बॉयफ्रेंड मुझसे उखड़ा रहता है, मेरी हर बात को टाल देता है. क्या करूं?

सवाल

मैं 20 साल की एक खूबसूरत लड़की हूं. मेरा 30 साल के एक शादीशुदा मर्द के साथ चक्कर चल रहा है. हमारा तकरीबन हर रोज जिस्मानी रिश्ता बनता है. पर पिछले कुछ समय से उस का मन मुझ से उखड़ सा गया है. अगर मैं पूछती हूं तो वह टाल जाता है. मैं क्या करूं?

जवाब

बेहतर होगा कि आप उस पर किसी भी बात के लिए जोर न डालें. मुमकिन है वह अपनी किसी निजी परेशानी में उलझा हो, लेकिन ज्यादा संभावना इस बात की है कि अब वह आप से कन्नी काटना चाहता है. चूंकि जिस्मानी रिश्ता आप की मरजी से बना था, इसलिए आप ज्यादा चूंचपड़ न करें और प्यार से पेश आएं. हां, रोजरोज के सैक्स से बचें.

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आजकल शादी की औसत उम्र लड़कियों के लिए 25 से 35 के बीच हो गई है. दूसरी ओर खानपान और बदलते परिवेश में लड़केलड़कियों को 15 साल की उम्र में ही सेक्स का ज्ञान होने लगता है. 15 से 30 साल की आयुवर्ग की लड़कियों में नियमित पीरियड्स होने लगते हैं, जिस से उन में हारमोनल बदलाव होने लगते हैं. ऐसे में उन के अंदर सेक्स की इच्छा बढ़ने लगती है. वे इस इच्छा को पूरी तरह से दबाने का प्रयास करती हैं. उन पर सामाजिक और घरेलू दबाव तो होता ही है, कैरियर और शादी के लिए सही लड़के की तलाश भी मन पर हावी रहती है. ऐसे में सेक्स कहीं दब सा जाता है.

इसी आयुवर्ग के लड़कों में सेक्स के लिए जोश भरा होता है. कुछ नया करने की इच्छा मन पर हावी रहती है. उन की सेहत अच्छी होती है. वे हर तरह से फिट होते हैं. ऐसे में शादी, रिलेशनशिप का खयाल उन में नई ऊर्जा भर देता है. वे सेक्स के लिए तैयार रहते हैं, जबकि लड़कियां इस उम्र में अपनी इच्छाओं को दबाने में लगी रहती हैं.

वह अपनी किसी निजी परेशानी में उलझा हो, लेकिन ज्यादा संभावना इस बात की है कि अब वह आप से कन्नी काटना चाहता है. चूंकि जिस्मानी रिश्ता आप की मरजी से बना था,

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मेरी बीवी रात में अजीब बरताव करती है, मैं क्या करूं?

सवाल

मैं विवाहित युवक हूं. अपनी बीवी की एक असंगत समस्या से परेशान हूं. जब भी रात को हम सहवास करने के लिए बिस्तर पर जाते हैं, तो पत्नी पूछती है कि करोगे क्या? उठो करो. इस से मैं खीज जाता हूं कि न कोई फोरप्ले, न कोई उत्साह. कृपया बताएं कि क्या करूं कि बीवी अपना व्यवहार बदले और हम दोनों सहवास का पूरापूरा आनंद उठा सकें?

जवाब

आप अपनी पत्नी को समझाएं कि सहवास अन्य दैनिक कार्यों से अलग क्रिया है. यह वह कार्य नहीं है जिसे झटपट निबटा लिया जाए. इस में तन के साथसाथ मन से भी सक्रिय होना होता है, इसलिए हड़बड़ी न मचाए. सहवास से पहले स्पर्श, आलिंगन, चुंबन आदि रतिक्रीड़ाएं करनी चाहिए. इस से मजा दोगुना हो जाता है. यदि आप पत्नी को प्यार से समझाएंगे तो वह आप की बात पर जरूर गौर करेगी. उस के बाद सहवास दोनों के लिए रुचिकर हो जाएगा.

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आखिर क्या है आपकी प्रेमिका की सेक्सुअल चाहते, जानें यहां

प्रेमी प्रेमिका के संबंध सिर्फ सेक्स तक ही सीमित नहीं होने चाहिए. सेक्स के अलावा भी दुनिया में बहुतकुछ ऐंजौय करने को है. संबंधों में प्रगाढ़ता और केयरिंग होना भी जरूरी है. प्रेमिका द्वारा नई ड्रेस पहन कर आने पर उस की प्रशंसा करना, उसे सराहते हुए उस के हाथों को चूम लेना, बात करने के तरीके को सराहना आदि बातें मन को गहराई तक छू जाने वाली हैं. रिश्तों में मजबूती के लिए ये बातें बेहद जरूरी हैं. प्रेमिका को जताएं कि आप उसे सिर्फ सेक्स के लिए ही नहीं चाहते बल्कि सेक्स से भी अहम है आप का उस के प्रति प्रेम और लगाव.

आज प्रेम के मापदंड तेजी से बदल रहे हैं. युवावस्था में विपरीतलिंग के प्रति आकर्षण युवकयुवती को एकदूसरे के प्रति प्रेम के बंधन में बांधता है और फिर बातें, मुलाकातें और एकदूसरे के प्रति समर्पित होने तक का रिश्ता बनता है. प्रेमसंबंधों के चलते युवकयुवतियां एकांत मिलते ही संबंध बनाने से भी गुरेज नहीं करते. प्रेमी जहां सेक्स के लिए जल्दी तैयार हो जाते हैं और सेक्स करने को तत्पर रहते हैं वहीं प्रेमिका का रुझान सिर्फ दैहिक सुख तक नहीं रहता बल्कि उन पलों के रोमांच को समेट लेने का भी करता है.

ऐसे में जहां प्रेमी सिर्फ संबंध बना कर अपने प्यार के इजहार की इतिश्री समझ लेते हैं वहीं प्रेमिका दिलोजान से एकदूसरे को चाहने, मीठी बातें, छेड़छाड़ और सेक्स के बाद भी प्रेमी की बांहों में खुद को महफूज समझने जैसी भावनाओं को प्यार की अभिव्यक्ति समझती है. साथ ही यह भी चाहती है कि उस का प्रेमी उस की सैक्सुअली इच्छाओं को खुद ब खुद समझे व जाने.

ऐसा ही कुछ रूपम के साथ हुआ. कालेज में साथ पढ़ते रूपम को रोहन से कब प्यार हो गया पता ही न चला. मिलनेमिलाने का सिलसिला चला तो वे एकांत भी तलाशने लगे. ऐसे में जब भी रोहन एकांत पाता तो बस रूपम को बांहों में जकड़ लेता और सेक्स को उन्मुख होता. ऐसे में उन के बीच सेक्स संबंध भी बन गए पर रूपम इस से संतुष्ट न थी. उसे अपनी भावनाओं की अभिव्यक्ति कैसे करनी है, अच्छी तरह पता था, लेकिन रोहन से बेइंतहा प्यार के बावजूद उन की सेक्स लाइफ में जरा भी रोमांच न था. इस बारे में वह रोहन से बात भी न कर पाती. दरअसल, वह समझ नहीं पा रही थी कि रोहन से किस तरह बात करे कि उसे बुरा न लगे.

रूपम की तरह ज्यादातर युवतियां चाहती हैं कि उन की कुछ सैक्सुअल चाहतें उन के प्रेमियों को खुद समझनी चाहिए. नौर्थवैस्टर्न यूनिवर्सिटी इलिनौयस की सेक्सुअलिटी प्रोग्राम की थेरैपिस्ट पामेला श्रौफ कहती हैं कि ज्यादातर प्रेमी अपनी प्रेमिका की सेक्सुअल चाहतों और प्राथमिकताओं को नहीं समझते. पामेला ने इस विषय पर प्रेमिकाओं के मन की बात जानी तो उन्हें कुछ ऐसी सेक्स प्राथमिकताएं पता चलीं जिन्हें प्रेमिका अपने प्रेमी से कहना तो चाहती थी, पर कह नहीं पाई.

मजेदार सेक्स नहीं रोमांटिक अंदाज चाहिए

युवतियों को आनंददायक सेक्स के लिए सिर्फ इंटरकोर्स की नहीं बल्कि अपने प्रेमी के साथ बिताए हर क्षण में अच्छी फीलिंग और अनुभव की जरूरत होती है. प्रेमिका को यह बात कतई अच्छी नहीं लगती कि प्रेमी जब भी उन से मिले सिर्फ पढ़ाई, कैरियर के बारे में बात करे या फिर एकांत मिलते ही उसे दबोच ले.

इस से प्रेमिका के मन में ऐसी भावना आती है कि वह एक भोग की वस्तु है. ऐसे में वह अपने प्रेमी को बेहद स्वार्थी और खुद को भोग की वस्तु समझने लगती है. हर प्रेमिका चाहती है कि उस का प्रेमी उसे केवल सेक्स के लिए ही नहीं बल्कि मन से भी उतना ही प्यार करे, उस पर ध्यान दे, उस के साथ अपनी बातें शेयर करे, प्रेमपूर्वक बातें करे, उस की भावनाओं को जाननेसमझने की कोशिश करे.

कुछ समाजशास्त्रियों का कहना है कि युवतियां अपनी जिंदगी के हर पहलू को एकदूसरे से जोड़ कर देखती हैं, जबकि युवक समझते हैं कि स्ट्रैस और झगड़े को सेक्स के वक्त एकतरफ रख देना चाहिए. इन चीजों या अन्य समस्याओं को सेक्स से नहीं जोड़ना चाहिए.

सच यह है कि सेक्स का असली मजा अफैक्शन के कारण ही आता है. मानसिक रूप से अपनापन, प्यार और नजदीकियां होती हैं तभी सेक्स संबंध सही माने में उत्तेजनापूर्ण होते हैं.

जब कोई प्रेमी अपनी प्रेमिका को समयसमय पर छोटेमोटे उपहार देता है, उसे कौफी हाउस ले जाना, लंचडिनर करवाना और सिनेमा दिखाना आदि ऐसी बातें हैं जो दर्शाती हैं कि प्रेमी अपनी प्रेमिका को महत्त्व देता है और अपनी जिंदगी का अहम हिस्सा मानता है. ऐसे में सेक्स का मजा भी कई गुणा बढ़ जाता है.

प्रेमिका में भी पूर्ण समर्पण की चाह

कई अध्ययनों से स्पष्ट हुआ है कि सिर्फ 60 फीसदी प्रेमिकाएं ही ऐसी हैं जिन्होंने जितनी बार अपने प्रेमी से संभोग किया, उस से कम से कम आधी बार ही चरम आनंद का अनुभव किया. लेकिन उन्हें प्रेमी की खुशी के लिए सेक्स के दौरान चरम आनंद का दिखावा करना पड़ा. ऐसे में कई बार तो उन के मन में अपराधबोध आ जाता है कि कहीं उन्हीं में तो कोई कमी नहीं.

दरअसल, युवतियों में भी अपने अंगों की बनावट, आकार और साफसफाई को ले कर तुलनात्मक हीनता की भावना होती है, इसीलिए वे अंधेरे में ही निर्वस्त्र होना चाहती हैं. ऐसे में वे अपने प्रेमी से अपने अंगों और सौंदर्य की प्रशंसा की अपेक्षा रखती हैं. कई प्रेमी अपनी प्रेमिका को मोटी, काली जैसे संबोधनों से नवाजते हैं. ऐसे में प्रेमिका का तनावग्रस्त होना स्वाभाविक है. ऐसी प्रेमिकाएं अपने प्रेमी के साथ सेक्स संबंध बनाने से भी कतराती हैं. जाहिर है, उन का यौन जीवन नीरस और आनंदविहीन हो जाता है.

झूठी प्रशंसा की जरूरत नहीं

समझदार प्रेमी वही है जो अपनी प्रेमिका की त्वचा की कोमलता, आंखों की खूबसूरती, होंठों, लंबे घने बालों, उस की मांसल टांगों, वक्ष, नितंब आदि की खूबसूरती व सेक्सुअली अट्रैक्शन की प्रशंसा कर प्रेमिका का आत्मविश्वास बढ़ाए और हंसीठिठोली करे ताकि प्रेमिका पूर्ण समर्पण व सहयोग करे.

सेक्स के बाद भी चाहिए अटैंशन

कई बार प्रेमी प्रेमिका के साथ एकांत पाते ही अंतरंग क्षणों का जम कर आनंद उठाते हैं और फिर चरम पर पहुंच कर स्खलित होते ही मुंह फेर कर प्रेमिका को घरहोस्टल छोड़ने या फिर जाने को कहते हैं, मानो उन्हें अब प्रेमिका से कोई मतलब ही नहीं. उन्हें मतलब तो उस से सिर्फ सेक्स की दरकार थी.

ऐसे में प्रेमिका खुद को बेहद अकेली, उपेक्षित और यूज ऐंड थ्रो वाली वस्तु समझती है. उसे लगता है कि बस सेक्स प्रेमी का अंतिम उद्देश्य था. प्रेमिका चाहती है कि सेक्स और स्खलन के बाद भी प्रेमी उसे चूमे, उस के अंगों को सहलाए ऐसा करतेकरते प्रेमिका को बांहों में भरते हुए उसे वापसी के लिए कहे या छोड़ कर आए. इस से प्रेमिका को आत्मसंतोष महसूस होता है.

चाहिए नौन सेक्सुअल टच

युवतियों को यह बात बिलकुल अच्छी नहीं लगती कि मिलने पर उन का प्रेमी उन्हें एक बार भी छुए या चूमे नहीं और बस एकांत पा कर फोरप्ले के लिए ही बढ़े बल्कि प्रेमिका चाहती है कि जब प्रेमी उस से मिले तो उसे छुए, चूमे लेकिन यह टच नौन सेक्सुअल हो. वह छेड़छाड़ या हंसीमजाक के लिए या अपनापन जताने के लिए छुए. कभी उस के बालों को सहलाए, उस की पीठ पर हाथ फेरे, उस के गालों को चूमे, थपथपाए, होंठों को चूमे.

अत: रिश्ते में मजबूती के लिए ये बातें बेहद जरूरी हैं. प्रेमिका को जताएं कि आप उसे सिर्फ सेक्स के लिए नहीं चाहते बल्कि सेक्स से भी अहम है आप का उस के प्रति प्रेम व लगाव.

उत्तेजना के लिए रोमांटिक बातें जरूरी

एकांत पाते ही प्रेमिका को जकड़ लेना और उत्तेजित हुए बिना ही सेक्स करना प्रेमिका को बिलकुल नहीं भाता. इस के विपरीत वह अपने प्रेमी से एकांत के समय मीठी छेड़छाड़, रोमांटिक बातें और गुदगुदाने वाले सैक्सी किस्से सुनना पसंद करती है जो उसे भीतर तक भनभना दें. इस से उस का मूड बनता है.

इसी प्रकार सेक्स के दौरान प्रेमिका की प्रशंसा, उस के साथ प्यार का इजहार और उस का नाम ले कर आहें भरना, गरम सांसें लेना प्रेमिका को उत्तेजना से भर देता है. सेक्स थेरैपिस्ट लिन एटवाटर का कहना है, ‘‘युवतियों को शारीरिक संबंधों से ज्यादा दिलचस्पी मानसिक उत्तेजना और मानसिक संबंधों में नजर आती है.’’

यूनिवर्सिटी औफ कैलिफोर्निया मैडिकल स्कूल की साइकोलौजिस्ट लोनी बारबच कहती हैं, ‘‘अकसर पढ़ाई और अगर जौब है तो औफिस वर्क के दबाव के बीच किसी युवती को सब से ज्यादा जरूरत सहानुभूति और प्रेमपूर्ण बातों की ही होती है. उसे शरीर सहलाने से जितना मजा मिलता है उस से कई गुणा ज्यादा मजा उस का मन सहलाने से मिलता है. हर प्रेमिका चाहती है कि उस का प्रेमी उस के साथ रोमांटिक बातें करें.

मेरे पति ओरल सैक्स की डिमांड करते हैं, मैं क्या करूं?

सवाल
हमारे विवाह को हुए 8 वर्ष हो चुके हैं. 2 बच्चे हैं. सुखी विवाहित जीवन है. इधर कुछ दिनों से पति पर ओरल सेक्स करने का जुनून सवार हो गया है. लेकिन मुझे ओरल सैक्स बिलकुल पसंद नहीं है, यह बात पति अच्छी तरह जानते हैं, लेकिन फिर भी वे कहते हैं कि करने की कोशिश तो करूं. मुझे यह भी लगता है कि ओरल सैक्स से कोई बीमारी न हो जाए. अजीब परेशानी में आ गई हूं, क्या करूं?
जवाब
सब से पहले तो आप यह वहम दिमाग से निकाल दें कि ओरल सैक्स से बीमारी होती है. स्त्री और पुरुष के यौनांगों में यदि किसी तरह की बीमारी या इन्फैक्शन नहीं है, तो मुख मैथुन से कोई नुकसान नहीं होता. जहां तक आप के पति की इच्छा है ओरल सैक्स करने की, तो हो सकता है वे एक ही तरह के सैक्स से उकता गए हों और उन्हें सैक्स में कोई नयापन चाहिए. वे आप से इस नीरसता को दूर करने के लिए ओरल सेक्स करने की मांग कर रहे हैं तो इसमें उन का साथ देने में कोई हर्ज नहीं हैं.

पतिपत्नी के रिश्ते में इन्हीं बातों को ले कर दूरी, ठंडापन आ जाता है तो हमारी यही राय है कि कोशिश कर के देखिए तो. नहीं तो सैक्स में कई तरीकों से विविधता लाई जा सकती है. वे आप भी आजमाएं, पति को दूसरे तरीकों से रिझाने, लुभाने की कोशिश करें. उन का ध्यान बंटाने की समझदारी दिखा सकती हैं. अपने पति को आप अच्छी तरह जानती हैं, बस, उन्हें वैसे ही खुश रखने की कोशिश करें.

मैं फिलहाल बेरोजगार हूं और घर पर खाली बैठना अच्छा नहीं लगता, मैं क्या करूं?

सवाल

मैं 46 वर्षीय पुरुष हूं, फिलहाल बेरोजगार हूं. घर में एक कमाऊ बेटा है और पत्नी गृहिणी है. पूरा समय टीवी पर समाचार या फिल्में देखते निकलने लगा है. घर का खर्च तो अच्छे से चल रहा है लेकिन बिना काम के मेरा मन दुखी रहता है. घर पर बेकार पड़े हाथ पर हाथ रख बैठे खाना और बेटे को इतनी मेहनत करते देखना अच्छा नहीं लगता. दूसरी नौकरी की तलाश जारी है लेकिन इस ग्लानि में कुछ अच्छा नहीं लग रहा है.

जवाब

देखिए, नौकरी न होने का मतलब यह नहीं है कि आप बेकार हो गए हैं. आप फिलहाल नौकरी नहीं कर रहे हैं तो अपनी पत्नी की मदद कर दिया कीजिए. उन से बात करिए, जो काम आप नौकरी के दौरान नहीं कर पाते थे उन्हें अब कर लीजिए. नौकरी की तलाश जारी रखिए लेकिन जब तक नौकरी नहीं है तब तक इस समय का उपयोग करने की कोशिश कीजिए. ग्लानि से आप खुद को मानसिक प्रताड़ना देने के बजाय और कुछ नहीं कर रहे हैं. हो न हो आप का परिवार भी आप को इस स्थिति में देख खुश नहीं होगा. उन्हें अब तक जो समय नहीं दे पाए वह अब दे दीजिए. जितना सकारात्मक रहेंगे उतने ही खुश रहेंगे. इस कठिन समय को खुद पर हावी मत होने दीजिए.

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जानें क्या करें जब सेक्स लगने लगे बोरिंग

विवाह के कुछ वर्ष बाद न सिर्फ जीवन में बल्कि सेक्स लाइफ में भी एकरसता आ जाती है. कई बार कुछ दंपती इस की तरफ से उदासीन भी हो जाते हैं और इस में कुछ नया न होने के कारण यह रूटीन जैसा भी हो जाता है. रिसर्च कहती है कि दांपत्य जीवन को खुशहाल व तरोताजा बनाए रखने में सेक्स का महत्त्वपूर्ण योगदान है. लेकिन यदि यही बोरिंग हो जाए तो क्या किया जाए?

पसंद का परफ्यूम लगाएं

अकसर महिलाएं सेक्स के लिए तैयार होने में पुरुषों से ज्यादा समय लेती हैं और कई बार इस वजह से पति को पूरा सहयोग भी नहीं दे पातीं, इसलिए यदि आज आप का मूड अच्छा है तो आप वक्त मिलने का या बच्चों के सो जाने का इंतजार न करें. अपने पति के आफिस से घर लौटने से पहले ही या सुबह आफिस जाते समय कानों के पीछे या गले के पास उन की पसंद का कोलोन, परफ्यूम लगाएं, वही खुशबू, जो वे रोज लगाते हैं. किन्से इंस्टिट्यूट फौर रिसर्च इन सेक्स, जेंडर एंड रिप्रोडक्शन के रिसर्चरों का कहना है कि पुरुषों के परफ्यूम की महक महिलाओं की उत्तेजना बढ़ाती है और सेक्स के लिए उन का मूड बनाती है.

साइक्लिंग करें

अमेरिकन हार्ट फाउंडेशन द्वारा जारी एक अध्ययन में स्पष्ट हुआ कि नियमित साइक्लिंग जैसे व्यायाम करने वाले पुरुषों का हृदय बेहतर तरीके से काम करता है और हृदय व यौनांगों की धमनियों व शिराओं में रक्त के बढ़े हुए प्रवाह के कारण वे बेडरूम में अच्छे प्रेमी साबित होते हैं. महिलाओं पर भी साइक्लिंग का यही प्रभाव पड़ता है. तो क्यों न सप्ताह में 1 बार आप साइक्लिंग का प्रोग्राम बनाएं.

हालांकि साइक्लिंग को सेक्स विज्ञानी हमेशा से शक के दायरे में रखते हैं, क्योंकि ज्यादा साइक्लिंग करने से साइकिल की सीट पर पड़ने वाले दबाव के कारण नपुंसकता हो सकती है. लेकिन कभीकभी साइक्लिंग करने वाले लोगों को ऐसी कोई समस्या नहीं होती.

स्वस्थ रहें

वर्जिनिया की प्रसिद्ध सेक्स काउंसलर एनेट ओंस का कहना है कि कोई भी शारीरिक क्रिया, जिस के द्वारा आप के शरीर के रक्तप्रवाह की मात्रा कम होती है, सेक्स से जुड़ी उत्तेजना को कम करती है. सिगरेट या शराब पीना, अधिक वसायुक्त भोजन लेना, कोई शारीरिक श्रम न करना शरीर के रक्तप्रवाह में गतिरोध उत्पन्न कर के सेक्स की उत्तेजना को कम करता है. एक स्वस्थ दिनचर्या ही आप की सेक्स प्रक्रिया को बेहतर बना सकती है.

दवाइयां

वे दवाइयां, जिन्हें हम स्वस्थ रहने के लिए खाते हैं, हमारी सेक्स लाइफ का स्विच औफ कर सकती हैं. इन में से सब से ज्यादा बदनाम ब्लडप्रेशर के लिए ली जाने वाली दवाइयां और एंटीडिप्रेसेंट्स हैं. इन के अलावा गर्भनिरोधक गोलियां और कई गैरहानिकारक दवाइयां भी सेक्स की दुश्मन हैं, इसलिए कोई नई दवा लेने के कारण यदि आप को सेक्स के प्रति रुचि में कोई कमी महसूस हो रही हो तो अपने डाक्टर से बात करें.

सोने से पहले ब्रश

बेशक आप अपने साथी से बेइंतहा प्रेम करती हों, लेकिन अपने शरीर की साफसफाई का ध्यान अवश्य रखें. ओरल हाइजीन का तो सेक्स क्रीडा में महत्त्वपूर्ण स्थान है. यदि आप के मुंह से दुर्गंध आती हो तो आप का साथी आप से दूर भागेगा, इसलिए रात को सोने से पहले किसी अच्छे फ्लेवर वाले टूथपेस्ट से ब्रश जरूर करें.

स्पर्श की चाहत को जगाएं

आमतौर पर लोगों को गलतफहमी होती है कि अच्छी सेक्स क्रीडा के लिए पहले से मूड होना या उत्तेजित होना आवश्यक है, लेकिन यह सत्य नहीं है. एकसाथ समय बिताएं, बीते समय को याद करें, एकदूसरे को बांहों में भरें. कभीकभी घर वालों व बच्चों की नजर बचा कर एकदूसरे का स्पर्श करें, फुट मसाज करें. ऐसी छोटीछोटी चुहलबाजी भी आप का मूड फ्रेश करेगी और फोरप्ले का काम भी.

थ्रिलर मूवी देखें

वैज्ञानिकों का मानना है कि डर और रोमांस जैसी अनुभूतियां मस्तिष्क के एक ही हिस्से से उत्पन्न होती हैं, इसलिए कभीकभी कोई डरावनी या रोमांचक मूवी एकसाथ देख कर आप स्वयं को सेक्स के लिए तैयार कर सकती हैं.

फ्लर्ट करें

वैज्ञानिकों का मानना है कि फ्लर्टिंग से महिलाओं के शरीर में आक्सीटोसिन नामक हारमोन का स्राव होता है, जो रोमांटिक अनुभूतियां उत्पन्न करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है, इसलिए दोस्तों व सहेलियों के बीच सेक्सी जोक्स का आदानप्रदान करें, कभीकभी किसी हैंडसम कुलीग, दोस्त के साथ फ्लर्ट भी कर लें. अपने पति के साथ भी फ्लर्टिंग का कोई मौका न छोड़ें. आप स्वयं सेक्स के प्रति अपनी बदली रुचि को देख कर हैरान हो जाएंगी.

जवान रहने के लिए उम्रभर करें सैक्स

कुछ दिनों से आलोक कुछ बदलेबदले से नजर आ रहे हैं. वे पहले से ज्यादा खुश रहने लगे हैं. आजकल उन की ताजगी देख कर जवान भी दंग रह जाते हैं. असल में उन के घर में एक नन्ही सी खुशी आई है. वे पिता बन गए हैं. 52 साल की उम्र में एक बार फिर पिता बनने का एहसास उन को हर पल रोमांचित किए रखता है.

इस खुशी को चार चांद लगाती हैं आलोक की 38 साल की पत्नी सुदर्शना. सुदर्शना की हालांकि यह पहली संतान है लेकिन आलोक की तीसरी है.

दरअसल, आलोक की पहली पत्नी को गुजरे 5 साल बीत चुके हैं. उन के बच्चे जवान हो चुके हैं और अपनीअपनी गृहस्थी बखूबी संभाल रहे हैं. कुछ साल पहले की बात होती तो इन हालात में आलोक के दिल और दिमाग में बच्चों के सही से सैटलमैंट के आगे कोई बात नहीं आती. इस उम्र में अपनी खुशी के लिए फिर से शादी की ख्वाहिश भले ही उन के दिल में होती, लेकिन समाज के दबाव के चलते इस खुशी को वे अमलीजामा न पहना पाते. अब जमाना बदल चुका है. लोग अपनी सेहत के प्रति सजग हो गए हैं, एंप्टी नैस्ट सिंड्रोम से बाहर निकल रहे हैं और अपनी खुशियों को ले कर भी वे ज्यादा मुखर हैं. अब लोग 70 साल तक सेहतमंद और ताजगी से भरपूर रहते हैं.

जब आलोक ने देखा कि उन के बच्चों का उन के प्रति दिनप्रतिदिन बरताव बिगड़ता जा रहा है. अपने कैरियर व भावी जिंदगी को बेहतर बनाने की आपाधापी में बच्चों के पास उन की खुशियों को जानने व महसूस करने की फुरसत नहीं है तो आलोक ने न केवल उन से अलग रहने का फैसला लिया, बल्कि एक बार फिर से अपनी जिंदगी को ढर्रे पर लाने का मन बनाया.

एक दिन इंटरनैट के जरिए आलोक की मुलाकात सुदर्शना से हुई जो उन्हीं की तरह अच्छी जौब में थीं. पैसे के नजरिए से सैटल थी, लेकिन कैरियर के चक्कर में सही उम्र में शादी न हो सकी थी. वे 37 साल की हो चुकी थीं. उन्होंने एक खूबसूरत नौजवान का जो ख्वाब देखा था, उसे अब भूल चुकी थीं. उन्हें अब एक प्रैक्टिकल दोस्त चाहिए था.

सुदर्शना को आलोक में जीवनसाथी के सभी गुण नजर आए. दोनों ने झटपट कानूनी तरीके से शादी कर ली.

कोकशास्त्र में कहा गया है कि मर्दों की सैक्स क्षमता पूरी तरह से उन के अपने हाथों में होती है. दरअसल, जवानी में जो अपनी सेहत पर ध्यान देते हैं उन के लिए अधेड़ावस्था जैसी कोई चीज ही नहीं होती. सच बात तो यह है कि इस जमाने में अधेड़ उम्र के माने वे नहीं रहे जो आधी सदी पहले तक हुआ करते थे. औरतें जरूर अभी तक रजोनिवृत्ति के चलते कुदरत के सामने अपने मातृत्व को लंबे समय तक कायम रखने को ले कर मजबूर हैं लेकिन स्त्रीत्व का आकर्षण उन में भी उम्र का मुहताज नहीं रहा.

सैक्स का सुख लें

आज मर्द चाहे 50 का हो या 55 का या फिर 60 साल का, सेहतमंद रहने की सजगता ने उसे इस उम्र में भी फिट बनाए रखा है, हालांकि इस में उसे कुदरत का भी साथ मिला है. असल में उम्र ढलने के साथसाथ उस के परफौर्मैंस में कुछ गिरावट तो आती है, लेकिन उस की यह क्षमता बिलकुल खत्म नहीं होती.

यहां कनफ्यूज न हों, पहले भी यह सब सहजता से होता रहा है. मगर इस तरह की क्षमताएं आमतौर पर राजाओं, महाराजाओं और अमीरउमरावों तक ही सीमित होती थीं क्योंकि वही आमतौर पर सेहतमंद होते थे और सेहत के प्रति सजग होते थे. आम आदमी के लिए पहले न तो इतनी सहजता से सेहतमंद रहने के साधन उपलब्ध थे, न ही इस का ज्ञान था, इसलिए उन में बुढ़ापा जल्दी आ जाता था.

वैसे लंबे समय तक सैक्स में सक्षम और सक्रिय बने रहने का एक आसान उपाय है हस्तमैथुन. हस्तमैथुन एक ऐसी प्रक्रिया है जिस में किसी दूसरे की जरूरत नहीं होती. शरीर विज्ञान की सीख कहती है कि शरीर के जिस अंग को आप सक्रिय बनाए रखेंगे उस की उम्र उतनी ही लंबी होगी और वह उतनी ही देर तक सक्षम रहेगा. वास्तव में यह बात सैक्स के मामले में भी सही है. असल में जो इंसान जितना ज्यादा सैक्स करता है वह उतनी ही देर तक सैक्स कर सकता है.

मशहूर विशेषज्ञ डा. जौनसन का भी कहना था और आज के सैक्सोलौजिस्ट भी इस बात को मानते हैं कि लंबे समय तक सैक्स क्षमता बरकरार रखने के लिए युवावस्था में सैक्स सक्रियता जरूरी है. अगर यह सक्रियता रहती है तो 50 साल की उम्र के बाद भी मर्द को नामर्द होने का डर नहीं रहता. यही नहीं, वह 70 साल तक पिता बनने का सुख भी हासिल कर सकता है.

सैक्सोलौजिस्ट हस्तमैथुन को विशेष महत्त्व देते हैं. असल में जो मर्द अपने अंग को जितना सक्रिय रखता है, उस की उतनी ही सैक्स की चाहत बढ़ती है क्योंकि इस प्रक्रिया में अंग की अच्छीखासी ऐक्सरसाइज होती है.

कई बार पति इसलिए भी अपनी पत्नियों को संतुष्ट नहीं कर पाते क्योंकि वे सैक्स के मामले में लगातार सक्रिय नहीं रहते. इस से उन के अंग की ऐक्सरसाइज भी नहीं हो पाती और ऐन मौके पर शर्मिंदगी उठानी पड़ती है. कहने का मतलब यह है कि इस मामले में निष्क्रियता सैक्स सुख से वंचित कर देती है.

सैक्सोलौजिस्टों की मानें तो हस्तमैथुन सैक्स क्षमता बनाए रखने का एक कारगर तरीका है. यह न सिर्फ पुरुषों को सेहतमंद रखता है बल्कि अच्छीखासी प्रैक्टिस भी कराता है. इतना ही नहीं, उम्र ढलने के साथ सैक्स की चाहत को बढ़ाने में मदद करता है.

खानपान व जीवनशैली सुधारें

इन तमाम बातों के साथसाथ यह भी ध्यान देने योग्य है कि अपने खानपान व मोटापे को भी नजरअंदाज न करें. सैक्स जीवन पर सब से ज्यादा बुरा असर मोटापा ही डालता है. मोटापे का अलावा वजन विटामिन बी-1 के लिए जिगर और थायराइड से होड़ करता है और इन दोनों ही अंगों को खराब कर देता है, जबकि सैक्स क्षमता के लिए दोनों ही अंग महत्त्वपूर्ण हैं. मोटा इंसान पतले इंसान की तुलना में सैक्स की कम इच्छा करता है. जब वह इच्छा करेगा भी, न तो वह पार्टनर को संतुष्ट कर पाता है और न खुद ही संतुष्ट हो पाता है.

इस में दोराय नहीं है कि सैक्स सब के जीवन का अभिन्न हिस्सा है. ऐसे में न सिर्फ खानपान, जीवनशैली आदि का खयाल रखना होता है बल्कि कुछ सावधानियां भी बरतनी पड़ती हैं, खासकर उन लोगों के लिए जो नशीले पदार्थों के आदी होते हैं.

लब्बोलुआब यह है कि भविष्य को आनंदमय बनाना है तो युवावस्था से ही इस का ध्यान रखना होगा. इतना ही नहीं, अपने भावनात्मक रिश्तों को भी मजबूत बनाने की जरूरत है. आज के दौर में बच्चे अपने कैरियर के लिए घर से दूर चले जाते हैं. ऐसे में मातापिता घर में अकेले रह जाते हैं. ऐसे पतिपत्नी के लिए सैक्स जीवन को ऊर्जावान बनाए रखता है. कहने की बात नहीं है कि सैक्स शारीरिक क्रिया के अलावा मानसिक संतुष्टि भी है. इसलिए चैन और सुकून से जीने के लिए अपने लाइफस्टाइल को बदल डालें और 60 वर्ष की उम्र के बाद भी गुनगुनाएं, ‘अभी तो मैं जवान हूं…’

शादी की उम्र निकलने से मैं बहुत ज्यादा तनाव में रहती हूं, क्या करूं?

सवाल

मैं 32 साल की एक कुंआरी लड़की हूं. मेरे घर वाले मेरी शादी कराने का नाम ही नहीं लेते हैं. मैं छोटे कसबे की रहने वाली हूं, तो खुद अपनी शादी करने जैसा फैसला लेने की हिम्मत नहीं जुटा पाती हूं.

मैं नौकरी तो नहीं करती हूं, पर घरेलू काम सब कर लेती हूं. मैं 12वीं जमात तक पढ़ीलिखी हूं, पर शादी की उम्र निकलने की बात से मैं बहुत ज्यादा तनाव में रहती हूं. मैं क्या करूं?

जवाब

ऐसा लगता है कि घर वालों ने आप को मुफ्त की नौकरानी समझ लिया है, इसलिए वे शादी की पहल नहीं कर रहे हैं. अपने बेहतर भविष्य के लिए आप बिना दीनदुनिया की परवाह किए खुद अपनी मरजी से अच्छा सा लड़का देख कर शादी कर लें. इसी बीच कहीं छोटीमोटी नौकरी की भी कोशिश करें.

घर वाले इस का विरोध करें, तो सख्ती से उन्हें समझा दें कि अपनी जिंदगी से जुड़े अहम फैसले लेने का हक आप को है.

मैं अपने दोस्त की एक्स गर्लफ्रेंड से प्यार करता हूं, क्या करूं?

सवाल

मेरी एक दोस्त है जिसे मैं बेहद प्यार करता हूं, लेकिन प्रौब्लम यह है कि वह मेरे दोस्त की एक्स गर्लफ्रैंड है. उन दोनों के रिलेशनशिप में आने से ब्रेकअप तक की पूरी कहानी मैं जानता हूं और यह भी जानता हूं कि गलती दोनों की बराबर थी. वे दोनों ही मेरे दोस्त थे, लेकिन मुझे अपना समय दोनों में बांटना पड़ा क्योंकि वे एकदूसरे के करीब नहीं रहना चाहते थे. मुझे अपनी दोस्त से प्यार हो गया और यह बात मैं ने उसे बताई तो उस ने भी यही कहा कि उसे भी मुझ से प्यार है. लेकिन मैं रिलेशनशिप में आया या यह बात अपने दोस्त को बताई, तो हो सकता है उसे धक्का लगे और वह मुझ से अपनी दोस्ती तोड़ ले. मैं ऐसा होने नहीं देना चाहता. मुझे ऐसा महसूस हो रहा है जैसे मैं ने अपने दोस्त को धोखा दिया हो. मैं अपनी दोस्ती और प्यार में से किसी एक को नहीं चुन सकता. क्या इस समस्या का कोई साधारण हल नहीं हो सकता?

जवाब

आप के पास अपने दोस्त को सच बताने के सिवा कोई रास्ता नहीं है. आप बात को छिपाते भी हैं तो कभी न कभी तो सच उस के सामने आएगा ही और तब उसे ज्यादा धक्का लगेगा. प्यार और दोस्ती के बीच में चुनने जैसा कुछ नहीं है, आप इंसान हैं और किसी इंसान के बस में नहीं है कि उसे कब किस से प्यार हो जाए. वैसे भी वह आप के दोस्त की एक्स से पहले आप की भी तो दोस्त थी न, फिर धोखे जैसी तो कोई बात ही नहीं है.

आप अपने दोस्त को बता दीजिए कि आप दोनों को एकदूसरे से प्यार है और यह सब इंटैंशनल नहीं था. वह आज नहीं तो कल इस बात को समझ ही जाएगा. उसे बुरा लग सकता है लेकिन आप के लिए उसे सच बताना ही सही होगा.

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz
 
सब्जेक्ट में लिखे…  सरस सलिल- व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

मेेरा 16 साल का बेटा पॉर्न मूवी देखता है, मैं क्या करूं?

सवाल

मैं 40 वर्षीय गृहिणी हूं. पति बिजनैसमैन हैं और ज्यादातर व्यस्त रहते हैं. जब देश में लौकडाउन लगा और स्कूल की पढ़ाई औनलाइन होने लगी तो अपने 16 साल के बेटे को हर समय लैपटौप पर रहता देख मुझे लगता था कि वह पढ़ाई संबंधी काम कर रहा होगा. एक रात मैं अचानक उस के कमरे में गई तो हैरान रह गई. वह लैपटौप पर पोर्न मूवी देख रहा था और गलत अवस्था में भी था. मुझे देख कर वह असहज हो गया और तुरंत लैपटौप को औफ कर दिया. उस पूरी रात मैं ढंग से नहीं सो पाई. पति को अभी कुछ नहीं बताया है, क्योंकि मैं जानती हूं वे उग्र स्वभाव के हैं. मुझे लगता है कि बेटे को इस की लत लग गई है. समझ नहीं आ रहा कि करूं? कृपया सलाह दें?

जवाब

किशोरावस्था में बच्चों के प्रति मातापिता को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि इस उम्र में उन में नईनई चीजों को जानने और देखने की उत्सुकता रहती?है. संभव है कि आप का बेटा भी पहले इसी उत्सुकता में पोर्न साइट्स पर गया होगा और फिर उसे इस की लत लग गई होगी. आधुनिक उपकरणों में शामिल लैपटौप व मोबाइल ने जहां लोगों को एकदूसरे से जोड़ने का काम किया है, वहीं इन के कई खतरे भी उभर कर सामने आए हैं. किशोरों में बढ़ती पोर्न देखने की लत इन्हीं आधुनिक उपकरणों की देन है.

बाल मस्तिष्क और ह्यूमन साइकोलौजी पर अध्ययन करने वाले शोधकर्ताओं और विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय किशोरों में पोर्न देखने की लत तेजी से बढ़ रही है. इस का सब से बड़ा कारण है कि उन के हाथों में इंटरनैट की उपलब्धता व अब जब से लौकडाउन लगा और बच्चे स्कूल व कोचिंग की पढ़ाई औनलाइन करने लगे हैं तब से यह खतरा और भी बढ़ गया है. यदि किशोरावस्था में आप का बच्चा पोर्न साइट्स देखने लगा है तो उसे कई तरीकों से आप संभाल सकती हैं. अगर आप अपने बेटे को मोबाइल दे रही हैं तो, आप को सावधानी बरतनी होगी साथ ही बच्चे पर नजर भी रखनी होगी.

अगर आप का बेटा देर रात तक बहाने बना कर पढ़ाई करता है तो संभव है इस दौरान वह पोर्न साइट्स देखे. इसलिए बेहतर है कि घर में वाईफाई है तो आप इंटरनैट को पासवर्ड प्रोटैक्टेड रखें और उसे पासवर्ड न बताएं. उसे समय पर सोने और जागने के लिए प्रेरित करें.

बेटे को घर के दूसरे कामों में भी व्यस्त कर सकती हैं, साथ ही आप उस के साथ खेलें, बातें करें.
इस उम्र के बच्चों को लगातार डांटनाफटकारना व मारपीट से करना भी उचित नहीं होता. आप उसे अच्छा साहित्य, पत्रपत्रिकाएं पढ़ने को दें. जल्द ही वह खुद पोर्न साइट्स देखना बंद कर देगा. अगर फिर भी इस लत से नहीं निकल पाए तो किसी मनोचिकित्सक से परामर्श भी ले सकती हैं. लेकिन जो भी करें सोचसमझ कर व अपने पति की जानकारी में ही करें.

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