सुखबीर चूंकि पिछले 2 साल से अपनी ससुराल जसाना में ही मकान बना कर रहने लगा था. इसलिए अपनी ससुराल वालों के घर में उस का बेधड़क आनाजाना था. पुराने और गांवदेहात के लोग आज भी घर के दामाद को बड़ा मान देते हैं. सुखबीर की पत्नी मोनिका के 2 भाई हैं मनीष और ब्रह्मजीत.
दोनों ही शादीशुदा हैं और दोनों लंबेचौड़े घर में अलगअलग हिस्सों में रहते हैं. सुखबीर अपने दोनों सालों के घर में बेधड़क आताजाता था. ब्रह्मजीत की पत्नी उषा देखने में परिवार की दूसरी महिलाओं से कुछ ज्यादा सुंदर थी. लिहाजा सुखबीर उस के घर कुछ ज्यादा और बेधड़क आताजाता था. उषा भी खुले स्वभाव की थी.
चूंकि सुखबीर उस की ननद का पति था, इसलिए वह उस का बेहद सम्मान करती थी. लेकिन जब कभी सुखबीर उस के साथ हंसीमजाक करता तो वह भी उस से हंसीमजाक कर लेती थी.
हुआ यूं कि करीब 2 महीने पहले सुखबीर जब ब्रह्मजीत के घर पहुंचा तो वह घर में नहीं था और उस की पत्नी नहाने के लिए बाथरूम में थी. सुखबीर सोफे पर बैठ कर उस के बाहर आने का इंतजार कर रहा था कि उस की नजर सामने पड़े उषा के मोबाइल फोन पर पड़ी. उत्सुकतावश उस ने उषा का फोन उठा लिया और उसे चैक करने लगा.
उस ने उत्सुकता में ही फोन उठा कर परिवार की फोटो तथा वीडियो देखना शुरू कर दिया. अचानक कुछ ऐसी वीडियो और फोटो देख कर उस के होश उड़ गए, जिस में उषा ने अपने निजी पलों की ऐसी तसवीरें तथा वीडियो बनाए हुए थे, जिस में वह पूरी तरह या तो निर्वस्त्र थी या उस के शरीर पर बहुत कम कपडे़ थे.
सुखबीर की पत्नी मोनिका भी हालांकि बेहद खूबसूरत थी लेकिन ब्रह्मजीत की पत्नी उषा जिसे वह भाभी कहता था, अपने कदकाठी और छरहरे बदन के कारण हमेशा उस के आकर्षण का केंद्र रही.
उस दिन सुखबीर ने जब उषा की ऐसी फोटो तथा वीडियो क्लिप देखीं तो उस की आंखों में उषा के प्रति कामना के डोरे तैरने लगे. मन में उषा को अपना बनाने की तमन्ना का ज्वार फूटने लगा. हालांकि किसी की इजाजत के बिना चोरीछिपे उस का मोबाइल देखना एक तरह गलत काम है. लेकिन उस दिन पूरे परिवार की इज्जत का तारा बना सुखबीर यह पाप कर बैठा.
उस ने उषा के बाथरूम से आने के पहले ही उस के मोबाइल में पड़ी उस की निजी पलों की फोटो और वीडियो अपने मोबाइल में ट्रांसफर कर लीं और ट्रांसफर हिस्ट्री को डिलीट कर दिया ताकि किसी को पता न लगे.
उस वक्त सुखबीर को नहीं पता था कि उस ने किस मकसद से उषा के फोटो और वीडियो अपने फोन में ट्रांसफर किए हैं. लेकिन कुछ दिन बाद जब उस ने एकांत में उन तसवीरों और क्लिप को देखना शुरू किया तो उस के मन में उषा को पाने की लालसा जाग उठी.
आखिर एक दिन सुखबीर जब ब्रह्मजीत के घर गया और उस ने उषा को अकेला पाया तो उस ने अपने दिल की बात उषा से कह दी. दरअसल, उस दिन सुखबीर ने उषा से ऐसी द्विअर्थी बातचीत शुरू की जिस से उषा भी अचकचा गई. सुखबीर ने उषा से उस के छरहरे बदन, उस के सांचे में ढले जिस्म की तारीफें इस तरह करनी शुरू कर दीं कि उषा ने पूछ ही लिया, ‘‘जीजाजी, आज आप ये कैसी बहकीबहकी सी बातें कर रहे हैं?’’
सुखबीर ने मौका देख कर खुल कर बताने की जगह अपना मोबाइल खोल कर उषा को उस की तसवीरें और वीडियो दिखानी शुरू कर दीं और बोला, ‘‘उषा भाभी, आप की ऐसी तसवीरें देख कर तो विश्वामित्र की तपस्या भी भंग हो सकती है हम तो वैसे भी आप के हुस्न के पहले से कद्रदान हैं. भाभी, कभी हम पर भी अपने इस हुस्न की बरसात कर दो.’’
दरअसल सुखबीर को लगा था कि अपने फोन से उषा को उसी की आपत्तिजनक तस्वीरें दिखाने से उषा की उस के प्रति हिचक दूर हो जाएगी और वह शरमातेसकुचाते हुए उस के अंकपाश में आ जाएगी. लेकिन हुआ इस का उलटा. उस दिन उषा की सुखबीर से खूब बहस हुई. उस ने सुखबीर की खूब लानतमलामत की और उसे चेतावनी दी कि अगर उस ने अपने मोबाइल से चोरी से ट्रांसफर की गई उस की फोटो और वीडियो डिलीट नहीं कीं तो इस का अंजाम बहुत बुरा होगा.
सुखबीर को उषा के ऐसे रिएक्शन की उम्मीद नहीं थी. लेकिन उसे उम्मीद थी कि अगर वह थोड़ा सा और प्रयास करेगा तो उषा उस की बाहों में जरूर आ जाएगी. उस ने उषा की फोटो तथा वीडियो तो डिलीट नहीं कीं, लेकिन इस के बाद उषा से ऐसे वक्त पर फोन कर के बातचीत जरूर शुरू कर दी, जब वह घर में अकेली होती थी. वह सब बातें वाट्सऐप काल के जरिए करता था.
उस ने उषा पर दबाव डालना शुरू कर दिया कि अगर उस ने उस का दिल नहीं बहलाया तो हो सकता है वह उस की ये फोटो और वीडियो कुछ ऐसे लोगों तक पहुंचा दे, जिस से उस का जीना मुश्किल हो जाए और दुनिया भर में उस की बदनामी हो जाए.
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इस बात को ले कर उषा अकसर तनाव में रहने लगी. इसी दौरान ब्रह्मजीत को भी उषा के बदले हुए व्यवहार तथा उस के तनाव में रहने का अहसास हुआ. जब उस ने पत्नी उषा से इस की वजह पूछी तो उषा अपने दिल में भरे गुबार को रोक न सकी. उस ने पति को ननदोई सुखबीर की सारी बात बता दी कि वह किस तरह उसे ब्लैकमेल कर रहा है.
किसी भी पति के लिए पत्नी की इज्जत सब से बड़ी चीज होती है. लेकिन मुश्किल यह थी कि इस हरकत को करने वाला भी कोई गैर नहीं, बल्कि एकलौती बहन का पति था. उस ने उषा को समझाया कि फिलहाल वह चुप रहे, वह जल्द ही कोई रास्ता निकालेगा.
इसी तरह कई दिन बीत गए. दूसरी तरफ सुखबीर फोन कर के उषा को हर दिन ब्लैकमेल कर के अपना दबाव बढ़ाता जा रहा था. इसी बीच 3 अगस्त को रक्षाबंधन आ गया. चूंकि उषा का तनाव के कारण मन ठीक नहीं था, इसलिए उस ने अपने भाई विष्णु से कह दिया कि वह इस बार घर नहीं आ सकेगी. वह राखी बंधवाने खुद ही आ जाए.
उषा का भाई विष्णु जब रक्षाबंधन पर उस के पास आया तो बहन के चेहरे पर फैली उदासी तथा तनाव उस से छिप नहीं सका. उस ने अपनी कसम दे कर उषा से पूछ ही लिया कि ऐसी कौन सी बात है जिस की वजह से वह परेशान है. न चाहते हुए भी उषा को भाई से सुखबीर की तरफ से उसे ब्लैकमेल किए जाने की सारी बात बतानी पड़ी.
किसी भाई के लिए रक्षाबंधन के दिन उस की बहन की अस्मत पर आंच आने की बात पता चलना कितनी बड़ी पीड़ा होती है, यह कोई उस दिन विष्णु के दिल से पूछ सकता था. सुखबीर की इस घिनौनी हरकत को जान कर उस का खून खौल उठा लेकिन उस की बहन उषा ने उसे अपनी कसम दे कर शांत कर दिया.