मेरे पति सेक्स करते समय एक मिनट में ही पस्त हो जाते हैं, मैं क्या करूं?

सवाल-

मेरी शादी को 6 महीने हो गए हैं. जब मैं पति के साथ हमबिस्तर होती हूं तो वे एक मिनट में ही पस्त हो जाते हैं. उन से अपने दिल की बात कहती हूं तो वे नाराज हो जाते हैं. इस के लिए हमें क्या करना चाहिए?

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जवाब-

समय से पहले पस्त होना यानी प्रीमैच्योर इजैक्यूलेशन तब होता है जब कोई जिस्मानी रिश्ता बनाने से पहले या कुछ ही देर में अपनी इच्छा से पहले ही पस्त हो जाता है. इस की वजह से सेक्स बहुत ही कम समय का और दोनों साझेदारों के लिए नाकाफी होता है. तनाव और परेशानी की वजह से यह समस्या बढ़ सकती है.

आप को अपने साथी से सेक्स समस्याओं का इलाज करने वाले किसी ऐसे डाक्टर से मुलाकात करने के लिए कहना चाहिए जो उन्हें कुछ ऐसी तकनीकें बता सके जिन से दवाओं का इस्तेमाल किए बिना सेक्स के समय को बढ़ाया जा सके.

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मेरे 35 साल की चाची के साथ सेक्स संबंध से मेरी शादी पर कोई बुरा असर तो नहीं पड़ेगा?

सवाल-

मेरी उम्र 22 साल है. मैं ने पिछले काफी समय से अपने गांव की एक 35 साल की रिश्ते की चाची से सैक्स संबंध बनाए हुए हैं. क्या इस से मेरी होने वाली शादी पर कोई बुरा असर तो नहीं पड़ेगा?

जवाब-

अगर एहितयात नहीं बरतेंगे तो फर्क तो पड़ेगा. एक शादीशुदा औरत से सैक्स संबंध बनाने के बाद आप को पत्नी से सैक्स संबंध बनाने में वह मजा नहीं आएगा जो आप अब तक मुफ्त में लूटते रहे हैं. अच्छा होगा कि अब आप चाची से दूरी बनाना शुरू कर दें. लेकिन वे आसानी से नहीं मानेंगी. अब यह आप के ऊपर है कि आप उसे कैसे मैनेज करते हैं. कभी अगर भांड़ा फूटा तो भी आप को जवाब या सफाई देना मुश्किल हो जाएगा कि यह रजामंदी का सौदा था.

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अपने किए को जरा उलट कर?भी सोचें कि अगर आप की पत्नी के भी इसी तरह किसी रिश्ते के चाचा से सैक्स संबंध हुए तो क्या आप की शादीशुदा जिंदगी बेअसर रहती?

सेक्स सुख से बनेंगे सारे बिगड़े काम, ओछी सोच

अब अपने हर काम में पैसे की मांग के साथ साथ सेक्स की मांग भी होने लगी है. अगर कोई लड़की यूनिवर्सिटी में किसी सब्जैक्ट पर रिसर्च करना चाहती है, तो जिस के डायरैक्शन में वह रिसर्च कर रही है, वह प्रोफैसर चाहे बूढ़ा हो या जवान, उस से सेक्स संबंध बनाने को तैयार रहता है. कई बूढ़े प्रोफैसर अपनी पोती से भी कम उम्र की छात्रा से सेक्स संबंध बना लेते हैं, तो कई स्कूल टीचर अपने स्कूल की 7वीं, 8वीं और 9वीं जमात में पढ़ने वाली छात्राओं से भी पढ़ाने के बहाने उन के जिस्म के नाजुक अंगों पर हाथ फिराते हुए उन्हें सेक्स के लिए उकसाते रहते हैं.

लोगों में सेक्स की लालसा इतनी ज्यादा बढ़ चुकी है कि रात में उन के बच्चे ठीक से सो भी नहीं पाते हैं कि वे सेक्स संबंध बनाने लगते हैं. उन के मजे को बच्चे समझ जाते हैं.

मांबाप की इस लापरवाही का नतीजा यह होता है कि उन के बच्चे भी अपने सगे भाईबहन से सेक्स संबंध बना कर उस के मजे लेने लगते हैं, जिस से कई बार तो कम उम्र की लड़कियां भी पेट से हो जाती हैं.

सेक्स संबंधों की लालसा लोगों में इतनी ज्यादा बढ़ चुकी है कि वे अपने रिश्तों की भी परवाह नहीं कर रहे हैं. बूआ अपने सगे भतीजे से सेक्स संबंध बना रही है, तो ससुर अपने बेटे की बीवी से सेक्स संबंध बना कर अपनी मर्यादा को भूल रहा है. बेटे की गैरहाजिरी में ससुर बहू के साथ शराब पी कर सेक्स संबंध बना रहा है और दादा अपनी ही पोती को हवस का शिकार बना रहा है. उन के ऐसे संबंधों पर कोई शक भी नहीं कर पाता है.

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भाभी को अपने प्रेमजाल में फंसाने के लिए देवर शहर से उस के लिए ऐसेऐसे तोहफे ले कर आते हैं कि भाभी खुश हो कर समझ जाती है कि उस का देवर उस के लिए ये सब चीजें क्यों लाता है. खुश हो कर भाभी भी मौका देख उस की बांहों में समा जाती है और फिर देवर अपनी भाभी से सेक्स संबंध बना कर अपने लाए हुए तोहफों की कीमत वसूल कर लेता है.

आजकल हर काम पैसे और सेक्स से होने लगे हैं. अगर किसी बाबू और अफसर से अपना कोई काम कराना है, तो उन्हें पैसे और सेक्स का सुख दे दो तो वे फौरन उन का काम कर देते हैं. अब तो बड़ेबड़े उद्योगपति भी अपने कामों को कराने के लिए नेताओं और अफसरों को पैसे और सेक्स सुख मुहैया कराने लगे हैं.

एक उद्योगपति ने अपनी बेटी से कहा कि एक आईएएस अफसर से अपने बिलों का भुगतान लेना है. पैसे पहुंचा दिए हैं, लेकिन वह बिलों को पास नहीं कर रहा है. उस के नीचे के अफसर से बात की, तो उस ने बताया कि उन के बड़े साहब जरा रंगीनमिजाज हैं, इसलिए उन्हें शबाब की पार्टी दे दो. बेटी को उन की सेवा के लिए भेज दो. छोटी बहन को तुम अच्छी तरह समझा देना.

बड़ी बेटी ने अपनी छोटी बहन को समझा कर उसे उन साहब की सेवा में उन के पास भेज दिया और दूसरे दिन ही उन के सभी बिल पास कर के उन्हें उन का पैसा मिल गया था.

इसी तरह से एक फिल्म हीरोइन जैसी नर्स दूरदराज के गांव में ड्यूटी देते हुए परेशान हो चुकी थी. तब एक नर्स ने उसे बताया कि किसी दिन बड़े डाक्टर साहब को सेक्स सुख दे दे, तो उस का तबादला दूसरे ही दिन हो सकता है. यह सुन कर उस ने ऐसा ही किया और दूसरे दिन ही उस का तबादला अपने शहर में हो गया.

इसी तरह से एक टीचर एक दूरदराज के गांव में ड्यूटी दे रही थी. महीने में एक बार ही वह अपने घर पर आती थी. तबादले के लिए अर्जी देतेदेते वह परेशान हो चुकी थी. तब एक दिन किसी ने उसे बताया कि वह अपने तबादले के लिए कालेज में पढ़ने वाली बेटी को उस अफसर की सेवा में भेज दे, तो उस का तबादला हो सकता है.

यह सुन कर वह उस से बोली, ‘‘ऐसे काम के लिए वह कैसे तैयार होगी?’’

उस ने समझाते हुए कहा, ‘‘वह तैयार हो जाएगी. सेक्स के लिए तो आजकल लड़कियां मरी जाती हैं. अब तक न जाने कितने लड़कों के साथ वह सेक्स के मजे ले चुकी होगी.’’

यह सुन कर वह सब अपनी बेटी से कहने के लिए तैयार हो गई थी.

घर आ कर उस ने अपनी बेटी से इस बाबत कहा, ‘‘बेटी, मेरे तबादले के लिए तुम्हें एक रात मेरे अफसर के पास रहना है.’’

‘‘क्यों नहीं मम्मी,’’ सुन कर बेटी ने खुशी से मुसकराते हुए कहा. अपने तबादले की अर्जी दे कर वह खुशी से मुसकरा उठी.

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वह अफसर उस की खूबसूरत बेटी से सेक्स सुख पा कर इतना ज्यादा खुश हुआ था कि दूसरे दिन ही उस के मनचाहे स्कूल में तबादला कर दिया गया था.

तबादले का आदेश देख कर वह यह सोच रही थी कि अगर उसे मालूम होता, तो वह बेटी को पहले ही उन की सेवा में भेज कर अपना तबादला करवा चुकी होती.

उस के बाद तो उस ने दूसरे लोगों के तबादले कराने का उन से ठेका ही ले लिया था. उन से पैसे ले कर वह अपनी बेटी और उस की खूबसूरत सहेलियों को उन की सेवा में भेज कर आज तक उन्होंने न जाने कितने ही लोगों के तबादले करवा दिए हैं.

एक खूबसूरत लड़की के इम्तिहान में कम नंबर आए थे, इसलिए एक बड़े कालेज में उस का दाखिला नहीं हो पा रहा था. जब उसे अपनी एक सहेली से मालूम हुआ कि तुम वहां की प्रिंसिपल के बेटे से दोस्ती कर उसे सेक्स सुख दे दो, तो उन का बेटा अपनी मां से कह कर कालेज में दाखिला दिलवा सकता है.

सुन कर उस ने ऐसा ही किया था. प्रिंसिपल के बेटे ने अपनी मां से कह कर उस का दाखिला उन के कालेज में करवा दिया था. यह देख कर वह लड़की समझ चुकी थी कि आज जो काम आसानी से नहीं हो सकता है, उसे सेक्स सुख दे कर कराया जा सकता है.

राजनीति का क्षेत्र भी इस से अछूता नहीं रहा है. हमारे बड़े बुजुर्ग नेता भी खूबसूरत लड़कियों से सेक्स सुख पाने को लालायित रहते हैं. कई खूबसूरत लड़कियां जो कभी उन की पार्टी की साधारण कार्यकर्ता थीं, वे भी आज अपने बड़े नेताओं की कृपादृष्टि से बड़ेबड़े पदों पर पहुंच कर सत्ता का सुख भोग रही हैं.

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अब देश की बहुत सी औरतों की यह सोच बन चुकी है कि अपने मतलब के लिए किसी को सेक्स सुख देने से उन का बिगड़ेगा ही क्या? यही सोच मर्दों की बन चुकी है कि अगर किसी काम को कराने के लिए अपनी बहन, बेटी और बीवी को उन के साथ सुला देंगे, तो उन का कुछ नहीं बिगड़ेगा, बल्कि उस से काम आसानी से हो जाएगा.

मेरी गर्लफ्रेंड ने दूसरे लड़के के साथ फिजिकल रिलेशन बनाएं है, मैं क्या करुं?

सवाल 

मैं 18 साल का लड़का हूं और एक 17 साल की लड़की से प्यार करता हूं. लेकिन उस लड़की का किसी और लड़के के साथ 4-5 बार जिस्मानी रिश्ता बन चुका है. वह अब अपने किए पर शर्मिंदा है और मुझे अपनाना चाहती है. मुझे क्या करना चाहिए?

जवाब

अगर वह वाकई शर्मिंदा है और आप भी उसे वाकई प्यार करते हैं तो उसे अपनाना हर्ज की बात नहीं है, लेकिन पहले उसे बालिग हो जाने दें और इस दौरान अपनेआप से पूछें कि शादी के बाद अगर यह बात आप को कचोटेगी तब आप की हालत क्या होगी? इस बात की क्या गारंटी?है कि वह लड़की दोबारा उस से या किसी दूसरे से संबंध नहीं बनाएगी? हालांकि, यह अच्छी बात?है कि उस ने ईमानदारी से सबकुछ आप को बता दिया है, फिर भी जल्दबाजी में या जज्बाती हो कर कोई फैसला न लें.

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पिछले कुछ समय से पेशाब में जलन की शिकायत है और रुकरुक कर आता है, मुझे क्या करना चाहिए?

सवाल-

मेरी उम्र 30 साल है. पिछले कुछ समय से पेशाब में जलन की शिकायत है. अल्ट्रासाउंड कराने पर प्रोस्टेट के पास एक गांठ जैसा निशान दिखाई दिया, जिस को कुछ डाक्टर निशान और कुछ गांठ मानते हैं. कभीकभी पेशाब भी रुकरुक कर आता है. ऐसे में मुझे क्या करना चाहिए?

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जवाब-

आप शायद यूरिनरी इंफैक्शन से पीडि़त?हैं. इस के लिए आप यूरोलौजिस्ट डाक्टर से मिल सकते हैं, जो आप के यूरिन की जांच करेंगे ताकि किसी इंफैक्शन का पता लगाया जा सके. आप को एंडोस्कोपिक टैस्ट कराने की सलाह भी दी जा सकती है, जिस से इंफैक्शन की वजह का पता लगाया जा सके और इलाज के बारे में फैसला लिया जा सके.

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मेरे पति और उनके दोस्त चाहते हैं कि वे एक दूसरे की बीवी के साथ सेक्स करें, मैं क्या करूं?

सवाल

मैं बैंक में कार्यरत हूं. मेरा विवाह 6 महीने पहले हुआ है. 4 माह से मायके में हूं. कारण, मैं ने पति की एक अनैतिक बात नहीं मानी, जिस कारण वे मुझ से नाराज हैं. शादी के बाद हम इन के एक नवविवाहित दोस्त दंपती के साथ हनीमून पर गए थे. वहां ये दोनों दोस्त चाहते थे कि एक दूसरे की बीवी के साथ सेक्स करें. दोस्त की बीवी इस के लिए सहमत थी, पर मुझे ऐतराज था. अत: मैंने इस के लिए साफ इनकार कर दिया. हनीमून के बाद हम घर लौट आए. यहां आ कर भी पति ने अपनी जिद नहीं छोड़ी. इस बात को ले कर काफी कलह हुई और मैं अपने मायके लौट आई. क्या मुझे पति से तलाक मिल सकता है?

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जवाब

आप के पति की मांग अनुचित है, पर इस के लिए आप को घर छोड़ने की जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए थी. यौन आनंद के लिए युवा इस तरह के प्रयोग अकसर करते हैं. आप यदि वास्तव में इस प्रयोग को परंपरा के विरुद्ध मानती हैं तो छोड़ दें पर इस की वजह से तलाक की नौबत आ जाए, यह भी गलत होगा.

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मैं एक नाबालिग लड़के से प्यार करती हूं. क्या मुझ उससे शादी कर लेनी चाहिए?

सवाल-

मैं 19 साल की लड़की हूं और एक 17 साल के लड़के से प्यार करती हूं. हमारे घर वालों को इस बारे में पता है. वे इस रिश्ते से खुश हैं, पर हम दोनों में से कोई भी किसी रोजगार में नहीं है. साथ ही, अभी लड़का नाबालिग है. अगर हम अभी शादी करते हैं तो किस तरह की दिक्कतें आ सकती हैं? इस बारे में सही सलाह दें.

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जवाब-

आप खुद से पूछिए और सोचिए भी कि किस तरह की दिक्कतें आ सकती हैं. नाबालिगी और बेरोजगारी दोनों ही अपनेआप में सब से बड़ी दिक्कतें हैं. बिना बालिग हुए आप उस लड़के से शादी नहीं कर सकतीं और बिना रोजगार के जिंदगी की गाड़ी नहीं चलेगी, इसलिए प्यार के साथसाथ अपने कैरियर पर भी ध्यान दें. घर वालों का सपोर्ट आप के हक की बात है, इसे बनाए रखें और सेक्स संबंधों से बचें. बालिग होने के बाद ही कोई फैसला करें.

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आखिर कौनसी सेक्स पोजीशन है सबसे खतरनाक, पढ़ें खबर

साइंटिस्ट्स ने सबसे कौमन सेक्स पोजीशंस में से एक को सबसे खतरनाक बताया है. साइंटिस्ट्स के मुताबिक, आधे से ज्यादा पीनाइल फ्रैक्चर्स के लिए वूमन औन टौप पोजीशन जिम्मेदार है. ब्राजील के रिसर्चर्स ने तीन हौस्पिटल्स में केसेज की स्टडी के बाद ये खुलासा किया है.

इस पोजीशन में महिलाएं अपने पूरे बौडी वेट के साथ पेनिस को कंट्रोल करती हैं. अगर पेनेट्रेशन में जरा भी गड़बड़ी हुई तो मर्द कुछ नहीं कर पाते. इसमें महिलाओं को तो दर्द नहीं होता लेकिन पेनिस को चोट पहुंचती है. डौगी स्टाइल सेक्स भी 29 परसेंट फ्रैक्चर्स के लिए जिम्मेदार माना गया है.

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रिसर्च में, मिशनरी पोजीशन सेक्स के लिए सेफेस्ट पोजीशन के तौर पर सामने आई है. रिसर्चर्स ने हौस्पिटल में इलाज कराने आए 44 पुरुषों का अध्ययन किया. इनमें से 28 फ्रैक्चर्स हेट्रोसेक्सुअल सेक्स से हुए, 4 होमोसेक्सुअल से और 6 पेनिस मैनिपुलेशन से. हालांकि बाकी 4 फ्रैक्चर्स का कारण डौक्टर्स को समझ नहीं आया.

रिसर्चर्स ने नोट किया कि केसेज में चोट अनकौमन है और जिन्हें फ्रैक्चर होता है, वे बताने से डरते हैं. ऐसे में इस तरह के फ्रैक्चर्स की असल संख्या और ज्यादा हो सकती है. रिसर्च पेपर के कंक्लूजन में लिखा है, “हमारी स्टडी के मुताबिक, वूमन औन टौप पोजीशन के साथ सेक्सुअल इंटरकोर्स पीनाइल फ्रैक्चर्स के लिए सबसे रिस्की है. जब एक मर्द मूवमेंट को कंट्रोल करता है तो वो पेनेट्रेशन के दौरान पेनिस में दर्द को रोकने की स्थिति में होता है.”

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उठाइए और्गेज्म का आनंद

स्त्रीपुरुष संबंध में चरम आनंद को और्गेज्म कहा जाता है. स्त्रियों में यह स्थिति धीरेधीरे या देर से आती है. इसलिए कई स्त्रियों को इस के आने या होने का एहसास भी नहीं होता. सैक्सोलौजिस्ट्स यह मानते हैं कि मनुष्य देह मल्टीपल और्गेज्म वाली है जबकि स्त्री को प्रकृति ने पुरुष की तुलना में ज्यादा बार और्गेज्म पर पहुंचने की क्षमता दी है. कुपोषण, पोषणहीनता विटामिंस की कमी, सेक्स संबंधों में अनाड़ीपन या अल्पज्ञान के चलते हमारे देश में लोग मोनो और्गेज्म का ही सुख पाते हैं और उसे ही पर्याप्त समझते हैं.

सुहागरात का प्रथम मिलन

अकसर दंपती सुहागरात के दिन चरम आनंद का अनुभव नहीं कर पाते. उन्हें लगता है व्यर्थ ही इतने सपने पाले.

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एक दंपती कहता है, बहुत भयंकर रहा हमारा प्रथम मिलन. पत्नी को छूते ही पति का काम हो गया (स्खलित हो गया). पत्नी कोरी (चरमानंद का एक अंश तक नहीं) ही रह गई. अभी पतिपत्नी के बीच न कुछ बात हुई, न विचार…पति ग्लानि का शिकार हो गया. उसी को दबाने के लिए उस ने नया पैंतरा अपनाया. शादी में ससुराल में हुए स्वागत और लेनदेन में मीनमेख निकालने लगा. पत्नी भी कब तक चुप रहती. दूसरेतीसरे दिन पति सहज था पर पत्नी न हो पाई. तब पति ने सचाई पत्नी को बताई. इस सच को बता कर और अपनी कमजोरी बता कर पति ने पत्नी का मन जीत लिया. उस दिन वे दोनों मन से मिले. दरअसल, वे उसी दिन को अपनी सुहागरात का नाम देते हैं.

कई बार प्रथम रात्रि में आनंद भी संभव नहीं होता, और्गेज्म तो दूर की बात है. दरअसल, उस रात्रि में कई तरह के डर हावी रहते हैं. मिलन के लिए दोनों की मानसिकता एकजैसी हो, यह भी आवश्यक नहीं. चरमानंद तालमेल, स्नेह व सद्व्यवहार पर निर्भर करता है.

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लंबे समय बाद भी सुख

अकसर पुरुष आनंद पा ले तो स्त्रियां अपने कर्तव्य की इतिश्री समझ लेती हैं. पूछने पर कह देती हैं कि उन्हें आनंद आ गया. असल में 2 या 3 बच्चे हो जाने के बाद भी आनंद आता है. एक युवती कहती है, ‘‘संभोग करने में उसे दर्द रहता था. सहेलियों ने सलाह दी कि बच्चा पैदा होने पर यह दर्द गायब हो जाएगा. दर्द गायब हुआ पर चरमानंद तीसरे बच्चे के बाद ही आया. चरमानंद के बाद मैंने संभोग की असली स्टेज जानी जिस के बाद कुछ करने का मन नहीं करता.’’

एक स्त्री कहती है, ‘‘मुझे मेनोपौज के समय चरमानंद का पता चला. उस समय कामोत्तेजना बढ़ गई. मैं स्वयं ही इन से फरमाइश करने लगी. पहले चरमानंद आ जाता तो जीवन के लंबे अरसे तक इस का अनुभव लेते रहते.’’

कैसे पहचानें और्गेज्म

यह स्थिति चरम संतुष्टि की स्थिति है. यह अपनेआप पता लग जाती है. अकसर इस के बाद कुछ करने का मन नहीं करता. कुछ स्त्रियां आंख मीच कर निढाल भी रहती हैं.

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इस दौरान योनि में संकुचन हृदय धड़कन जैसा होने लगता है. निरंतर और्गेज्म पाते रहने से इस स्थिति पर पहुंचने का 20-30 सैकंड पहले पता लग जाता है. ऐसे में एकाग्रता बढ़ा लेना अच्छा रहता है. पुरुष भी अपनी देह पर पकड़ अनुभव करते हैं. यह स्थिति उन के लिए सफल सेक्स का बहुत बड़ा साइलैंट कम्युनिकेशन है.

और्गेज्म अपने सुख के लिए भी है. शरीर के साथ ही यह मन को भी हलका बनाता है. शरीर से निकले स्राव तनमन में रासायनिक क्रिया उपजाते हैं. मन को फुर्तीला बनाते हैं, जीवन के प्रति विश्वास जगाते हैं. जीना रुचिकर लगता है, उस में रस आता है. कभी स्खलन न हो या चरमानंद न आए तो मन बेचैन, उद्विग्न, अकारण परेशान, चिंतातुर रहता है. इसे चरमानंद पाने वाले लोग आसानी से जानसम झ सकते हैं.

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हर बार पहले जैसी अनुभूति

एक युवती कहती है कि पहला और्गेज्म उसे समझ न आया. संकुचन हुआ तो लगा पता नहीं यह क्या हो गया. इसे जानने के बाद अगली बार यह स्थिति न सिर्फ आनंददायक रही बल्कि तृप्तिदायक व संतुष्टिदायक भी रही. एक युवक कहता है, ‘‘मेरी पत्नी ने एक रात मुझे बताया कि आज मुझे नाभि तक सरसराहट महसूस हो रही है. लग रहा है मेरे भीतर घंटियां बज रही हैं.’’ मैं समझ गया, यह उस का पहला और्गेज्म है.

स्त्रियों का चरमानंद पुरुषों के चरमानंद जैसा मुखर नहीं होता कि बिना बताए उसे कोई जान ले या भांप ले. इसीलिए कई बार उस में बाधा होती है. कुछ स्त्रियों को चरमानंद से पूर्व जल्दी और ज्यादा घर्षण चाहिए. कुछ को पुरुष अंग और गहराई पर चाहिए तो किसीकिसी को सिर्फ कोराकोरा स्पर्श चाहिए.

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पुरुष करते हैं परवाह

स्त्रियों के चरमानंद की पुरुषों को बहुत परवाह रहती है. दरअसल, यह उन्हें अपनी सेक्स परफौर्मैंस की बदौलत पाई सफलता लगती है. इसलिए उन्हें सही स्थिति बताई जाए तो वे उस की परवा करते हैं, यहां तक कि अपने आनंद को स्थगित कर के भी. एक सज्जन कहते हैं कि मैं चरमानंद के नजदीक होता हूं और मेरी पत्नी कहती है, अब यह करो. यह मत करो तो मैं मान लेता हूं क्योंकि मुझे पता है, मेरी तृप्ति कैसे होती है पर उस की तृप्ति उस समय मेरे लिए सब से महत्त्वपूर्ण होती है.

चरमानंद से पूर्व भी आनंद आता है. अगर चरमानंद को डिले करना है तो थोड़ा ध्यान बांटा जाए. लेकिन डिले इतना न हो कि हाथ से ही निकल जाए. यह न हो कि वह पुरुष साथी स्खलित हो जाए और फिर स्त्री के योग्य होने में उसे समय लगे और तब चरमानंद हाथ न आए.

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फोरप्ले व आफ्टरप्ले दोनों स्थितियों का अपना महत्त्व है. अच्छे फोरप्ले से समय पर चरमानंद पाया जा सकता है और अच्छा आफ्टरप्ले चरमानंद को देर तक बनाए रखता है. ये भावात्मक निकटता उपजाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. सेक्स को सिर्फ तन की क्रिया ही नहीं रहने देते बल्कि भावनात्मक, आंतरिक व सम्मानजनक बनाते हैं.

चरमानंद सेक्स को मुक्त मन से किए गए स्वागत का सुखद परिणाम है.ु यह स्त्रीत्व और पुरुषत्व के माने ठीक से बता देता है. एकदूसरे के लिए साथी का महत्त्व भी सम झाता है. समझदारी, समरसता से किया गया सेक्स सुख के द्वार खोलता है. यह और्गेज्म यानी चरमानंद पा कर ही अनुभव किया जा सकता है.

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वह क्यों बन गई कॉलगर्ल : उसे अपने शरीर बेचने पर कोई गिला नहीं

वह समय गुजारना मेरे लिए बङा ही अजीब और रोचक था. मैं फाइव स्टार होटल के एक कमरे में था और मेरे सामने एक बेइंतिहा खूबसूरत और आधुनिक लङकी बैठी थी. वह कौलगर्ल थी.

ब्लैक जींस और पिंक टौप में वह बेहद जंच रही थी. मैं ने उस पर एक भरपूर निगाह डाली.

उस ने अपने चेहरे से मास्क और स्टौल हटाए तो मैं उसे देखता ही रह गया. खुले बाल और हलके मेकअप में वह काफी आकर्षक लग रही थी. उस के वक्षस्थल काफी उन्नत थे और मुझे यह कहने में संकोच नहीं है कि वह गदराए हुस्न की मलिका थी.

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उस ने वी गले की टौप पहन रखी थी, जिस के अंदर से वक्ष मानो बाहर आने को उतावले हो रहे थे. मैं ने उसे पानी का गिलास पकङाया और चाय या कौफी की पेशकश की.

क्यों आती हैं इस धंधे में

यों मुझे पिछले कई सालों से कौलगर्ल्स के धंधे के बारे में जानने की जिज्ञासा थी. मैं अकसर यह सोचा करता था कि वे इस धंधे में आती क्यों हैं? वैसे आजकल तो कोरोना की वजह से इस धंधे में भी मंदी का दौर है मगर रसूखदारों के लिए आज भी कोरोना से ज्यादा मौजमस्ती जरूरी है और मौजमस्ती में सैक्स का मजा न हो तो सब बेकार.

खैर, मैं ने इज्जत से उस से पूछा,”क्या नाम है आप का?”

उस ने कहा,”सौम्या.”

मैं ने फिर पूछा,”यह असली नाम है?”

सौम्या ने कहा,”नहीं, पर असली नाम जान कर आप क्या करोगे? इस धंधे के कुछ उसूल होते हैं,” और वह हंस पङी.

हालांकि सौम्या से मेरी मुलाकात एक जानकार के माध्यम से हुई थी. उसी जानकार ने एक होटल में सौम्या से मेरी मुलाकात का समय तय किया था. उस ने मुझे बताया था कि सौम्या सुखीसंपन्न घर की आधुनिक युवती है और वह इंग्लिश भी बोलती है.

होटल के उस कमरे में सिर्फ मैं और वह युवती ही थे. मेरे सामने निहायत ही एक ऐसी युवती थी जिसे पाने के लिए कोई भी पुरूष एक तरह से टूट ही पङें मगर वह यह जान कर हैरान थी कि मैं उस से सिर्फ जानकारी चाहता हूं. मुझे उस के शरीर में कोई दिलचस्पी नहीं है.

जब वह राजी हो गई

थोड़ा नानुकुर के बाद वह अपने इस धंधे के बारे में बताने को राजी हो गई.

उस ने बताया,”मैं इस धंधे में पिछले 3 सालों से हूं. अब तो मुझे इस जिंदगी की आदत सी हो चली है. मेरे पास पैसा कमाने का इस से अच्छा जरीया और कोई नहीं दिखा. इस में पैसा तो है ही मौजमस्ती भी है.”

सौम्या आगे बताती है,”उस के अधिकतर ग्राहक पैसे वाले हैं, जो उस पर सैक्स के बदले खूब पैसा बरसाते हैं.”

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यह कह कर सौम्या चुप हो गई तो मैं ने फिर सवाल दाग दिए,”सौम्या, क्या तुम्हें इस में भय नहीं लगता? किसी अपरिचित के सामने जाने पर कैसा लगता है?”

पहले उसे डर लगता था

सौम्या कहती है,”इस धंधे में सतर्क हो कर काम करना पड़ता है. मगर हम नैटवर्क के जरीए काम करते हैं और हमेशा संपर्क में रहते हैं.”

सौम्या जब इस धंधे में आई थी तब उसे बहुत डर लगता था मगर अब वह एक पेशेवर की तरह हो गई थी. वह बताती है कि जब वह इस धंधे में आई थी तो सिर्फ वही नहीं, बल्कि अच्छेअच्छे घरों की लङकियांमहिलाएं भी बहुत थीं. उस ने यह भी बताया कि वह महीने में ₹80-90 हजार कमा लेती है, मगर चूंकि अभी कोरोना वायरस का डर है इसलिए आमदनी कम हो गई है.

उसे भरोसा है कि जल्दी ही सबकुछ समान्य हो जाएगा और वह पहले की तरह ही रूपए बना सकेगी.

दिल्ली में बड़ा नैटवर्क

वैसे देश में मुंबई के बाद दिल्ली ही एक ऐसी जगह है, जो कौलगर्ल के साथ रात बिताने के लिए हौटस्पौट जगह है. दिल्ली में तो यह हालत है कि यहां नौकरशाह, बिजनैसमैन, सत्ता के दलाल और फिक्सरों आदि के लिए खूबसूरत युवती के साथ रात गुजारने की आदत सी हो चुकी है.

यहां इस टाइप की कौलगर्ल्स के पास खूब पैसा है, वे फर्राटेदार इंग्लिश बोलती हैं और बहुतों ने तो अपना फ्लैट भी खरीद लिया है. वे कार भी चलाती हैं.

इन हाईफाई कौलगर्ल्स कोई पीङित और अपहरण की हुई नहीं होती हैं और न तो वे आम वेश्याओं जैसी भङकीली ड्रैस और मेकअप से पुती होती हैं. ये न तो रैडलाइट ऐरिया में रहती हैं न ही मैट्रो स्टैशनों, बिजली के खंभों के नीचे खङी हो कर ग्राहकों तलाश रही होती हैं. इन का लंबाचौङा नैटवर्क होता है, जो फाइव स्टार होटलों, फौर्महाउसों की मौजमस्ती में आसानी से घुलमिल जाती हैं.

ये सिंपल मेकअप में होती हैं, ब्रैंडेड कपङे पहनती हैं और हाथों में महंगे मोबाइल फोन रखती हैं. एकबारगी ये कुलीन घर की लगती हैं.

धंधे में खूब पैसा है

सौम्या बताती है,”इस धंधे में लङकियां जल्दी पैसा कमाने के लिए उतरती हैं. यह सही है कि कुछ 2-4 बार ऐसा करने के बाद इस धंधे से किनारा कर लेती हैं तो कुछ को इसी में मजा आता है.

“इस में पैसा भी है और मौजमस्ती भी. लगभग आएदिन कभी शिमला तो कभी मसूरी और कभी गोआ में वीकऐंड हो ही जाता है.”

वैसे इस धंधे में खतरा भी कम नहीं है. खासकर बिचौलिए या दलाल से, क्योंकि कभीकभी गलत किस्म का आदमी भी आ जाता है जिस के लिए नारी देह को भोगना होता है और वह नशे में जानवरों की तरह टूट पङता है. लेकिन अब अधिकतर लङकियां बिना दलाल के भी इस धंधे में हैं और महीने के ₹70-80 हजार कमा लेती हैं.

पुलिस का डर

कभीकभी पुलिस के छापों का खतरा रहता है मगर सौम्या ने बताया कि रसूखदारों के साथ होने से कोई खास दिक्कत नहीं होती.

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वैसे पुलिस के लिए भी देह व्यापार से जुङीं महिलाओं को पङकना और फिर उन्हें सजा दिलवाना आसान नहीं होता, क्योंकि पकङे जाने के बाद अकसर उन्हें कोर्ट से जमानत मिल जाती है और वे रिहा हो जाती हैं.

देह धंधे से जुङे अपराधियों में दिल्ली का कंवलजीत काफी कुख्यात रहा है. एक समय वह दिल्ली में इस धंधे का माफिया था. आज भी उस का नाम दिल्ली पुलिस की निगरानी सूची में है. पुलिस दबिश के बाद वह दिल्ली छोङ कर मुंबई भाग गया था.

सौम्या ने बताया कि आज वह जितना कमाती है उतना किसी कंपनी के बड़ेबङे अधिकारी भी शायद ही कमा पाते होंगे.

गलत तो है मगर…

सौम्या को पता है कि यह एक गलत धंधा है पर वह ठसके से कहती है,”यह मेरा देह है. मैं अपनी मरजी से कुछ भी कर सकती हूं. जब काफी पैसा बना लूंगी तब सोचूंगी कि आगे इसे जारी रखूं या बंद कर दूं?”

वह बताती है, “मुझे याद है जब मैं पूरी दिल्ली में नौकरी के लिए दरदर सिर फोङतीफिरती थी. एक जगह नौकरी भी की मगर 20-25 हजार की नौकरी से आजकल क्या होता है? मगर आज मेरे पास सबकुछ है…”

सही भी है, नारी देह पर अधिकार सिर्फ एक नारी को ही है. देह उस का है और वह इस देह से कमाना चाहती है, तो यह कानून भले ही इजाजत नहीं देता, समाज गलत मानता हो मगर सौम्या जैसी हजारों कौलगर्ल्स को इस से क्या लेनादेना? क्योंकि उन्हें पता है कि अच्छी नौकरी आसानी से मिल नहीं सकती और उस समाज की चिंता क्यों जो सदियों से औरतों पर जुल्म ही तो ढाए हैं फिर चाहे एक औरत को परंपरा पर दबाया जाता रहा हो या फिर धर्मकर्म के नाम पर डरा कर रखा जाता हो.

सौम्या ने अंतिम में बस इतना ही कहा,”आई होप कि मेरी इस मुलाकात को यहीं खत्म समझना. हां, सैक्स की इच्छा है तो मैं मना नहीं करूंगी.”

मैं ने जाते समय उस से हाथ मिलाया तो उस ने थैंक्स कहा और कमरे का दरवाजा खोल कर निकल गई.

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