ईद के अगले दिन 4 मई, 2022 की रात को करीब 9 बजे का वक्त था. तेलंगाना में हैदराबाद के सरूरनगर इलाके की मेन सड़क पर गाडि़यों का आवागमन लगातार बना हुआ था. पैदल यात्रियों की भी भीड़भाड़ थी. तहसीलदार औफिस से ठीक पहले चौराहे पर ट्रैफिक सिग्नल के ग्रीन होने के इंतजार में हर तरह की छोटीबड़ी गाडि़यां खड़ी थीं. कुछ पैदल लोग सड़क पार कर रहे थे, जबकि कुछ सड़क के किनारे खड़े थे.
ग्रीन सिग्नल होने का इंतजार स्कूटी पर बैठे एक नवविवाहिता जोड़े को भी था. वह युवक कोई और नहीं बिलियमपुरम नागराजू था, जिस ने आशरीन सुलताना के साथ हाल ही में प्रेम विवाह किया था. शादी के बाद आशरीन ने अपना नाम पल्लवी रख लिया था.
गहरे सांवले रंग के नागराजू के साथ पीछे चिपक कर बैठी गोरीचिट्टी पल्लवी साइड मिरर में अपनी सूरत निहार रही थी. तभी युवक पत्नी से मुसकराते हुए बोला, ‘‘अपनी खूबसूरती आईने को दिखा रही हो या मुझे?’‘‘अरे नहीं जी, मुहांसे देख रही हूं. कुछ ज्यादा ही निकल आए हैं,’’ पल्लवी बोली.
‘‘देसी उपाय करो, ठीक हो जाएंगे. वैसे तुम इस में भी गजब की सुंदर दिखती हो,’’ नागराजू ने मजाक किया.‘‘अच्छाजी! तुम तो दादी अम्मा की तरह बोलते हो,’’ पल्लवी भी मजाकिया लहजे में बोली. तभी सिग्नल की लाइट ग्रीन हो गई.
पल्लवी ने नागराजू की कमर कस कर पकड़ ली और उस ने स्कूटी तेजी से आगे बढ़ा दी. स्कूटी के अचानक तेज होने से पल्लवी थोड़ा पीछे की ओर झुक गई और संभलती हुई बोली, ‘‘गिराने का इरादा है क्या?’’‘‘तुम्हें कैसे गिरा सकता हूं, तुम तो मेरी जान हो.’’ नागराजू प्यार जताते हुए बोला.
‘‘अच्छा ऐसा है क्या?’’पल्लवी का बोलना था कि उस के पति नागराजू ने स्कूटी को अचानक ब्रेक लगा दिया.‘‘अरे..अरे…अब क्या हुआ?’’ पल्लवी ने तेज आवाज में पूछा, लेकिन तब तक वह स्कूटी से नीचे धड़ाम से गिर चुकी थी. नागराजू भी उस से अलग जा गिरा था.
पल्लवी को मामूली चोट आई थी. तुरंत खुद को संभालती हुई उठ खड़ी हुई. जबकि नागराजू उस से थोड़ा दूर गिरा हुआ ही था. वह उठने की कोशिश कर रहा था, लेकिन उठ नहीं पा रहा था. 2 युवक उसे घेरे खड़े थे.
एक बोला, ‘‘उठ हरामजादे… कुत्ते की औलाद. चला है इश्क लड़ाने. आज देखता हूं तुझे कौन बचाता है.’’
आशरीन उर्फ पल्लवी को आवाज जानीपहचानी लगी. उसे समझने में देर नहीं लगी. यह उस के बड़े भाई मोबिन की आवाज थी. वह हाथ में रौड लिए था.पल्लवी ने तुरंत उस के पैर पकड़ लिए, ‘‘भाई छोड़ दे. अब ये मेरे शौहर हैं. तुम्हारे दूल्हाभाई. मत मार इन्हें. तुझे जो कुछ कहना है मुझ से कह…’’
आशरीन उर्फ पल्लवी की बात अनसुनी कर गुस्से में चाकू पकड़े दूसरे युवक ने उसे खींच कर अलग कर दिया. चीखता हुआ गुस्से में बोला, ‘‘चल हट यहां से, आज इस का काम तमाम कर के ही दम लूंगा. बड़ी मुश्किल से महीने भर बाद हाथ लगा है.’’‘‘छोड़ दे भाई, इन्हें छोड़ दे. हमारी शादी हो चुकी है,’’ पल्लवी गिड़गिड़ाई.‘‘चल भाग यहां से हरामजादी, कुतिया कहीं की. भाग जा, वरना तुझे भी नहीं छोड़ूंगा. मुसलमानों में लड़कों की कमी हो गई है, जो तूने इस हिंदू से शादी की है. और वह भी नीची जाति के लड़के से. आज पकड़ में आया है, अब इस की खैर नहीं.’’ गुस्से में आगबबूला युवक ने अपने पति की जान की भीख मांगती बहन आशरीन को जोर का धक्का दिया.
खुद को संभालती पल्लवी कभी अपने पति को रौड से पीट रहे भाई की तरफ भागती तो कभी चाकू लिए दूसरे हमलावर को पकड़ने की कोशिश करती. लेकिन वह कोशिश के बाद भी सड़क पर जख्मी छटपटाते पति को नहीं बचा पा रही थी.तब तक वहां चारों ओर काफी भीड़ इकट्ठी हो गई थी. उन में अधिकतर मारपीट, हंगामे और खूनखराबे का तमाशा देख रहे थे तो कुछ लोगों ने अपनेअपने मोबाइल से वीडियो बनानी शुरू कर दी थी.जबकि हताश और विचलित पल्लवी जमा भीड़ में सभी से हाथ जोड़ कर पति को बचाने की गुहार लगा रही थी. गिड़गिड़ा रही थी कि कोई तो उस के पति को खून के प्यासे दरिंदों से बचा ले.
हमलावरों की आंखों में उतर आया था खून पल्लवी ने रौड से पिटाई कर रहे भाई के हाथ पकड़ लिए. रौड छीनने की कोशिश करती हुई बोली, ‘‘छोड़ दो, इन्हें छोड़ दो. जैसा तुम कहोगे मैं वैसा ही करूंगी. तुम चाहते हो कि मैं घर लौट जाऊं तो चलती हूं. मैं तुम्हारी हर बात मानने को तैयार हूं, लेकिन इन्हें छोड़ दो.’’
निर्दयी बने दोनों हमलावरों की आंखों में तो खून उतर आया था. एक ने युवती को भी रौड से पीट डाला, जबकि दूसरे ने नागराजू को चाकुओं से ताबड़तोड़ वार करते हुए गोद डाला.नागराजू की घटनास्थल पर ही मौत हो गई. बर्बरता का यह मंजर करीब 20 मिनट तक चलता रहा, लेकिन तमाशबीन लाश बने रहे और दोनों हत्यारे चाकू और रौड लहराते हुए वहां से फरार हो गए.
थोड़ी देर में ही घटनास्थल पंजाल अनिल कुमार कालोनी की मेनरोड पर सरूरनगर थाने की पुलिस आ गई. थानाप्रभारी के. सीथाराम को 23 वर्षीय आशरीन सुलताना उर्फ पल्लवी ने सब कुछ बता दिया.
आशरीन ने थानाप्रभारी को यह भी बताया उन्होंने इसी साल 31 जनवरी को हैदराबाद के एक आर्यसमाज मंदिर में हिंदू रीतिरिवाज से 25 वर्षीय बिलियमपुरम नागराजू के साथ शादी कर ली थी. इस के एक दिन पहले ही उस ने अपना हिंदू नाम पल्लवी रख लिया था.आशरीन के अलावा घटनास्थल पर मौजूद स्थानीय लोगों से भी पूछताछ की गई. इसी के साथ घटना की सूचना तत्काल पुलिस के उच्च अधिकारियों को दे दी गई. साथ ही लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया. पुलिस के सामने सब से पहली चुनौती वारदात के बाद फरार हमलावरों की गिरफ्तारी की थी.
मामला तुरंत राज्य के गृह मंत्रालय तक जा पहुंचा और इस घटना की राजनीतिक गलियारे में चर्चा होने लगी. तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई सौंदरराजन ने इस मामले में राज्य सरकार से डिटेल्ड रिपोर्ट मांगी. इसे हिंदूमुसलिम और दलित की हत्या के नजरिए से देखा जाने लगा.इस बीच तेलंगाना में भाजपा नेताओं ने हमलावरों के खिलाफ सख्त काररवाई की मांग की. तेलंगाना के भाजपा विधायक राजा सिंह ने हत्या की योजना बनाने और उसे अंजाम देने में शामिल सभी लोगों की गिरफ्तारी की मांग की.
डीसीपी सुनप्रीत सिंह और एलबी नगर के एसीपी पी. श्रीधर रेड्डी के आदेश पर पुलिस टीम बनाई गई और सीसीटीवी के फुटेज निकलवाए गए. सीसीटीवी की फुटेज के अनुसार, घटना की रात नागराजू आशरीन के साथ अपनी बहन के घर से अपने घर लौट रहा था. उसे सरूरनगर में हमलावरों ने रास्ते में रोक लिया था.
सीसीटीवी कैमरों और मोबाइल वीडियो में कैद हमले के कथित दृश्यों में 2 लोग नागराजू की बेरहमी से पिटाई करते हुए दिख रहे थे, जिस से वह खून से लथपथ हो गया.
अगले रोज 5 मई, 2022 को सरूरनगर पुलिस ने नागराजू की बेरहमी से हत्या करने वाले दोनों हमलावर गिरफ्तार कर लिए. इस संबंध में सरूरनगर पुलिस थाने में आईपीसी की धारा 302 और एससी/एसटी (पीओए) संशोधन अधिनियम 2015 की धारा 3 (2) (वी) के तहत मामला दर्ज कर लिया गया.
आरोपी हुए गिरफ्तार
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान हैदराबाद के बालानगर इलाके के गुरुमूर्ति नगर में रहने वाले सैय्यद मोबिन अहमद (30 साल) और रंगारेड्डी जिले के शेरिलिंगमपल्ली के तारानगर इलाके के रहने वाले मोहम्मद मसूद अहमद (29 साल) के रूप में हुई.सैय्यद मोबिन अहमद आशरीन का भाई था. वह एक फल विक्रेता है, जबकि अन्य गिरफ्तार आरोपी मोहम्मद मसूद पेशे से मोटर मैकेनिक है. मृतक नागराजू मलकपेट के एक मारुति शोरूम में मार्केटिंग का काम करता था. वह अनुसूचित जति माला समुदाय से आता था.
आशरीन ने घटना के पीछे के कारण के बारे में बताया. बड़ा भाई सैयद मोबिन अहमद को उस के नागराजू से प्रेमसंबंध पसंद नहीं थे. वह उस का घोर विरोधी बना हुआ था. वह बारबार कहता था कि नागराजू पढ़ालिखा है तो क्या हुआ, है तो नीची जाति का. हमें अपनी कौम में रहना है, यहीं जीना है, यहीं मरना है तब दूसरी कौम से रिश्ता क्यों बनाएं?
मोबिन ने उसे शादी से पहले इस के खिलाफ चेतावनी दी थी. फिर 30 जनवरी, 2022 को उस ने घर छोड़ दिया. तब वह अपना मोबाइल फोन साथ नहीं ले जा पाई थी.वारदात के दिन वह पति नागराजू के साथ स्कूटर से अपने किराए के कमरे पर जा रही थी. सरूरनगर के अनिल कुमार कालोनी के पास उसे हमलावारों ने रोक लिया था. अचानक उन पर हमले होने लगे थे. 2 हमलावर थे, जिन में वह सिर्फ भाई को ही पहचान पाई. दूसरे को वह नहीं जानती है.साथ ही आशरीन ने यह भी कहा कि उस ने मदद के लिए वहां खड़े तमाशबीनों से भी भीख मांगी थी, लेकिन कोई भी आगे नहीं आया, जबकि उस के पति नागराजू को सब के सामने सिग्नल पर पीटा जा रहा था.
आशरीन ने नागराजू की हत्या का आरोप सीधेसीधे अपने भाई मोबिन अहमद और उस के साथी मोहम्मद मसूद पर लगाया. वह रोरो कर कहने लगी, ‘‘मैं हत्यारों से अपने पति के जान की भीख मांगती रही. लेकिन दोनों कसाई बने रहे. मेरे पति को उन्होंने चाकुओं से गोद दिया. मेरी आंखों के सामने मेरे पति की हत्या कर दी.’’
वीडियो हुआ वायरल
इस हत्याकांड के वीडियो में नागराजू की हत्या करता आशरीन का भाई साफ दिख रहा था. आशरीन अपने भाई से पति को बचाने की कोशिश करती दिख रही थी, लेकिन हत्यारोपी उसे धक्का मार कर दूर झटक देता है और जमीन पर पड़े नागराजू के सिर पर वार करता रहता है. यह वीडियो किसी छत से शूट किया गया था.वारदात में आशरीन ने नागराजू द्वारा सुने गए अंतिम शब्द के बारे में भी बताया कि उस का पति भी जान बचाने की भीख मांग रहा था, ‘‘मुझे क्यों मार रहे हो, मुझे छोड़ दो, जाने दो. मैं तुम्हारा जीजा हूं.’’
इस के बावजूद नागराजू के साले मोबिन का दिल नहीं पसीजा था. वह गैरधर्म में हुई शादी से बहुत गुस्से में था. गुस्सा इतना था कि साथी के साथ मिल कर अपनी ही बहन का सुहाग उजाड़ दिया.
आशरीन बताती है कि नागराजू अपने प्यार की खातिर अपना धर्म बदलने को भी राजी था. वह इसलाम धर्म कुबूलने को तैयार थे. फिर भी उस का भाई नहीं माना. आशरीन ने बताया कि शादी से पहले ही उस ने नागराजू को कहा था कि उस के घर वाले इस शादी से खुश नहीं हैं और वे उस की जान भी ले सकते हैं. इस पर नागराजू ने कहा था कि उसे किसी बात की परवाह नहीं है. वह जिए या मरे, हर हाल में आशरीन के साथ ही रहना चाहता है.नागराजू सिकंदराबाद के मरेडपल्ली का रहने वाला था और पुराने शहर मलकपेट में एक कार शोरूम में सेल्समैन का काम करता था. इस मामले को ले कर एसीपी पी. श्रीधर रेड्डी ने जांच की.
जांच में पाया कि हत्या से एक महीने पहले से मोबिन ने आशरीन और नागराजू का पता लगाने के लिए पहली फरवरी, 2022 को बालानगर पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई थी. साथ ही अपने स्तर से उन्हें तलाश रहा था, लेकिन इस में उसे सफलता नहीं मिल पा रही थी.
यूं शुरू हुई मोहब्बत की दास्तान
आशरीन ने नागराजू से प्यार किया था. इस प्यार के लिए उन्होंने धर्म और जाति की सभी बंदिशों से टकराने की हिम्मत जुटाई थी. शादी के बाद दोनों ने जिंदगी भर साथ रहने के वादे किए थे, कसमें खाई थीं.
वे अपने वादे निभाते भी जा रहे थे, लेकिन उन के सपने हमेशा टूटते भी रहे. …और वह काला दिन भी आ गया, जब उन के सारे सपने सब के सामने मिट्टी में मिल गए. सारे सपने अपने प्रियतम के खून में तब मिल गए, जब उस की आंखों के सामने नागराजू की हत्या हो गई.
नागराजू की हत्या की एकमात्र वजह उस का एक मुसलिम लड़की से प्रेम करना, उस से शादी करना ही था. दोनों के परिवार उन की शादी से खुश नहीं थे. आशरीन के भाई की नाराजगी तो कुछ अधिक ही थी, जबकि आशरीन अपनी जिंदगी नागराजू के साथ ही गुजारना चाहती थी.
हैदराबाद से करीब 80 किलोमीटर दूर है तालुका विकाराबाद. इसी तालुका में एक गांव मारपल्ली है. यही नागराजू का गांव है. आशरीन का गांव गानपुर यहां से करीब 10 किलोमीटर की दूरी पर है. नागराजू हत्याकांड के बाद दोनों के परिवार अपनेअपने गांवसे दूर जा कर कहीं छिप गए. दोनों गांवों में हिंदू और मुसलमानों की आबादी लगभग बराबर है.आशरीन और नागराजू एकदूसरे को तब से जानते हैं, जब वे किशोर उम्र के थे. दोनों ने एक साथ स्कूल और कालेज में पढ़ाई की. वहीं से उन के बीच दोस्ती हुई और फिर वे प्रेमीयुगल बन गए.
नागराजू ने की थी घर वालों को मनाने की कोशिश
नागराजू को आशरीन इसलिए पसंद थी, क्योंकि सारे दोस्तों में एक वही थी, जो उसे इंसान की तरह समझती थी, उस ने कभी भी उसे नीची जाति के नजरिए से नहीं देखा. बल्कि उसे हमेशा अधिकार के लिए लड़ने की हिम्मत बढ़ाती रहती थी.2 साल पहले नागराजू ने आशरीन से कहा कि वह बड़े शहर में जा कर नौकरी करना चाहता है. वहीं रह कर पहले कोई प्राइवेट जौब कर लेगा और अच्छी सरकारी नौकरी के लिए तैयारी करेगा. इसी बीच कोरोना का दौर आ गया और उस की योजना धरी की धरी रह गई. पढ़ाई भी पिछड़ गई.
एक रोज आशरीन ने नागराजू को फोन पर बताया कि उस के घर वाले शादी करने के लिए लड़का देख रहे हैं. इसलिए वह अपने घर वालों से बात करे.नागराजू ने अपने मातापिता से आशरीन से शादी के बारे में जिक्र किया. दूसरी तरफ आशरीन ने अपनी मां से नागराजू की तारीफ करते हुए उस से निकाह करवाने की मिन्नत की. दोनों के घर वालों ने उन की शादी से इनकार कर दिया. दोनों ने एक ही वजह बताई, ‘‘हमारी कौम अलगअलग है. यह नहीं हो सकता.’’
इस पर नागराजू ने आशरीन की मां से कहा कि वह आशरीन के लिए इसलाम धर्म अपनाने को राजी है.
कुछ इसी तरह की बात आशरीन ने नागराजू की मां से कही थी. उन्होंने साफ लहजे में कहा था कि वह नागराजू से शादी करने और उन के परिवार में घुलमिल कर रहने के लिए हिंदू धर्म अपनाने को राजी है. संयोग से धर्म परिवर्तन करने के मामले में आशरीन ने ही पहल की और और हिंदू नाम पल्लवी रख लिया.
आशरीन ने अपने प्यार के लिए धर्म के बंधनों को तोड़ दिया था. कहने को तो नागराजू और आशरीन के बीच धर्म कभी भी कोई परेशानी नहीं था क्योंकि दोनों एकदूसरे से बेपनाह मोहब्बत करते थे, किंतु सामाजिक और पारिवारिक संतुष्टि के लिए आशरीन ने अपने प्यार के लिए धर्म के बंधनों को तोड़ दिया था.
आर्यसमाज मंदिर में की थी शादी
आशरीन हमेशा ही विरोध करने वालों को कहती थी, ‘मुझे राजू के हिंदू होने से कोई समस्या नहीं थी. मैं हमेशा सिर्फ यह सोचती थी कि वो मेरे लिए हैं. हिंदूमुसलिम जैसा कुछ भी हमारे बीच नहीं था. हम दोनों एकदूसरे को समझते थे और हंसीखुशी अपनी जिंदगी बिता रहे थे.’कहने को तो प्यार के सहारे उन्होंने आगे बढ़ने का फैसला किया, लेकिन हर कोई आशरीन और नागराजू की तरह नहीं सोचता है, कुछ लोग जो धर्म और जाति को इज्जत से जोड़ कर देखते हैं, उन्हें नागराजू और आशरीन जैसों के सपनों को मौत के घाट उतारने में पलभर भी नहीं लगता.
हैदराबाद के लक्ष्मीनगर इलाके में एक आर्यसमाज मंदिर से उन्हें बाकायदा शादी का सर्टिफिकेट दिया गया और वहां के पंडित एम. रविंद्र ने दोनों की वैदिक रीति और गायत्री मंत्रोच्चारण के साथ शादी करवाई. इस मंदिर में शादी के लिए बहुत से लोग आते हैं, जिन में अंतरधार्मिक विवाह वाले भी होते हैं.
वहां शादी के रीतिरिवाज शुरू करने से पहले लड़कालड़की को समझाया भी जाता है. बाकायदा उन की काउंसलिंग की जाती है.उन के परिवार और परिवार के विचारों के बारे में पूछा जाता है. आर्यसमाज मंदिर में शादी करने से पहले शख्स को हिंदू धर्म अपनाना होता है. आशरीन ने ऐसा करने का फैसला किया था. जब कोई ईसाई और मुसलिम शादी करते हैं तो उन्हें हिंदू धर्म में परिवर्तन करना होता है. हिंदू धर्म अपनाने के लिए उन्हें कुछ चीजें करनी होती हैं. जो हिंदू धर्म स्वीकार करते हैं, सिर्फ वही यहां शादी कर सकते हैं.
आशरीन और नागराजू की शादी के समय भी ऐसा ही हुआ. उन्होंने भी गायत्री मंत्र का जाप किया. ये बातें पुजारी एम. रविंद्र ने बताईं. उन्होंने बताया कि हर जोड़े की तरह नागराजू और आशरीन को भी इस बारे में सब कुछ बताया और समझाया गया था.आशरीन मोबिन की तीसरी और छोटी बहन है. परिवार की देखभाल की जिम्मेदारी मोबिन पर है. उस का फल का कारोबार है और परिवार का खर्च वही उठाता है. एक तरह से घर पर उस के फैसले को ही महत्त्व दिया जाता है. वह आशरीन से 2 बड़ी बहनों की शादियां कर चुका था.
मोबिन ने आशरीन की शादी के बाद अपनी शादी की योजना बनाई थी. इसी बीच उसे पता चला कि उस की बहन आशरीन पास के गांव के ही नागराजू से प्यार करती है.दूसरी कौम का होने के चलते मोबिन ने उसे समझाया था. जब वह भाई की बात मानने को राजी नहीं हुई, तब उस ने उस की पिटाई भी कर दी थी.
उस के बाद ही आशरीन ने घर छोड़ने का निर्णय ले लिया था और 30 जनवरी, 2022 की रात करीब 8 बजे किसी को बिना बताए घर से निकल गई थी. साथ में नागराजू भी था. अगले दिन उस ने हिंदू परंपरा के अनुसार पुराने हैदराबाद स्थित आर्यसमाज मंदिर में नागराजू से शादी कर ली थी. आशरीन के घर वालों को जब उस शादी की जानकारी हुई, तब उन्होंने नागराजू से अपनी बहन को छोड़ने के लिए दबाव बनाया. लेकिन नागराजू और उस के परिवार ने इनकार कर दिया. इस के बाद ही मोबिन ने नागराजू को मारने की योजना बनाई.
ऐप से तलाशा नागराजू को
आशरीन उर्फ पल्लवी और नागराजू की तलाश करने के लिए आरोपियों ने ‘फाइंड माई डिवाइस’ नाम के ऐप का इस्तेमाल किया. इस का खुलासा मोबिन ने रिमांड के दौरान पुलिस से पूछताछ में किया.
उस ने बताया कि वह अपने साथी के साथ मिल कर करीब एक महीने से नागराजू की तलाश में जुटा हुआ था. वारदात से पहले उन्होंने नागराजू की हत्या के लिए उसे ट्रैक करने की कोशिश की. उस का पता लगाने के लिए मोबाइल स्पाइवेयर का इस्तेमाल किया.हालांकि हत्या के दिन आरोपी ने पहले कार शोरूम के बाहर की हत्या करने की कोशिश की थी, जहां नागराजू काम करता था. वहां ट्रैफिक अधिक होने के चलते वह वारदात को अंजाम नहीं दे पाया.
जब आशरीन और नागराजू को मोबिन के योजना की भनक लगी, तब वे सरूरनगर आ गए. वहीं नागराजू ने एक कार के शोरूम में नौकरी कर ली. उधर मोबिन नागराजू की तलाश में लगा रहा.रिपोर्ट के अनुसार, मोबिन ने अपनी बहन के मोबाइल से नागराजू का नंबर निकाल लिया था. आशरीन के फोन में तलाशी के दौरान नागराजू की मेल आईडी भी मिल गई थी. इस के बाद उस ने फाइंड माई डिवाइस ऐप डाउनलोड किया और नागराजू को ट्रैक करने के लिए उस के मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी का यूज किया.
उस के बाद वह करीब एक हफ्ते तक नागराजू की तलाश में जुटा रहा. इस के लिए ऐप पर नजर बनाए रखी. वहीं से मोबिन को नागराजू की लोकेशन सरूरनगर की मिली. उस के बाद मोबिन ने 4 मई, 2022 को अपने साथी को फोन कर सरूरनगर बुलाया.
आंखों के सामने घूमता है वह खौफनाक मंजर
मोबिन के कहने पर उस का साथी मसूद अहमद आने को राजी हो गया. दोनों एक साथ बस से लोहे की रौड और चाकू ले कर मियापुर पहुंच गए. मियांपुर से मोबिन अपने एक अन्य साथी के साथ सरूरनगर के लिए रवाना हुआ. वहां उन्होंने फाइंड माई डिवाइस ऐप के जरिए नागराजू की सटीक लोकेशन का पता कर लिया.ऐप में नागराजू की लोकेशन कालोनी के मेनरोड पर मूसाराम बाग में दिखी. मोबिन जब वहां पहुंचा, तब नागराजू दिख गया. उस के साथ आशरीन भी थी.
इस के बाद बाइक पर सवार मोबिन और मसूद ने मिल कर स्कूटी चला रहे नागराजू और आशरीन को रोका. स्कूटी के एक झटके में रुकते ही मोबिन ने नागराजू के सिर पर लोहे की रौड से वार कर दिया. एक ही वार में नागराजू सड़क पर गिर गया. इस के बाद मोबिन और मसूद रौड और चाकू से नागराजू पर ताबड़तोड़ हमला करने लगे.अपनी आंखों के सामने अपने पति की न सिर्फ मौत, बल्कि बर्बर हत्या देखने वाली आशरीन का अब कोई ठौरठिकाना तक नहीं बचा है.
वह कहती है, ‘‘मैं अपने भाई से मिलना चाहती हूं. मैं राजू के बिना जिंदा नहीं रहना चाहती. लेकिन मैं अपने भाई से बहुत नाराज हूं और सिर्फ यही एक कारण है कि मैं जिंदा हूं. जिस तरह से उस ने राजू को… मेरे पति को मारा, मैं भी उस को उसी तरह मारना चाहती हूं. उसे भी मेरा दर्द महसूस होना चाहिए.’’
पूरी तरह टूट चुकी आशरीन जब भी अपनी बातें बताने लगती है, उस समय भी उस के चेहरे पर दर्द साफ नजर आ जाता है. उसे देख कर ऐसा लगता है मानो कोई तूफान उस की सारी खुशियां उड़ा ले गया हो. उस की बेजार हो चुकी जिंदगी का कोई भी अंदाजा लगा सकता है. वह जिस से भी मिलती है, अपना वही दर्द दोहराती है.
तमाशबीन भीड़ से भी है पल्लवी को शिकायत
आशरीन का दर्द कुछ इस तरह रहरह कर सामने आ जाता है, ‘‘उस सड़क पर पैदल और बाइक पर बहुत सारे लोग थे, लेकिन कोई मदद के लिए नहीं आया. मैं ने उन से विनती की, उन के पैर छुए, लेकिन किसी ने हमले को रोकने की कोशिश नहीं की. मेरे पति को लोहे की रौड से इतना पीटा जा
रहा था कि उस का मांस बाहर आ गया था.‘‘जब तक लोग मदद के लिए आते, तब तक मेरे पति की मौत हो चुकी थी. अगर सभी ने शुरू में आरोपियों पर पथराव किया होता तो हमले को रोका जा सकता था. कुछ हमलावरों को रोकने के लिए कितने लोगों की जरूरत है?’’ पल्लवी पूछती है, ‘‘क्या यह समाज में किसी के जीवन का मूल्य है? हम जिस जगह पर हैं, वह कोई समाज नहीं है?’’
इस के साथ ही नाराजगी भरा सवाल भी पूछती है, ‘‘मेरे पति की मृत्यु के बाद उस के शरीर के चारों ओर लगभग 100 लोग जमा हो गए. जब हमला चल रहा था, तब ये लोग क्यों नहीं रुके और मदद करने की कोशिश क्यों नहीं की?’’
पुलिस से की थी सुरक्षा की मांग
आशरीन ने बताया कि वह और नागराजू जानते थे कि जनवरी में शादी के बाद से वे खतरे में हैं और इस के लिए उन्होंने पुलिस सुरक्षा भी मांगी थी.नागराजू के घर वाले भी युवा सदस्य की इस तरह हत्या किए जाने से काफी खफा हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि अनुरोध करने पर हत्यारे को जरा भी दया नहीं आई. लड़की का भाई तो पूरा कसाई ही बन गया था.नागराजू की बहन रमा देवी काफी गुस्से में कहती हैं, ‘‘पुलिस सुरक्षा मांगने के बावजूद, मेरे भाई को मार दिया गया. पुलिस ने अपनी ड्यूटी क्यों नहीं की, सुरक्षा की उन की दलील को क्यों नजरअंदाज किया?’’
इस सवाल पर सुरक्षा की गुहार करने वाले मोमिनपेट पुलिस स्टेशन ने चुप्पी साध ली है. हालांकि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने इसे गंभीरता से लिया है. इसे ‘संदिग्ध औनर किलिंग’ बताते हुए तेलंगाना के मुख्य सचिव और डीजीपी को नोटिस जारी कर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है.आयोग ने मुख्य सचिव से यह बताने का अनुरोध किया है कि क्या राज्य सरकार की अंतरजातीय/अंतरधार्मिक विवाह के मामलों में औनर किलिंग की ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कोई नीति है? साथ ही डीजीपी से जांच, पीडि़त की पत्नी और परिवार की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी मांगी गई है. कहा गया है. यही नहीं तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन ने
भी घटना पर राज्य सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है.
नागराजू के पुश्तैनी गांव में उस की कब्र बनाई गई है. उल्लेखनीय है कि भारत में कुछ अनुसूचित जाति के लोगों को भी दफनाए जाने की परंपरा है. नागराजू की कब्र पर उस के पूरे परिवार सहित आशरीन ने भी कई दिनों तक श्रद्धांजलि के फूल चढ़ाए.गांव वाले और नागराजू के रिश्तेदार बताते हैं कि वह 2 साल पहले गांव छोड़ कर पढ़ाई के सिलसिले में हैदराबाद चला गया था. आशरीन के साथ अच्छी जिंदगी शुरू करने के लिए दोनों ने वहां से निकल कर शादी कर ली थी.
परेशानियों से दूर रहने के लिए दोनों कुछ दिनों तक विशाखापट्टनम में भी रहे. इस के बाद वे यह सोच कर हैदराबाद लौट आए कि यह जगह भी सुरक्षित होगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.नागराजू के दादा नागरपल्ली जगन की आंखें नम हो जाती हैं. वे नागराजू की कब्र से हटने का नाम ही नहीं लेते हैं. उन्होंने बताया कि नागराजू ने परिवार को अपनी शादी के बारे में नहीं बताया था. हालांकि उन्हें आशरीन के परिवार के विरोध के बारे में पता था.इस बारे में जगन कहते हैं कि मसला ये नहीं है कि हम पसंद करते हैं या नहीं करते हैं. हमें इस बारे में तब पता चला, जब उन की शादी हो गई. उन्होंने घर पर कुछ भी नहीं बताया था. लड़की मुसलमान थी और वो हिंदू. लड़की का परिवार एक हिंदू लड़के से उन की शादी के लिए तैयार नहीं था और शायद यही वजह रही होगी कि नागराजू ने इस बारे में अपने घर में नहीं बताया था. वह डर गया था.
उन के रिश्ते और शादी के बारे में गांव के पूर्व सरपंच मोहम्मद कलीमुद्दीन की भी अपनी राय है. वे कहते हैं, ‘‘आशरीन के घर वाले जब पुलिस स्टेशन पहुंचे, तब उन्हें बताया गया कि लड़कालड़की बालिग हैं. इस पर आशरीन के भाई का गुस्सा बना रहा. आशरीन के घर वालों ने दोनों का रिश्ता तोड़ने की बहुत कोशिशें कीं.’’
आशरीन के घर वाले इस शादी से अपने समाज में काफी आलोचना झेलने लगे थे.
वे आशरीन को वापस अपने घर ले जाना चाहते थे.कलीमुद्दीन ने भी परिवार को राजी करने की बहुत कोशिश की, लेकिन शर्त रखी कि वे अगर शांति से आएं तभी इस मसले का कोई समाधान निकाला जा सकता है.लेकिन जिस समय कलीमुद्दीन ये सब बातें उन्हें समझा रहे थे, उन्हें खुद भी अंदाजा नहीं था कि 3 महीने बाद ऐसा कुछ हो जाएगा.अंतरधार्मिक विवाह करने पर औनर किलिंग का यह कोई पहला मामला नहीं है. हैदराबाद ही नहीं, देश के हर राज्य में इस तरह के मामले आए दिन होते रहते हैं.
आधुनिक भारत का गौरव समझने वाले इस दकियानूसी समाज को अपराध का रास्ता अपनाने के बजाय अपनी सोच में बदलाव करना होगा. इस के अलावा पुलिस को भी ऐसे जोड़ों की सुरक्षा की मांग पर गंभीरता से विचार करना चाहिए वरना ऐसी घटनाएं होती रहेंगी और नेता राजनीतिक रोटियां सेंकते रहेंगे.
बहरहाल, पुलिस ने हत्यारोपियों से विस्तार से पूछताछ के बाद उन्हें न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया