दिक्कत तो यह है कि हर किसी ने सैक्स को जंग का मैदान मान लिया है, जिस में जीत के माने होते हैं पार्टनर पर बेवजह ताकत आजमाना, जबकि सैक्स के सही माने हैं हारजीत से परे संतुष्टि के लिए एक जरूरी और कुदरती काम हमबिस्तरी करना, जिस में मजा और सुख भी कुदरती ही होता है. एक लंबा तगड़ा मर्द भी कई बार अपनी बीवी को वह संतुष्टि और सुख नहीं दे पाता, जो दुबलापतला आम मर्द, जिसे बोलचाल की जबान में ‘सिंगल फ्रेम’ कहा जाता है, दे देता है.

24 साला शीला का पति खासा पहलवान टाइप दिखता है, लेकिन बिस्तर में जल्द पस्त पड़ जाता है. शीला बेचारी आधीअधूरी रह जाती है. उस समय तो उस का गुस्सा और बढ़ जाता है, जब पति करवट बदल कर 5-10 मिनट में खर्राटे भरने लगता है और वह घंटों नींद के इंतजार में नदी में प्यासी मछली की तरह तड़पती रहती है.

कई बार तो शीला का मन करता है कि वह सोते हुए पति की कमर पर एक जोरदार लात मारते हुए कहे कि जब बुझाते नहीं बनता तो यह आग लगाते ही क्यों हो. लेकिन सुबह वह सब भूलने लगती है, क्योंकि पति उस का पूरा खयाल रखता है, छोटेबड़े हर काम में हाथ बंटाता है और उस की हर फरमाइश पूरी करने की कोशिश करता है.

शीला की पड़ोसन रुक्मिणी अकसर उसे छेड़ा करती है कि यार, तुम तो किस्मत वाली हो, जो पति तुम्हें इतना प्यार करता है. असली रानी तो वही होती है, जिस का पति उस के आगेपीछे मंडराता रहे.

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