कंडोम के बारे में क्या आप ये बातें जानते हैं

16वीं शताब्दी में यूरोप में लिनेन के बने कंडोम का इस्तेमाल शुरू हुआ. धीरे-धीरे दो शताब्दियां बीतते-बीतते कंडोम जानवरों की खाल से बनाए जाने लगे. पर उस तरह के कंडोम न तो पूरी तरह फिट रहते होंगे और न ही आधुनिक कंडोम्स की तरह सुविधाजनक.

फिर भी पुरुष और कभी-कभी महिलाएं कंडोम को जोश और मूड औफ करनेवाला मानते हैं. सेक्सोलौजिस्ट व काउंसलर डा. हितेन शाह कहते हैं कि यह एक मिथक है. ‘‘यदि आप अपनी सेक्शुएलिटी के लिए आत्मविश्वास से भरे हैं तो कोई भी चीt मूड को समाप्त नहीं कर सकती.’’

आजकल बाजार में अच्छी गुणवत्ता वाले कई तरह के कंडोम उपलब्ध हैं, बहुत ही मुलायम से लेकर वाइब्रेटिंग तक, जो अपनी उपस्थिति का पूरा एहसास कराते हैं. अलग-अलग आकार और नाप के कंडोम भी उपलब्ध हैं. पहले अवरोध की तरह समझे जानेवाले कंडोम्स को अब यौनसुख को बढ़ाने का माध्यम समझा जाने लगा है. डा. शाह कहते हैं,‘‘इतने तरह-तरह के कंडोम्स में से अपने लिए उपयुक्त कंडोम की तलाश भी खुद में एक खूबसूरत अनुभव हो सकता है.’’

सही आकार का कंडोम न चुनने और उसे सही तरीके से न पहनने की वजह से ही अक्सर कंडोम मजा खराब करनेवाला बन जाता है. हर पुरुष को संवेदनशीलता और आकार के अनुसार अलग तरह के कंडोम की आवश्यकता होती है, जैसे-रिब्ड कंडोम कुछ दंपतियों को आनंददायक लगते हैं तो कुछ को अपनी त्वचा पर चुभते हुए. महत्वपूर्ण ये है कि आप अलग-अलग तरह के कंडोम्स का इस्तेमाल कर अपने और अपने साथी के लिए उपयुक्त कंडोम चुनें.

पर सच तो ये है कि कंडोम जोश और उत्तेजना को बढ़ाने का काम करते हैं. इनकी वजह से आप चिंतामुक्त रहते हैं और इसका ल्युब्रिकेंट (चिकनाई) सेक्स के अनुभव को सहज बनाता है. वहीं डा. शाह कहते हैं,‘‘कंडोम पहनने में जो वक्त लगता है, यकीनन वो आपके फोरप्ले का समय और साथ ही आनंद को भी बढ़ाता है.’’

इतने समय तक सेक्स करना चाहती हैं महिलाएं

हम सोचते थे कि महिलाएं लंबे समय तक सेक्शुअल गतिविधि चाहती हैं, पर हाल के अध्ययनों से पता चलता है कि पुरुषों को लगता है कि महिलाएं लंबा सेक्स नहीं चाहतीं.

पीनिस के आकार से लेकर सेक्स के दौरान अपने प्रदर्शन तक-पुरुष होना आसान काम नहीं है. अमेरिका में टार्जन कंडोम द्वारा हाल ही में कराए गए एक सर्वे के नतीजों में सामने आया कि 41 प्रतिशत पुरुषों ने कहा कि वे चाहते हैं कि सेक्स लंबे समय तक चले, जबकि ऐसा चाहनेवाली महिलाओं की संख्या 34 फीसदी ही थी.

अक्सर महिलाएं थोड़े समय के सेक्शुअल इंटरकोर्स से ही खुश रहती हैं, वे इसे लंबा नहीं रखना चाहती हैं, जबकि अधिकतर पुरुष इस प्रक्रिया को लंबा ही रखना चाहते हैं.

म्यूजिशियन गैविन फर्नांडिस स्वीकारते हैं कि वे सेक्स के दौरान अपने प्रदर्शन को लेकर दबाव महसूस करते हैं. ‘‘हमें पता है कि महिलाओं को मल्टीपल ऑर्गैज़्म (कई बार चरम) आ सकते हैं. फिर इस तरह की मान्यताएं भी हैं कि महिलाएं ऑर्गैज़्म का झूठा दिखावा भी करती हैं. ये बातें पुरुषों की मानसिकता को प्रभावित करने के लिए काफ़ी हैं,’’

वे कहते हैं. ‘‘कई बार सेक्शुअल संबंध बनाने के बाद मैं समझ ही नहीं पाता कि मैं अपनी गर्लफ्रेंड को संतुष्ट कर भी पाया हूं या नहीं. मैं चाहता हूं कि उसे संतुष्ट करने के लिए मैं और लंबे समय तक उसका साथ दे सकूं.’’

आनंद को लंबा रखने की चाहत

गैविन जैसे कई और पुरुष हैं. वर्ष 2009 में मेन्स हेल्थ मैग्ज़ीन द्वारा कराए गए सर्वे में पाया गया कि सेक्स के दौरान पुरुष 5 से 10 मिनट तक संयम बनाए रख सकते हैं, पर 71 प्रतिशत पुरुष चाहते हैं कि काश वे इससे कहीं अधिक समय तक ऐसा कर पाते.

जरनल औफ सेक्स मेडिसिन द्वारा कराए गए एक अलग अध्ययन के मुताबिक, वह इंटरकोर्स जो 7 से 13 मिनट के भीतर समाप्त हो जाता है, बेहतरीन माना जाता है. ‘‘कई पुरुष इस बात को लेकर शर्मिंदगी महसूस करते हैं कि वे लंबे समय तक संयम नहीं बनाए रख पाते,’’ कहना है चेन्नई की काउंसलर सुजाता रामकृष्णन का. ‘‘और मैं उन पुरुषों की बात नहीं कर रही हूं, जिन्हें प्रीमैच्योर इजेकुलेशन की समस्या है. सामान्य पुरुष, जिनका सेक्शुअल जीवन अच्छा है, वे भी सेक्स की प्रक्रिया को और लंबा बनाना चाहते हैं. इसकी वजह ये है कि ये पुरुष पौर्न देखते हुए बड़े हुए हैं और सेक्स के बारे में अपनी पिछले पीढ़ी से कहीं ज्यादा बातें करते हैं. ये बातें अब मीडिया में हैं, फिलम्स में हैं, किताबों में भी हैं. आज की महिलाएं भी यह बताने में संकोच महसूस नहीं करतीं कि उन्हें सेक्स के दौरान क्या पसंद है और क्या नापसंद. इस वजह से पुरुषों पर काफी दबाव होता है.’’

फोरप्ले का समय भी तो जोड़िए!

सेक्स एक्सपर्ट डॉ महिंदर वत्स कहते हैं कि यदि कुछ बदलाव किए जाएं तो सेक्स प्रक्रिया को लंबा बनाया जा सकता है. ‘‘हालांकि यूं देखा जाए तो ये बात सिर्फ़ आपकी दिमा़गी सोच पर निर्भर करती है, लेकिन आप सेक्शुअल इंटरकोर्स को थोड़ा लंबा बना सकते हैं,’’ वे कहते हैं. ‘‘क्विकी (झटपट सेक्शुअल संबंध बनाना) अच्छे तो होते हैं, पर हमेशा नहीं. सेक्स को लंबा बनाने के लिए सही समय और अपने शरीर के संकेतों को समझना बहुत जरूरी है. यही कारण है कि फोरप्ले का महत्व उससे कहीं ज्यादा बढ़ जाता है, जितना कि हम सोचते हैं. यदि सेक्शुल प्रक्रिया को लंबा बनाना चाहते हैं तो फोरप्ले का समय भी लंबा होना चाहिए. और लंबे समय तक चलने वाले फोरप्ले से कभी किसी महिला को शिकायत नहीं होती, बल्कि वे इसका आनंद लेती हैं.’’

ऑर्गैज़्म पर ध्यान देने के बजाए सेक्स के दौरान एक-दूसरे के साथ का आनंद उठाना ज़्यादा महत्वपूर्ण है. आप अलग-अलग सेक्शुअल पोज़ीशन्स अपना सकते हैं. अंतिम, लेकिन महत्वपूर्ण बात ये है कि इस दौरान पार्टनर्स एक-दूसरे से बातचीत करते रहें. तो अगली बार यदि वे कुछ ऐसा करें, जिससे आपको सुखद अनुभूति हो तो उनकी तारीफ करना बिल्कुल न भूलें.

इस स्तन के आकार की महिलाएं हैं ज्यादा आकर्षक

महिलाओं के वक्ष को ले कर पुरूषों में बेहद कामुकता देखी जाती है. वक्ष को ले कर उनकी धारणाएं, सोच, ख्याल सब बहुत अनोखे और अति होते हैं. यही कारण रहा कि पुरूषों को किस तरह के स्तन पसंद है इस बात को ले कर कई शोध किए जा चुके हैं पर अब तक किसी खास नतीजे पर पहुंचना संभव ना हो सका.

महिलाओं के वक्ष हर तरह के होते हैं. कुछ डील-डौल, कुछ बड़े, छोटे, चुस्त और ढीले भी हो सकते हैं और कई बार तो ये भी होता है कि दोनों स्तन समान आकार के ना हों. ज्यादातर पुरूषों में बड़े स्तन वाली महिलाओं के प्रति आकर्षण होता है, इसका मनोवैज्ञानिक कारण ये सामने आया कि पुरुषों को लगता है कि बड़े स्तन वाली महिलाएं दुसरों से तुलनात्मक रूप से ज्यादा उर्वर होती हैं.

इस मामले पर विश्व भर के कई शोधकर्ताओं ने शोध किया है. इसमें ब्राज़ील, कैमरून, चेक गणराज्य और नामीबिया के 250 ऐसे पुरुषों को ढूंढा गया जो महिलाओं के स्तनों की तसवीरें देखकर उनका आकलन करने को तैयार थे. उन्हें विभिन्न प्रकार के स्तनों की तसवीरें दिखाई गयी और उन्हें उनकी सुंदरता के आधार पर अंक देने को कहा गया. जिसमें ये बात सामने आई कि अधिकतर पुरुषों में मध्यम आकार के स्तन को ले कर ज्यादा आकर्षण दिखा. इसके अलावा पुरुषों के पसंद के पीछे उनके भागौलिक संबंध का भी असर दिखा. चेक गणराज्य को छोड़ दें तो बाकी देशो में हर पांच में से एक पुरुष को छोटे स्तन अच्छे लगते थे. विश्व के अलग हिस्सों में हुए कई और अध्ययनों से भी यही बात सामने आई है कि पुरुषों को सभी तरह के स्तन पसंद आते हैं.

इस तरह करें सुहागरात की तैयारी

जीवन के कुछ बेहद रंगीन पलों, जिन की कल्पना मात्र से धड़कनें तेज हो जाती हैं और माहौल में रोमानियत छा जाती है, में से एक है शादी की पहली रात यानी मिलन की वह रात जब दो धड़कते जवां दिल तनमन से मिलन को तैयार होते हैं.

चाहे किसी भी उम्र का कोई भी व्यक्ति क्यों न हो? वह अपनी पहली रात की यादों की खुशबू को हमेशा अपने जेहन में बसाए रखना चाहता है. मिलन की यह रात एक प्रेम, रोमांस और रोमांच तो पैदा करती ही है साथ ही अगर सावधानीपूर्वक इस के आगमन की तैयारी न की जाए तो यह पूरे जीवन के लिए टीस बन कर रह जाती है. जीवन की इस खास रात को यादगार बनाने के लिए अगर थोड़ा ध्यान दिया जाए तो बेशक यह रात हमेशाहमेशा के लिए खास बन जाएगी.

घूंघट में लिपटी, फूलों की सेज पर बैठी दुलहन के पारंपरिक कौंसैप्ट से अलग बदलाव आने लगे हैं. अब तो युवा शादी तय होते ही बाकायदा इसे सैलिब्रेट करने की योजना में विवाह से पहले ही जुट जाते हैं.

रोमानियत और रोमांच की इस रात को अगर थोड़ी तैयारी और सावधानी के साथ मनाया जाए तो जिंदगी फूलों की तरह महक उठती है वरना कागज के फूल सी बिना खुशबू हो जाती है. दो लफ्जों की यह कहानी ताउम्र प्यार की सुरीली धुन बन जाए इस के लिए कुछ बातों का जरूर खयाल रखें.

मुंह की दुर्गंध करें काबू : यह समस्या किसी को भी हो सकती है. मुंह से दुर्गंध आना एक आम समस्या है पर यही समस्या मिलन की रात आप के पार्टनर पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है. चूंकि नवविवाहितों को इस खास रात बेहद करीब आने का अवसर मिलता है. ऐसे में थोड़ी सी भी लापरवाही आप के पार्टनर के मन में आप के लिए खिन्नता व दूरी पैदा कर सकती है. इसलिए बेहतर है कि अगर आप के मुंह से दुर्गंध आती है तो पहले ही इस का बेहतर इलाज करा लें या फिर इसे दूर करने के लिए मैंथौल, पीपरमैंट या फिर सुगंधित पानसुपारी आदि लें. आप बेहतर क्वालिटी के माउथ फ्रैशनर का भी प्रयोग कर सकते हैं.

सैंट का प्रयोग करें : कहते हैं शरीर की सुगंध सामने वाले को सब से ज्यादा प्रभावित करती है. पसीने के रूप में शरीर से निकलने वाली दुर्गंध आप की छवि खराब कर सकती है. मिलन की रात ज्यादातर लोग इसे ले कर गंभीर नहीं होते जबकि यह सब से अहम है.

आप के तन की खुशबू सीधे आप के पार्टनर के मन पर प्रभाव डालती है जिस से मिलन का मजा दोगुना हो जाता है. शारीरिक दुर्गंध कोई बड़ी समस्या नहीं है. आजकल बाजार में आप की पसंद और चौइस के अनुसार ढेरों फ्लेवर व विभिन्न ब्रैंड्स के डिओ उपलब्ध हैं.

‘आप चाहें तो अपने पार्टनर की पसंद पूछ कर उसी ब्रैंड का डिओ, सैंट, स्पे्र आदि इस्तेमाल कर सकते हैं. इस के दो फायदे हैं एक तो आप की सकारात्मक इमेज बनेगी दूसरे पसीने की दुर्गंध से बचेंगे, जिस से आप की पार्टनर आप से खुश भी हो जाएगी.

अनचाहे बालों से मुक्ति : कई बार अनाड़ीपन में पहली रात का मजा किरकिरा हो जाता है. लापरवाही और बेफिक्री आप को इम्बैरेंस फील करा सकती है. बोयोलौजिकली हमारे शरीर के हर हिस्से में बाल होते हैं जिन में गुप्तांगों के बाल भी शामिल हैं. मिलन की रात से पहले ही अपने शरीर के इन अंगों के बालों को अवश्य हटा लें. यह न केवल हाइजिनिक दृष्टि से जरूरी है बल्कि यह कम्फर्टेबिलिटी का पैमाना भी है. बाजार में कई तरह के हेयर रिमूवर व क्लीनर मिलते हैं, जिन से आसानी से इन बालों को रिमूव किया जा सकता है. अगर इम्बैरेंस होने से बचना है तो इस बात का खयाल अवश्य रखें.

मासिक धर्म न आए आड़े : कई बार ऐसा होता है कि मिलन की रात वाले दिन ही मासिक धर्म एक बड़ी समस्या के रूप में सामने आ कर आप के हसीन सपनों पर पानी फेर देता है. इस रात मासिक धर्म आप के मिलन पर भारी न पड़े, इस के लिए जरूरी है कि अगर आप के मासिक धर्म की तिथि इस दौरान है तो पहले ही डाक्टर से मिल कर इस का समाधान कर लें. माहवारी ऐक्सटैंड या डिले करने वाली दवाएं बाजार में उपलब्ध हैं. डाक्टर की सलाह से उन का उपयोग करें.

कुछ यों करें साथी को तैयार

–       कई बार मिलन की हड़बड़ी में पार्टनर की भावनाओं की परवा किए बगैर युवा गलती कर बैठते हैं. इसलिए जब तक साथी मिलन के लिए पूरी तरह तैयार न हो उस पर बिलकुल दबाव न डालें.

–       बेसब्र होने के बजाय धीरज से पार्टनर के पास जाएं. बातचीत करें. उस के शौक, चाहत, लक्ष्य आदि के बारे में बात करें.

–       अगर पार्टनर अपने अतीत के बारे में स्वयं कुछ बताना चाहे तो ठीक अन्यथा कुरेदकुरेद कर उस के अतीत को जानने का प्रयत्न न करें.

–       पार्टनर के हावभाव, तेवर व आंखों की भाषा पढ़ने की कोशिश करें, उसे जो पसंद हो, वही करें. अपनी चौइस उस पर न थोपें.

–       आप की पार्टनर अपने घर को अलविदा कह कर आप के घर में  सदा के लिए आ गई है, ऐसे में जल्दबाजी में संबंध बनाने के बजाय उस का विश्वास जीतने की कोशिश करें व सामीप्य बढ़ाएं.

– संभव हो तो अपने परिवार के सदस्यों के बारे में उस की पसंदनापसंद, स्वभाव, प्रवृत्ति तथा घर के तौरतरीकों के बारे में हलकीफुलकी बातें कर सकते हैं.

–       पार्टनर की कमियां निकालने के बजाय उस की खूबियों की चर्चा करें, फिर देखिए मिलन की रात कैसे सुपर रात बनती है. –

इन बातों का भी रखें ध्यान 

–  अपने बैडरूम का दरवाजाखिड़की अच्छी तरह बंद करें. उन्हें खुला बिलकुल न छोड़ें.

– ड्रिंक न करें, जरूरी हो तो ओवरडोज से बचें. नशा सारी खुमारी पर पानी फेर सकता है.

– कमरे में तेज रोशनी न करें. हलके गुलाबी या रैड लाइट वाले जीरो वाट के बल्ब का इस्तेमाल करें.

– पार्टनर के साथ जोरजबरदस्ती बिलकुल न करें. उसे प्यार से तैयार करें. पहले बातचीत से नजदीक आएं फिर मिलन के लिए आलिंगनबद्ध करें व बांहों के आगोश में समा जाएं.

– भारीभरकम वैडिंग गाउन, लहंगे, साड़ी पहनने से बचें. हलकेफुलके नाइट गाउन को तरजीह दें. सैक्सी अंत:वस्त्र ऐसे में माहौल को रोमानियत प्रदान करते हैं.

–  रूम फ्रैशनर का प्रयोग करें पर जरूरत से ज्यादा नहीं. हो सकता है आप के पार्टनर को इस से ऐलर्जी की समस्या हो.

–  बैड की पोजिशन जरूर चैक करें. ज्यादा आवाज करने वाले बैड आप को इम्बैरेंस कर सकते हैं.

पिल्स या कंडोम ज्यादा सेफ क्या?

अकसर जवां लड़केलड़कियां जवानी के जोश में फिसल जाते हैं और जानेअनजाने ऐसी गलती कर बैठते हैं जिस का हर्जाना उन्हें लंबे समय तक भुगतना पड़ता है. जिस तरह इलाज से बेहतर रोकथाम है उसी तरह पिल्स से बेहतर है कंडोम उपयोग करना.

शा दी से पहले सैक्स किसी भी तरह से उचित नहीं होता पर कई बार लड़केलड़कियां बहक जाते हैं. वे शादी से पहले ही शारीरिक संबंध बना लेते हैं. इस से उन के सामने कई तरह की परेशानियां पैदा हो जाती हैं. ऐसे में उन खतरों और उन से बचाव के तरीकों को जानना जरूरी होता है.

नेहा रिलेशनशिप में थी. उस का बौयफ्रैंड विकास कई बार सैक्स करने के लिए दबाव डालता था. नेहा यह कह कर टाल देती थी कि शादी से पहले सैक्स करना ठीक नहीं है. विकास पहले तो उस की बात मान लेता था लेकिन इस बार उस ने जिद पकड़ ली. नेहा को मजबूरी में विकास की बात माननी पड़ी.

विकास ने यूट्यूब पर वीडियो खोल कर दिखाया कि सैक्स से 72 घंटे के अंदर अगर इमरजैंसी पिल्स खा ली जाएं तो प्रैग्नैंसी का खतरा नहीं रहता है. नेहा ने भी देखा, बात सही थी. प्रैग्नैंसी के खतरे को भूल कर दोनों ने सैक्स का भरपूर मजा लिया. सुबह होते ही विकास मैडिकल स्टोर पर गया और इमरजैंसी पिल्स का पैकेट ले आया.

जिस तरह से पैकेट के ऊपर लिखा था उसी तरह से नेहा ने दवा खा ली. इस के बाद समय गुजरने लगा. नेहा का अगले माह पीरियड नहीं हुआ. दोचार दिन उस ने ध्यान नहीं दिया. कई बार पीरियड्स कई दिन बाद होते थे. जब एक सप्ताह गुजर गया तो उस ने अपनी जानने वाली डाक्टर नीरू मित्तल से पूरी बात बता कर अपनी परेशानी बताई.

डाक्टर नीरू मित्तल ने नेहा को सम?ाते हुए कहा, ‘नेहा, इमरजैंसी पिल्स 100 प्रतिशत सेफ नहीं होतीं. कई बार इस के खाने के बाद भी प्रैग्नैंसी कंसीव हो जाती है. ऐसे में तुम फौरन अपनी प्रैग्नैंसी की जांच कराओ.’

नेहा ने डाक्टर की सलाह मानी और अपना टैस्ट कराया. डाक्टर नीरू मित्तल का अंदाजा सही निकला. नेहा के मामले में इमरजैंसी पिल्स ने काम नहीं किया था. नेहा प्रैग्नैंट हो चुकी थी. उस ने पूरी बात विकास को बताई. दोनों ने यह तय किया कि वे एबौर्शन करा देंगे. नेहा और विकास की रिलेशनशिप का पता उन के घर वालों को था. ऐसे में विकास ने कहा, ‘मैं घर में बात कर के शादी कर लेता हूं. दोनों ने अपने घर वालों से बात की. घर वालों को भी नेहा की प्रैग्नैंसी के बारे में बता दिया. दोनों के ही घर वाले इस बात पर राजी हो गए. एक माह के अंदर ही दोनों की शादी हो गई.

हर किसी की कहानी नेहा जैसी सुखद नहीं होती. दीपा के साथ भी इसी तरह की दिक्कत हो गई. उन दोनों के घर वालों को कुछ पता भी नहीं था और वे शादी के लिए तैयार भी नहीं होते. ऐसे में दीपा ने इंटरनैट में छपी जानकारी के चलते गर्भपात यानी एबौर्शन करने वाली दवा खा ली. इस से एबौर्शन तो हुआ पर इस के बाद भी ब्लीडिंग हो रही थी. दीपा बीमार सी रहने लगी. उस ने अपनी डाक्टर को दिखाया तो उन्होंने अल्ट्रासाउंड कर के देखा, पता चला कि एबौर्शन की दवा से सही एबौर्शन नहीं हुआ था. भ्रूण के कुछ हिस्से बच्चेदानी में रह गए थे, जिस के कारण यह ब्लीडिंग हो रही थी. दीपा को डाक्टर के यहां भरती होना पड़ा. फिर से सही तरह एबौर्शन किया गया तब उस की परेशानी का समाधान हुआ.

देश में असुरिक्षत गर्भपात बहुत बड़ी समस्या है. सामाजिक दबाव के चलते लोग चोरीचुपके एबौर्शन कराते हैं. जो कई बार जानलेवा हो जाता है. इस का सब से बड़ा कारण अनसेफ सैक्स होता है. गर्भ को रोकने क लिए इमरजैंसी पिल्स का प्रयोग धड़ल्ले से होने लगा है.

यह अनसेफ होने के साथ ही साथ हैल्थ के लिए भी खतरनाक होती है. डाक्टर नीरू मित्तल कहती हैं, ‘ज्यादातर मामलों में इमरजैंसी पिल्स सफल रहती हैं. ऐसे में कई बार लड़कियां इस का नियमित प्रयोग करने लगती हैं. लड़कियों को यह जानकारी रखनी चाहिए कि यह नियमित प्रयोग के लिए नहीं है. यह नियमित गर्भनिरोधक दवाओं की श्रेणी में नहीं आती है. नियमित प्रयोग से यह हैल्थ पर बुरा प्रभाव डालती है.’

इमरजैंसी पिल्स के खतरे

दिनोंदिन इमरजैंसी गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है. इस से युवतियों में कई तरह की स्वास्थ्य से संबंधित समस्याएं देखने को मिल रही हैं. एक स्टडी से पता चलता है कि 79 फीसदी दवा विक्रेताओं को इमरजैंसी गर्भनिरोधक गोलियों के साइड इफैक्ट और पीरियड से जुड़े अपेक्षित बदलाव के बारे में पता नहीं था.

85.71 फीसदी विक्रेताओं को यह भी पता नहीं था कि गोलियों के इस्तेमाल से गर्भाधारण से छुटकारा मिलेगा या नहीं. कई मरीज ऐसे थे जिन को अनियमित पीरियड और प्रैग्नैंसी रोक पाने में नाकामी की शिकायत थी. जब उन से पूछा गया तो उन लोगों ने गर्भनिरोधक गोलियों के इस्तेमाल करने की बात स्वीकार की.

असुरक्षित गर्भपात के खतरे

भारत में गर्भपात से जुड़े आंकड़े बताते हैं कि देश में हर साल जितना भी गर्भपात होते हैं उन में से आधे सिर्फ इसलिए होते हैं क्योंकि वे अनचाहे गर्भ थे. लगभग 27 प्रतिशत महिलाएं एबौर्शन करवाने के लिए अस्पताल नहीं जाती हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने भारत में अविवाहित युवतियों को भी 24 हफ्तों तक गर्भपात का अधिकार दे दिया है. आंकड़े बताते हैं कि भारत में गर्भपात की सब से बड़ी वजह प्रैग्नैंसी का अनचाहा होना है. आंकडों के अनुसार, 47.6 प्रतिशत गर्भपात इसलिए होते हैं क्योंकि वे अनप्लान्ड थे.

भारत में गर्भपात को ले कर मैडिकल स्टैंडर्ड और सुरक्षा की कमी देखने को मिलती है. आंकड़े बताते हैं कि भारत में जितने गर्भपात होते हैं उस का लगभग 27 फीसदी घरों में होते हैं. यानी, महिलाएं/लड़कियां एबौर्शन के लिए अस्पताल नहीं जाती हैं बल्कि इस मैडिकल प्रक्रिया को खुद ही कर लेती हैं.

शहरों में 21.6 प्रतिशत गर्भपात महिलाएं स्वयं करवा लेती हैं जबकि ग्रामीण महिलाओं के लिए यह आंकड़ा 30 फीसदी है. भारत में आधे से अधिक लगभग 54.8 महिलाएं गर्भपात के लिए डाक्टर के पास जाती हैं. भारत में 3.5 प्रतिशत एबौर्शन तो दोस्त और रिश्तेदार करवा देती हैं.

संयुक्त राष्ट्र की वर्ल्ड पौपुलेशन रिपोर्ट 2022 के अनुसार भारत में हर दिन असुरक्षित गर्भपात से जुड़े कारणों की वजह से लगभग 8 महिलाएं मौत का शिकार होती हैं. इस के अलावा असुरक्षित गर्भपात भारत में मातृ मृत्युदर की तीसरी बड़ी वजह है.

दिल्ली में गर्भपात का विकल्प चुनने वाली महिलाओं का अनुपात राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों से ज्यादा है. राजधानी में गर्भवती हुई 5.7 फीसदी महिलाएं गर्भपात का विकल्प चुनती हैं. जबकि राजस्थान में यह आंकड़ा 1.5 प्रतिशत और मध्य प्रदेश में 1.3 प्रतिशत है. 19 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में गर्भपात का विकल्प चुनने वाली महिलाओं का अनुपात राष्ट्रीय औसत 2.9 से ज्यादा है.

पिल्स के मुकाबले कंडोम बेहतर

इमरजैंसी पिल्स के मुकाबले कंडोम का प्रयोग सुरक्षित होता है. जरूरत इस बात की होती है कि इस का प्रयोग सही तरह से किया जाए. कई बार इस का पहली बार प्रयोग करने में दिक्कत आती है, जिस की वजह से कंडोम के फटने और उतर जाने का खतरा रहता है.

ऐसे में कंडोम का प्रयोग करने से पहले उस के प्रयोग करने की सही जानकारी कर लेनी चाहिए. सही तरह से प्रयोग होने के बाद यह सब से सुरक्षित गर्भनिरोधक होता है. यह न केवल गर्भ को ठहरने से रोकता है बल्कि यौन संक्रमण से भी बचाता है. ऐसे में सही बात यह है कि यह सब से सुरक्षित गर्भ निरोधक है. इस का सेहत पर किसी तरह से कोई कुप्रभाव भी नहीं पड़ता है. कई पार्टनर्स होते हैं जिन में एसटीआई यानी यौन संक्रमण फैलने का खतरा ज्यादा होता है. उन को गर्भनिरोधक के तौर पर कंडोम का इस्तेमाल करना चाहिए, न कि इमरजैंसी गोलियों का.

कंडोम का सही प्रयोग कैसे करें

कंडोम अनचाहे गर्भ से सुरक्षित रखता है. इस का उपयोग करने से यौन जनित रोगों से भी सुरक्षित रहा जा सकता है. सैक्स के दौरान कंडोम का उपयोग पूरी तरह से तभी सुरक्षित हो सकता है जब इस का सही इस्तेमाल किया जाए. अगर इस के इस्तेमाल में जरा भी चूक की जाए तो यह कई समस्याओं का कारण भी बन सकता है.

कंडोम रबड़ का बना हुआ एक कवर होता है जिस का इस्तेमाल पुरुष पेनिस को ढकने के लिए करते हैं. इस से सैक्स के दौरान पुरुष अपने शुक्राणुओं को महिला के गर्भाशय में प्रवेश करने से रोक सकते हैं. इसी तरह, महिलाओं के लिए भी कंडोम बने हुए हैं जिसे योनि के अंदर फिट किया जा सकता है. अगर कंडोम का उपयोग ठीक प्रकार से किया जाए तो यह गर्भधारण के जोखिम को 85 फीसदी से 98 फीसदी तक रोक सकता है. एक कंडोम का इस्तेमाल सिर्फ एक बार के लिए ही किया जा सकता है.

इंटरकोर्स करते समय लगाने के बजाय कुछ समय पहले उसे पहनने की कोशिश करें. अकेले में कुछ बार कंडोम पहनने की कोशिश करें और सीखें कि उसे कैसे और कितने समय में पहना जा सकता है. कंडोम का पैक खोलने से पहले उस के लेबल पर लिखे गए निर्देशों को सावधानी से पढ़ें

इस तरह बनाएंगे संबंध तो मिलेगा डबल मजा

एक अंतरंग संबंध या एक यौन संबंध याने जोड़ों का शारीरिक और भावनात्मक रूप से अच्छी तरह से शामिल होना हो सकता हैं. इसको मुख्यतः प्यार और प्रतिबद्धता के अलावा जुनून और आकर्षण द्वारा निर्धारित किया जाता है. एक रिश्ते में अंतरंगता जोड़े को भावनात्मक रुप से एक दूसरे सें कितने संलग्न है, यह तय करने में और सुरक्षा की अपनी भावना का निर्धारण करने में मदद करती हैं. इसके अलावा, एक अंतरंग संबंध एकसाथ रहने की इच्छा को केवल शारीरिक स्तर से परे एक भावनात्मक स्तर पर बरकरार रखते हैं. उसमें अपनेपन और स्नेह की भावना होती है.

निम्नलिखित मुद्दों से आपको यह संकल्पना समझने में मदद मिलेगी:

  1. जोड़े उनके रिश्ते में अंतरंगता का आनंद लेते है, वह एक दूसरे पर निर्भर हो जाते हैं.

2.  एक अंतरंग संबंध में हमेशा आवश्यकता की पूर्ति की भावना होती है. यह पूर्ताता भावनात्मक, सामाजिक और यौन हो सकती हैं.

3. एक अंतरंग संबंध कभी कभी आकर्षण, मोह, और जुनून के अन्य संकल्पना के साथ उलझ सकता है. अंतरंगता का आनंद ले रहे लोगों को इससे सतर्क होना चाहिये, जिससे वह बादमें दर्द और अविश्वास से बच सकते हैं.

4.  इसके अलावा, एक अंतरंग संबंध हमेशा एक यौन संबंध नहीं हो सकता हैं. एक संतोषप्रद शारीरिक संबंध बनने के लिए एक भावनात्मक रूप से संलग्न होना बहूत जरुरी होता हैं, और इसलिए अंतरंगता को बहुत ज्यादा व्यक्तिगत स्तर पर परिभाषित किया जाता हैं. एक अंतरंग जोड़े अपने साथी की पसंद और नापसंद के बारे में स्वाभाविक रुप से जानते है, और इसलिए साथ रहने का हर अनुभव पूर्ण बनाते हैं.

5. शोधकर्ताओं के अनुसार, एक अंतरंग संबंधों में शामिल व्यक्ति खुद को बेहतर समझने में भी सक्षम होते है, जिससे कारण उनको अपने साथियों से जुड़ा होने के अलावा उनको क्या चाहिए यह पता होता हैं.

सैक्स के बाद मर्दाना अंग में जलन,डाक्टर से लें सलाह

माधव की उम्र 45 साल थी. उस के 2 बच्चे थे. पत्नी सविता की उम्र 40 साल थी. पतिपत्नी ज्यादा तो सैक्स नहीं कर पाते थे, पर उन में बहुत ज्यादा प्यार था. हां, जब कभी मूड कर गया, तो माधव सविता की देह मथ ही देता था.

सविता भी पति की बांहों में खो जाती थी. पर यह सब हफ्ते में 2-3 बार ही हो पाता था. लेकिन पिछले कुछ समय से माधव एक नई समस्या से जूझ रहा था. पत्नी के साथ सैक्स करने के बाद उस के अंग में तेज जलन होती थी और कई बार तो वह दर्द से बिलबिला जाता था. पहले तो माधव ने सोचा कि सविता के पास काफी दिनों में जाने से ऐसा हो सकता है, पर पिछले 2 दिन में 2 बार सैक्स करने पर भी उसे वही दर्द हुआ.

माधव ने यह बात किसी को नहीं बताई और इसे आम बात समझ कर चुप्पी साध गया, पर मन ही मन वह सैक्स करने के विचार से ही डरने लगा. सविता भी नहीं समझ पाई कि अब माधव उस से दूरी क्यों बना रहा है, जबकि वह तो उसे पूरा मजा देती है.

भारत में सब से ज्यादा दिक्कत की बात यह है कि अच्छे पढ़ेलिखे लोग भी सैक्स से जुड़ी बीमारियों को जानबूझ कर अनदेखा कर देते हैं और इलाज की कमी में उन्हें बड़ा बना देते हैं, जबकि किसी माहिर अच्छे डाक्टर के पास ऐसी बीमारियों का इलाज हो सकता है.

लेकिन माधव डाक्टर के बजाय किसी नीमहकीम के दरवाजे पर जा पहुंचा, जहां इलाज के नाम पर उसे इतना काढ़ा पिलाया गया कि वह हाथ जोड़ने लगा, जबकि उसे अपनी बीमारी से छुटकारा नहीं मिल पाया.

मर्दाना अंग में जलन बारे में ‘अल्फा वन सैंटर’ के डायरैक्टर और ‘यूरोपियन कमेटी औफ सैक्सुल मैडिसिन’ के फैलो डाक्टर अनूप धीर का मानना है, ‘‘सैक्स के बाद अंग में जलन एक एसटीआई का संकेत हो सकता है, जैसे अंग का दाद, सिफलिस, क्लैमाइडिया या गोनोरिया. अगर आप को संभावित एसटीआई पर शक है, तो सैक्स करने से बचें और अपने अंग की जलन की सटीक वजह का पता लगाने के लिए डाक्टर से मिलें.

‘‘सैक्स का रगड़ाव आप के अंग की चमड़ी को परेशान कर सकता है खासकर अगर आप का साथी सही रूप से लुब्रिकेटेड नहीं है. पार्टनर के शरीर पर रगड़ने से चमड़ी की ऊपरी परत घिस सकती है. यह नीचे की संवेदनशील परत को उजागर कर सकता है, जिस में तंत्रिकाएं और ऊतक होते हैं.

‘‘यह दर्द केवल एक दिन तक रह सकता है, अगर आप ऐसी गतिविधियों यानी सैक्स करने से परहेज करते हैं जो चमड़ी को और परेशान कर सकती हैं. कुछ देर तक सैक्स करने या फिर जोरजोर से सैक्स करने से आप के अंग में दर्द हो सकता है.

‘‘यह लंबे समय तक सीधा रहने का नतीजा हो सकता है, जो मांसपेशियों और ऊतकों को तनाव और कभीकभी चोट भी पहुंचा सकता है.’’

डाक्टर अनूप धीर का यह भी मानना है कि अगर यह समस्या बढ़ रही है तो माहिर डाक्टर से चैक कराने में देर न करें और उस के बताए गए इलाज का पूरी तरह पालन करें.

इन बातों का रखें खयाल

  1. सैक्स से पहले और बाद में दोनों पार्टनर अपने प्राइवेट पार्ट की सफाई जरूर करें.

2. कंडोम का इस्तेमाल करें.

3.  सैक्स के बाद अंडरवियर बदल दें.

4. अंग में दर्द होने पर कुछ समय के लिए सैक्स करना छोड़ दें.

5. ऐसी सैक्स पोजिशन न इस्तेमाल करें, जिन से बाद में दिक्कत होती हो.

बियर्ड ग्रोथ के लिए ऐसे करें नारियल तेल का इस्तेमाल, पढ़ें खबर

आज की तारीख में लोग बियर्ड यानी कि दाढ़ी रखने के बहुत शौकीन होते हैं. ऐसा भी माना जाता है कि कई लड़कियों को वे लड़के काफी पसंद होते है जो कि बियर्ड रखते हैं लेकिन जैसा कि हम सब जानते हैं कि बियर्ड रखना आसान नहीं होता. बियर्ड रखने के लिए उसे समय समय पर ग्रूमिंग की जरूरत पड़ती है और तो और हैवी बियर्ड रखने के लिए काफी मेंटेनेंस की भी जरूरत पड़ती है.

ऐसे में कई लोग बियर्ड प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते हैं जैसे कि बियर्ड ऑयल आदी. कई लोगों को बहुत शौंक होता है बियर्ड रखने का लेकिन उनकी दाढ़ी नहीं आई होती तो वे अननैट्युरल तरीके से बियर्ड उगाने की कोशिश करते हैं जो कि उन्हें नहीं करनी चाहिए. बियर्ड ऑयल ना सिर्फ बियर्ड को मेंटेन करने में प्रयोग होता है बल्कि इससे पैची बियर्ड यानी कि आधी अधूरी बियर्ड की समस्या को भी ठीक किया जा सकता है.

कई लोग बियर्ड ऑयल एफौर्ड नहीं कर पाते तो ऐसे में वे नारियल का तेल इस्तेमाल करते हैं जिससे कि वे अपनी बियर्ड को स्मूथ और मेंटेन रख सकें. तो आज हम आपको बताएंगे कि नारियल का तेल आपकी बियर्ड के लिए सही विकल्प है या नहीं.

यह बात तो हम सब जानते हैं कि नारियल का तेल हमारी त्वचा के लिए काफी अच्छा होता है और इससे हमारी त्वचा कोमल रहती है और ड्रायनेस की समस्या भी दूर होती है. नारियल का तेल ना सिर्फ हमारी त्वचा के लिए बल्कि हमारे बालों के लिए भी काफी लाभदायक होता है और यह तेल बालों की ग्रोथ के लिए भी काफी अच्छा होता है.

कैसे करें बियर्ड पर नारियल तेल का इस्तेमाल –

  1. शुरुआत हमेशा थोड़ी मात्रा से करें, ताकी इससे कोई साइड-इफेक्ट अगर तो पहले ही पता लग जाए.  हम सबकी त्वचा एक दूसरे से काफी अलग है तो किसी को कोई प्रोडक्ट सूट करता है तो किसी को नहीं करता. ऐसे में साइड इफेक्ट मेहसूस होने पर ना करें नारियल तेल का इस्तेमाल.
  2. हथेलियों में एक चम्मच नारियल के तेल को रगड़ कर लगाएं. अगर तेल जम गया है तो इसे हल्का गर्म करें ताकी पिघलने के बाद इसे लगाना आसान हो सके.
  3. दाढ़ी को सही शेप देने के लिए तेल को नीचे की ओर ले जाएं.
  4. दाढ़ी के बाल असमान रूप से और अलग-अलग आकार और कोणों पर बढ़ते हैं. यही कारण है कि आपकी दाढ़ी को अच्छी शेप में आने और ग्रूम होने में थोड़ा समय लग सकता है.

ऐसे में अगर किसी को नारियल के तेल से एलर्जी है तो इसके इस्तेमाल बिल्कुल ना करें क्योंकि हमारी सेंसिटिव स्किन पर इसके कई साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं.

सैक्स लाइफ में तड़का लगाते इनरवियर्स

रीता की लाइफ से सैक्स धीरेधीरे गायब होता जा रहा था. वह इस का कारण नहीं जान पा रही थी. एक दिन अनजाने में उस ने सैक्सी लौंजरी पहनी जिसे देख उस का पति रोहित उस की ओर तुरंत अट्रैक्ट हो गया और उसे इसी तरह की लौंजरी पहनने की सलाह दी. इस सलाह पर अमल करने के बाद उन पतिपत्नी की सैक्स लाइफ फिर से खुशियों से भर गई. यह सिर्फ एक उदाहरण ही नहीं है बल्कि अगर हम बात करें मौडल्स की, तो वे बिकिनी वगैरह के कारण ही चर्चा में रहती हैं. उन की इसी झलक को पाने के लिए लोग दीवाने रहते हैं. दरअसल, सैक्सी दिखना व देखना सभी को अच्छा लगता है. सो, आप भी लेटैस्ट व सैक्सी गारमैंट्स पहन कर खुद को बनाएं ज्यादा सैक्सी.

1. ब्रा हो स्टाइलिश

भले ही आप 35 वर्ष की उम्र क्रौस कर गई हों लेकिन मन में यह सोच न पालें कि अब क्या जरूरत है इतनी स्टाइलिश ब्रा पहनने की. इस उम्र में भी आप की सैक्सी लौंजरी आप के पार्टनर को आप की ओर खींचेगी.

आप ही सोचिए, अगर आप अपने पार्टनर के पास बैठी हैं और आप की नैट वाली स्ट्रिप दिखाई दे तो क्या पार्टनर आप को अपनी बांहों में लेने को मजबूर नहीं हो जाएगा. सो, ट्राई करें नैट वाली, विदआउट स्ट्रिप, पैडिड, कलरफुल, कंफर्टेबल, केज व लौंगलाइन ब्रा पहनने की, क्योंकि जहां फिटिंग के मामले में इन का कोई जवाब नहीं वहीं स्टाइल भी इन का जबरदस्त होता है.

2. पैंटीज हो मस्तमस्त

सैक्स यानी समर्पण. तो फिर हिचक कैसी. जब आप और आप का पार्टनर रूम में हैं तो ब्रा के साथ पैंटी भी हौट हो. और हो सके तो दोनों मैचिंग की हों, तो मजा दोगुना हो जाएगा.

रात में आप डोरी वाली, हाफ या फुल नैट स्टाइल ब्रा के साथ मैचिंग कलर पैंटी पहनना न भूलें. यह पार्टनर में सैक्स की इच्छा को कई गुना बढ़ा देती है.

3. चेहरे से दिखे आप की इच्छा

यह नहीं कि आप, बस, पार्टनर के कहनेभर से उस के समीप जा कर लेट जाएं बल्कि आप का चेहरा इतना खिलाखिला व फ्रैश दिखना चाहिए कि पार्टनर को लगे कि आप की भी सैक्स करने की इच्छा है, तभी सैक्स का ज्यादा मजा आ पाएगा.

4. पुरुष भी दिखें सैक्सी

अकसर पुरुषों की यही सोच रहती है कि पार्टनर का ही सैक्सी दिखना जरूरी होता है. लेकिन जितना आप उन्हें खूबसूरत देखना चाहते हैं उतना ही वे भी आप को देखना चाहती हैं. इसलिए आप भी खुद को संवारने पर ध्यान दें. युवतियों के मुकाबले आप के भी अंडरगारमैंट्स स्टाइलिश हों और फिटिंग का भी खास ध्यान रखें. वह आप के पार्टनर को हौट फील कराने के लिए काफी है.

वर्जिन गर्लफ्रैंड से सेक्स की अनूठी चाह

नेहा और सोहन की दोस्ती को अभी 2 महीने ही हुए थे कि सोहन उसे बातबात में टच करने की कोशिश करता. जब उसे यह बात पता चली कि नेहा वर्जिन है, तो वह उसे बहाने से एकांत में, होटल वगैरा में ले जा कर सैक्स करने को उत्तेजित करता. सोहन की यह बात नेहा को पसंद न आई औैर उस ने साफ कह दिया कि मेरे लिए सैक्स शादी के बाद ही उचित है. यह बात सुन सोहन भड़क उठा, क्योंकि उस के दोस्त भी उस का मजाक बनाते थे कि यार तू कैसा लड़का है जो अपनी गर्लफ्रैंड को इतने समय में भी सैक्स के लिए राजी नहीं कर पाया. ऐसे में उस ने बिना सोचेसमझे नेहा से ब्रेकअप कर लिया.

ऐसा सिर्फ नेहा औैर सोहन के साथ ही नहीं बल्कि अधिकांश युवकों के साथ होता है, क्योंकि उन के लिए प्यार के माने गर्लफ्रैंड से सैक्स है. ऐसे में जब आप को पता चले कि आप की गर्लफ्रैंड वर्जिन है तो उस पर जबरदस्ती वर्जिनिटी तोड़ने का दबाव न डालें औैर न ही खुद किसी दबाव में आएं बल्कि संयम बरतते हुए उसे वक्त दें ताकि वह तैयार हो जाए, आपसी सहमति से रिलेशन बनाने के लिए.

जब गर्लफ्रैंड हो वर्जिन

1. रखें खुद पर संयम

गर्लफ्रैंड वर्जिन हो और आप का खुद पर कंट्रोल मुश्किल हो रहा हो तो भी आप को संयम बरतना होगा. ऐसा न हो कि मौका मिलते ही चालू हो जाएं. भले ही आप के लिए यह पहला मौका नहीं है लेकिन आप की गर्लफ्रैंड का यह पहला चांस है. ऐसे में उसे चीजों को समझने में वक्त लगेगा और आप को भी उस की फीलिंग्स की कद्र करनी पडे़गी, तभी यह रिश्ता लंबे समय तक चल पाएगा.

2. बातोंबातों में प्यार दें

अपनी गर्लफ्रैंड को कभी प्यार से हग करें तो कभी उस के गालों पर किस करें, जब वह आप के प्रति करीबी महसूस करने लगे तो उसे समझाएं कि यह भी खूबसूरत एहसास है.

3. वर्जिन गर्लफ्रैंड से न करें सैक्स

वर्जिन गर्लफ्रैंड के साथ सैक्स करने में उसे हर्ट हो सकता है, जिस कारण वह दोबारा कभी सैक्स करने की हिम्मत नहीं जुटा पाएगी. अत: गर्लफ्रैंड के साथ सैक्स करने की जिद न करें.

4. वर्जिन गर्लफ्रैंड को न समझें दब्बू

बातबात पर उसे यह कह कर नीचा दिखाने की कोशिश न करें कि यार तेरे तो कुछ बस का ही नहीं है, तभी तो तू आज तक वर्जिन है. हर समय डरती रहती है. तू तो मुझे खुश करने के लिए कुछ भी नहीं करती जबकि रेखा को देख वह अपने बौयफ्रैंड के लिए कुछ भी करने को तैयार रहती है. तू तो हमेशा ऐसे ही ढीलीढाली बनी रहेगी.

आप की ऐसी बातें सुन कर जहां वह दुखी होगी वहीं आप से दूरी भी बना लेगी.

5. ड्रिंक पिला कर न करें जबरदस्ती

आप की गर्लफ्रैंड अभी रिलेशन बनाने के मूड में नहीं है, लेकिन आप उस पर बारबार दबाव डाल रहे हैं. ऐसे में अपने ऐंजौयमैंट के लिए आप नशीला ड्रिंक पिला कर उस के साथ जबरदस्ती करने लगेंगे तो इस से भले ही आप को कुछ पल का मजा मिल जाए, लेकिन यह मजा आप के लिए हमेशा की सजा भी बन जाएगा. इसलिए भूल कर भी यह गलती न करें.

6. वर्जिनिटी को न बनाएं इश्यू

आप की गर्लफ्रैंड वर्जिन नहीं है तो इस का अर्थ यह नहीं कि सैक्स के दौरान ब्रेकअप कर बैठें, जो ठीक नहीं है.

वर्जिनिटी की तय दकियानूसी बातें जैसे झिल्ली फटना आज के संदर्भ में महत्त्व नहीं रखतीं. आज युवतियां हर तरह के इवैंट्स में भाग लेती हैं. उन्हें स्वयं ही पता नहीं चलता कि कब उन की झिल्ली फट गई. इसलिए इन बातों को आधार बना कर अपनी प्रेम लाइफ को कष्टकारी न बनाएं.

7. वर्जिनिटी न पड़ जाए भारी

आप किसी पार्टी में गए हुए हैं और वहां आप की मुलाकात किसी ऐसी युवती से हो जाए जो वर्जिन हो. यह बात आप को उस से बात करने के दौरान पता चले औैर यह सुन कर ही आप उस से इंप्रैस हो कर उसे अपनी गर्लफ्रैंड बनाने का औफर दे डालें तो यह आप की सब से बड़ी भूल होगी.

हो सकता है कि वह अपने वर्जिन होने के ढोंग से आप को अपनी ओर आकर्षित करना चाह रही हो, जबकि इस के पीछे मकसद आप को फंसाना हो.

8. पोर्न वीडियोज देख कर न हों उत्तेजित

भले ही आप को सैक्स के बारे में नौलेज नहीं है, लेकिन बौयफ्रैंड को इंप्रैस करने के चक्कर में यदि आप पोर्न वीडियोज देखने लगें, तो इस का आप पर भी गलत प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि इस में पार्टनर के साथ दिखाए गए अधिकांश ऐक्शंस वास्तविक नहीं होते, लेकिन अगर आप इन्हें अपनी वास्तविक सैक्स लाइफ में अप्लाई करेंगे तो इन से आप को नुकसान उठाना पड़ सकता है.

9. युवतियां वर्जिनिटी को न बनाएं पार्टनर की कमजोरी

बातबात पर पार्टनर को यह कहना कि तुम्हें मुझ जैसी वर्जिन गर्लफ्रैंड कभी नहीं मिलेगी औैर यह कह कर हर बार फरमाइशों की लिस्ट उस के सामने न रख दें. ऐसे में आप का बौयफ्रैंड भले ही थोड़े समय के लिए आप की मांगों को पूरा कर दे लेकिन एक वक्त ऐसा आएगा जब वह आप से दूर जाने में ही भलाई समझेगा. इसलिए अगर आप का पार्टनर आप से सच्चे दिल से प्यार करता है तो उस की कद्र करें न कि उसे अपनी वर्जिनिटी से ब्लैकमेल करने की कोशिश करें.

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