मनोहर की शादी को एक हफ्ता हुआ था. वह रात को अपनी नईनवेली दुलहन के पास जाने से कतरा रहा था. इस की वजह थी उस के अंग में तनाव की कमी और वह सैक्स सुख के सागर में गोते नहीं लगा पा रहा था.

मनोहर अकेला ऐसा नहीं है, जो इस तरह की समस्या से जूझ रहा है. दुनियाभर में ऐसे बहुत सारे मर्द हैं, जो अपने अंग में मनचाहे तनाव की कमी के चलते अपने सैक्स पार्टनर के सामने शर्मिंदगी झेलते हैं. इस की सब से बड़ी वजह है कि हम किस तरह से जिंदगी जी रहे हैं.

अगर कोई बीड़ीसिगरेट ज्यादा पीता है, तो उस के अंग में ढीलापन हो सकता है. साथ ही, जो लोग ज्यादा शराब पीते हैं या कोई और नशा करते हैं, वे भी इस समस्या से दोचार हो सकते हैं.

जरूरत से ज्यादा दिमागी तनाव भी सैक्स लाइफ पर बुरा असर डालता है. अपने काम से जुड़े विचारों को बिस्तर पर लाने से मर्द अपने अंग में तनाव की कमी को बढ़ा सकता है. इतना ही नहीं, बढ़ती उम्र भी इस तकलीफ में इजाफा ही करती है.

इस के लक्षण

* शुरुआत में अंग में तनाव पाने में मुश्किल होना.

* सैक्स के लिए पूरे समय तक तनाव बनाए रखने में नाकाम होना.

* प्रवेश के तुरंत बाद तनाव में कमी.

* मनमुताबिक सैक्स न हो पाना.

* सैक्स में दिलचस्पी की कमी.

* आत्मसम्मान में कमी.

* गुस्सा, चिढ़चिढ़ापन, उदासी का होना, खुद को नामर्द महसूस करना.

अंग में तनाव की कमी के मुद्दे पर जब प्लास्टिक, कौस्मैटिक सर्जन और एंड्रोलौजिस्ट डाक्टर अनूप धीर से बात की गई, तो उन्होंने बताया, ‘‘अंग में तनाव की कमी को इंगलिश में ‘इरैक्टाइल डिस्फंक्शन’ कहते हैं. यह ऐसी आम कंडीशन है, जो दुनियाभर में मर्दों को प्रभावित करती है और इस की वजह से उन की जिंदगी की क्वालिटी के साथसाथ रिलेशनशिप भी बिगड़ती है.

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