के साथ नाचने लगीं.
थोड़ी देर बाद शराब पीते 2 अरब शेख उठे और उन्होंने उन दोनों को अपने बाहुपाश में दबोच लिया.
शाम तक उन 5 अरब शेखों ने उन को बारबार रौंदा. लुटीपिटी दोनों चुपचाप ब्यूटीपार्लर लौट आईं. मैडम ने उन को करेंसी से भरे लिफाफे दे कर घर रवाना कर दिया. अपनेअपने फ्लैट में बिस्तर पर लेटी दोनों न रो पा रही थीं और बोल सकती थीं.
‘‘पापा, अम्मी फोन काल का कोई जवाब नहीं दे रही.’’ शाहिदा बानो की बेटी ने अपने पापा को फोन काल का जवाब न मिलने पर कहा.
अहमद सिराज चौंका. मिडल ईस्ट के अरब देशों में नौकरानियों या हाउस मेड के साथ दुर्व्यवहार की खबरें आम थीं. उन्हें कहीं संपर्क करने से भी रोका जाता था. मगर सऊदी अरब के ब्यूटीपार्लर में इस तरह यौनशोषण हो सकता है, इस की उसे कल्पना भी नहीं थी.
‘‘तुम दोनों को आज फिर होम सर्विस के लिए जाना है.’’ मैडम ने फरमान सुनाया.
‘‘ना जाएं तो?’’ शाहिदा बानो ने पलट कर कहा.
‘‘अभी पता चल जाएगा.’’ मैडम ने अपना फोन टच किया. कुछ खुसरफुसर की. थोड़ी देर में गहरे हरे रंग की एक बड़ी जीप ब्यूटीपार्लर के बाहर आ कर रुकी.
हरे रंग की वरदी, पी-कैप पहने कमर में पिस्तौल, चुस्त शरीर का पुलिस इंसपेक्टर.
‘‘सर, ये दोनों बदकारी करती हैं. दूसरी औरतों को भी गलत काम के लिए उकसाती हैं.’’
नक्कारखाने में तूती की आवाज? दोनों चुपचाप जीप में पिछवाड़े बैठ गईं.
डेविड आर्थर एक स्वीडिश नागरिक था. वह फ्रीलांस फोटोग्राफर था. दुनिया भर में घूमताफिरता था. अनेक समाचारपत्रों, टीवी चैनल्स के साथ उस का अनुबंध था.
अपनी साथी सोफिया वारेन के साथ इन दिनों वह सऊदी अरब के भ्रमण पर था. मक्कामदीना में हज करने आए मुसलमानों के फोटो खींचने के बाद वापस लौटते समय दम्माम शहर से गुजर रहा था. उस की गाड़ी के सामने से आ रही एक अन्य गाड़ी ने टक्कर मार दी.
गाड़ी एक शेख की थी. मामला थाने तक पहुंच गया. डेविड आर्थर अपनी साथी के साथ थाने बैठा था. तभी पुलिस जीप दोनों को थाने में ले आई.
2 एशियाई स्त्रियों को थाने आया देख डेविड आर्थर चौंका. हर अलग स्थिति की फोटो खींच कर समाचारपत्रों और टीवी चैनल्स को प्रेषित करने में वह नहीं चूकता था.
‘‘सर, ये दोनों बदकारी करती हैं.’’ ब्यूटीपार्लर से पकड़ कर लाए नौजवान पुलिस अधिकारी ने थाना इंचार्ज के सामने दोनों को पेश करते हुए कहा.
अरबी भाषा का थोड़ाथोड़ा ज्ञान रखने वाली पत्रकार सोफिया वारेन चौंकी. उस ने उन दोनों औरतों की तरफ देखा. विवशता और बेबसी के भाव उन दोनों के चेहरों से साफ दिखते थे.
दोनों को हवालात में बंद कर दिया गया. अरब देशों में मेड, होम हैल्पर से यौनशोषण की खबरें आम थीं. घरेलू दिखती अपने देश से आई अधेड़ावस्था को छू रही दोनों औरतें भला इतनी दूर आ कर बदकारी कैसे कर सकती हैं?
डेविड आर्थर ने अपनी साथी सोफिया वारेन की तरफ देखा. सोफिया वारेन ने नजर बचा कर अपने स्मार्टफोन से हवालात में बंद दोनों की फोटो खींच ली.
‘‘मिस्टर आर्थर, आप राजीनामा कर लें. अगर हम केस दर्ज कर चालान काटते हैं तब आप को अदालत में पेशियां भुगतने आना पड़ेगा.’’ थाना इंचार्ज ने कहा.
‘‘मगर गलती हमारी नहीं है.’’
‘‘मिस्टर आर्थर यह सऊदी अरब है. आप बाहर से आए हैं. केस दर्ज हो जाने पर आप के खिलाफ दर्जनों गवाह गवाही देने के लिए हाजिर हो जाएंगे. तब आप पर उलटा मामला बनेगा, आप को सजा भी हो सकती है.’’
इस धक्केशाही पर दोनों तिलमिलाए.
‘‘मिस्टर आर्थर, हम चाहें तो आप की इस साथी को बदकारी करने के लिए उकसाने के इलजाम में अंदर कर सकते हैं. दरजन भर गवाह कह देंगे कि आप की यह साथी अश्लील इशारे कर के आतेजाते राहगीरों को फुसला रही थी.’’ थाना इंचार्ज कुटिलता से मुसकराया.
यह सुन कर मिस्टर डेविड आर्थर ने अपनी साथी की तरफ देखा. सोफिया वारेन ने सहमति से सिर हिलाया.
‘‘ओके सर.’’
सादे कागज पर राजीनामा लिखवाने के बाद दोनों थाने से बाहर की ओर चल दिए. एक नजर हवालात में बंद दोनों बेबस स्त्रियों की तरफ देख कर उन्हें आश्वासन देने का मूक इशारा किया. शहिदा बानो ने अपने दोनों हाथ मिला कर सजदा किया.
कार थाने से बाहर निकाल कर डेविड आर्थर ने थोड़ी दूर खड़ी कर दी और फिर अपने शक्तिशाली कैमरे से थाने की इमारत की कुछ फोटो खींचीं.
‘‘इन एशियाई देशों में सब पुलिस वाले एक जैसे हैं. हवालात में बंद दोनों औरतें यौनशोषण के लिए इनकार करने पर बदकारी के झूठे इलजाम में बंद हैं.’’ सोफिया वारेन ने कहा.
‘‘अब हम क्या करें?’’
‘‘आप अपना दिमाग इस्तेमाल करो, मैं अपना. मैं ने अपने स्मार्टफोन के वायस रिकौर्डर में थाने में हुई सारी बातचीत रिकौर्ड कर ली है, साथ ही काफी फोटो भी हैं.’’
शाम होतेहोते विश्व भर के अनेक टीवी चैनलों पर सऊदी अरब के दम्माम शहर के थाने में बंद 2 औरतों की फोटो दिखाई जाने लगीं. साथ ही दुर्घटनाग्रस्त कार की फोटो.
फोटोग्राफर और पत्रकार जोड़ी की स्टेटमेंट और लाइव बयान भी दिखाया जाने लगा. एमनेस्टी इंटरनेशनल के अरेबियन संभाग के अधिकारियों ने तुरंत सऊदी सरकार से संपर्क साधा. भारतीय दूतावास भी सक्रिय हुआ. मात्र 24 घंटे के अंदर गुलबदन और शाहिदा बानो थाने से मुक्त हो गईं. साथ ही ब्यूटीपार्लर में कार्यरत सभी लड़कियों को भी मुक्त कराया गया.
सऊदी अरब से वापस लौटी शाहिदा बानो हवाईअड्डे पर अपने पति के कंधे से लग कर सुबकसुबक रो रही थी. सब कुछ समझने वाला अहमद सिराज खामोश था.