रिलेशनशिप: ब्रेकअप से टूटता है पुरुषों का दिल भी

समीर (बदला हुआ नाम) कुछ महीनों से काफी डिप्रैशन में रहने लगा है. हंसमुख मिजाज का और दूसरों को भी खुश रखने वाला समीर न तो अब किसी से ज्यादा बातें करता है और न ही कहीं आताजाता है. औफिस से आते ही वह अपने कमरे में बंद हो जाता है. कारण, कुछ महीने पहले उस का अपनी गर्लफ्रैंड से ब्रेकअप हो गया, जिस के कारण वह काफी डिप्रैस्ड रहने लगा है. समीर का कहना है जब उस की गर्लफ्रैंड से उस का ब्रेकअप हुआ तो लगा मानो उस की पूरी दुनिया ही उजड़ गई. वह अपने ब्रेकअप के दर्द से बाहर नहीं आ पा रहा है.

यह कहना गलत नहीं होगा कि भागतीदौड़ती जिंदगी के बीच रिश्ते भी बहुत तेजी से बदल रहे हैं, आजकल जितनी जल्दी लोगों को प्यार हो जाता है, उतनी ही जल्दी रिश्ते टूट भी जाते हैं. लव अफेयर में जब ब्रेकअप होता है, तो इस का महिलाओं के जीवन पर बहुत बुरा असर होता है. वे डिप्रैशन और असुरक्षा की भावना का शिकार हो जाती हैं. उन में उदासी घर कर जाती है. ब्रेकअप के कारण कई बार वे सुसाइड जैसे खतरनाक कदम भी उठा लेती हैं, क्योंकि पुरुषों की तुलना में महिलाएं अधिक भावुक और संवेदनशील होती हैं.

वहीं माना जाता है कि पुरुषों पर ब्रेकअप का कुछ खास असर नहीं पड़ता. लेकिन ऐसा नहीं है. कई बार पुरुष भी ब्रेकअप से प्रभावित होते हैं. फर्क सिर्फ इतना है कि ब्रेकअप होने पर महिलाएं अपना दर्द व्यक्त कर पाती हैं, जिस से उन के दिल का बोझ कुछ कम हो जाता है, जबकि पुरुष अंदर ही अंदर घुटते रहते हैं और ब्रेकअप के दर्र्द अकेले ही झेलते हैं. कईर् बार पुरुष ब्रेकअप से इस कदर टूट जाते हैं कि वे लोगों से मिलनाजुलना खानापीना तक छोड़ देते हैं.

ये भी पढ़ें- रिश्ता दिल से

ब्रेकअप का पुरुषों पर असर

खुद को दोषी मानने लगना : ब्रेकअप होने के बाद ज्यादातर पुरुष खुद को ही दोषी मानने लगते हैं. भले ही लोगों के सामने वे कुछ भी कह लें, पर मन ही मन ब्रेकअप के लिए खुद को ही जिम्मेदार मानते हैं. इस से वे गहरे तनाव में आ जाते हैं. अधिक तनाव में रहने के कारण उन के सोचनेसमझने की क्षमता पर नैगेटिव असर पड़ने लगता है. जो पुरुष अधिक संवेदनशील होते हैं, वे अपने पार्टनर की गलती होते हुए भी, उस की गलती न मान कर खुद को ही दोषी ठहरा देते हैं. ब्रेकअप के बाद ऐसे संवेदनशील लोग भीतर से टूट जाते हैं.

अकेलापन : पुरुष ब्रेकअप के बाद अकसर ज्यादा अकेलापन महसूस करते हैं. वे अपना दुख जाहिर नहीं कर पाते और ऐसे में उन्हें सांत्वना देने वाला कोई नहीं होता. जबकि महिलाएं अपने दिल का हाल अपनों से बांट लेती हैं. इस से उन का दर्द कम हो जाता है. पर पुरुषों के साथ ऐसा नहीं होता है.

नशे का सहारा लेते हैं : ब्रेकअप के बाद तनाव और डिप्रैशन का शिकार सिर्फ महिलाएं ही नहीं होतीं, बल्कि पुरुष भी होते हैं. भले ही ब्रेकअप के तुरंत बाद वे आजादी महसूस करते हों, पर धीरेधीरे वे अकेलापन और तनाव महसूस करने लगते हैं. इस के कारण वे खुद को शराबसिगरेट में डुबो लेते हैं. उस से उन का तनाव घटता नहीं, बल्कि और बढ़ता जाता है.

गलतियां दोहराते हैं : पुरुष ब्रेकअप के बाद खुद को दोषी जरूर मानते हैं, लेकिन वे खुद में बिलकुल सुधार नहीं करते हैं. जहां ब्रेकअप के बाद महिलाएं किसी नए रिलेशनशिप में नहीं पड़ना चाहतीं, वहीं पुरुष ब्रेकअप के गम को भुलाने के लिए किसी दूसरे पार्टनर की तलाश में लग जाते हैं, जबकि कई बार यह तलाश सही साबित नहीं होती है. लेकिन पुरुष किसी सहारे की खोज में होते हैं, अगर उन्हें कोईर् पार्टनर मिल भी जाता है तो ब्रेकअप के बाद पुरुष जल्दी उस पर भरोसा नहीं कर पाते और टाइमपास करने लगते हैं. ऐसे रिलेशन ज्यादा समय तक नहीं टिकते और फिर टूट जाते हैं.

अपने एक्स को याद कर के बेचैन हो जाना : यह देखा गया है कि ब्रेकअप के बाद भी ज्यादातर पुरुष को यह उम्मीद होती है कि उन की प्रेमिका फिर लौट कर उन के पास वापस आएगी और इस के लिए वे प्रयास भी करते हैं. इस मामले में वे काफी धैर्य दिखाते हैं. मौका मिलने पर वे अपनी एक्स से माफी भी मांग लेते हैं ताकि रिश्ता फिर से सुधारा जा सके.

काम से लेते हैं ब्रेक : कई पुरुष ब्रेकअप के बाद इतने दुख में डूब जाते हैं कि उन्हें कुछ करने का मन नहीं होता, यहां तक कि औफिस में भी उन का मन नहीं लगता और वे काम से छुट्टी ले लेते हैं. लेकिन इस से भी उन्हें चैन नहीं मिलता, क्योंकि खाली बैठेबैठे फिर वही ब्रेकअप की बातें उन्हें परेशान करने लगती हैं और उन का दर्र्द घटने के बजाय और बढ़ने लगता है, वहीं, महिलाएं मानसिक परेशानी के बावजूद अपने काम बेहतर ढंग से करती रहती हैं.

ये भी पढ़ें- क्या आपको भी सेक्स के दौरान होता है दर्द

ब्रेकअप के दर्द से कैसे उबरें पुरुष

किसी भी रिश्ते को भुलाना आसान नहीं होता. उस से हमारी भावनाएं जुड़ी होती हैं. खासकर जब रिश्ता प्यार का हो. जब हम किसी अपने से अलग होते हैं, तो उस दर्द को बरदाश्त कर पाना आसान नहीं होता. हम उस रिश्ते से निकलना चाहते हैं, पर हमारी भावनाएं हम पर हावी रहती हैं. यही भावनाएं डिप्रैशन का कारण बनती हैं. हम उसे भुलाने की कोशिश करते हैं, पर बारबार उस की याद आती है.

ऐसे में अकसर हम वे गलतियां कर जाते हैं जो हमें नहीं करनी चाहिए. जैसे, बारबार हम अपने एक्स को फोन लगाते हैं, उसे मैसेज करने लगते हैं. कभी खुद को कमरे में बंद कर लेते हैं, तो कभी नशे में डूब जाते हैं. ब्रेकअप का वक्त बहुत बुरा होता है. हम किसी से इतने इमोशनली अटैच होते हैं कि हर वक्त उस की आदत होती है और जब वह अचानक साथ छोड़ जाता है, तो यह हम से बरदाश्त नहीं होता है. मन की उदासी सारी ताकत चूस लेती है. लेकिन यह सचाई स्वीकार करनी होगी कि अब वह आप के साथ नहीं है और अब आप को जीवन में आगे बढ़ना होगा.

भूलने की कोशिश न करें : अपने प्यार को भुलाना आसान नहीं होता. तो आप उसे भूलने की कोशिश भी न करें, क्योंकि ऐसा करने से उस की और ज्यादा याद आएगी. उसे अपने और दोस्तों की तरह ही समझें, ताकि आप के मन में उस के लिए कुछ अलग महसूस न हो.

अकेले न रहें : ब्रेकअप के बाद अकसर लोग अकेले रहना पसंद करते हैं. यह सही नहीं है. दोस्तों से मिलें, परिवार को समय दें, उन के साथ थोड़ा वक्त बिताएं. घूमने जाएं. इस से आप के मन में सुकून मिलेगा और आप खुश भी रहेंगे.

अपने कैरियर पर ध्यान दें : ब्रेकअप का असर कभी भी अपने कैरियर पर न पड़ने दें. अकसर लोग ब्रेकअप के बाद अपने काम में मन नहीं लगाते और पर्सनल के साथ प्रोफैशनल लाइफ भी खराब कर लेते हैं. यह गलती करने से बचें, क्योंकि जिसे आप के जीवन से जाना था, चला गया. तो, उसे भूल जाएं और अपने काम पर फोकस करें.

खुद को दोष देना बंद करें : आप का ब्रेकअप हुआ है, इस का यह मतलब नहीं कि सारी गलती आप की ही थी. हर इंसान का अपनाअपना नेचर होता है. हो सकता है आप दोनों का नेचर मेल नहीं खाता हो, इसलिए आप दोनों का ब्रेकअप हो गया, तो यह तो एक दिन होना ही था, ऐसा सोचिए और कि जो कल होना था, आज हो गया. सो, अब अपनी गलतियों से सीख लें और सैल्फ गिल्ट में न जीएं.

हमेशा पौजिटिव रहें : यह सोचें कि जो हुआ, अच्छा हुआ, जो होगा, अच्छा ही होगा, की सोच के साथ खुद को खुश रखने की कोशिश करें. कहते हैं, हम जैसा सोचते हैं, वैसे ही होता है. इसलिए, हमेशा पौजिटिव सोच रखें.

जरा सोशल बनें : खुद को अच्छा महसूस कराने के लिए वह करें जिस से आप को खुशी मिली है. आप अपनी पसंद की कोई हौबी चुनें और उस में व्यस्त रहें.

ये भी पढ़ें- रूममेट के साथ फ्रेंडशिप

परिस्थिति का सामना करना सीखें: अपनी परिस्थिति को स्वीकार कर आगे बढ़ने में ही भलाई है. इसलिए पिछली कड़वी यादों को भुला दें. इस सोच के साथ आगे बढ़ें कि जो होगा, सही होगा.

नशे को दोस्त न बनाएं : अकसर लोग ब्रेकअप के बाद उसे भुलाने के लिए नशे का सहारा लेने लगते हैं, जो गलत है. ब्रेकअप हुआ, कोई जिंदगी खत्म नहीं हो गई. रास्ते और भी हैं. बस, चलने की ताकत रखिए. नशे में कुछ देर तक अपने एक्स को भुलाया जा सकता है, लेकिन उस के बाद फिर क्या. इसलिए नशे से खुद को दूर रखिए.

अपनी कमियों को सुधारें : आप का ब्रेकअप क्यों हुआ? यह सोचें और सबक लें, ताकि आगे यह गलती न हो पाए. ज्यादा पजैसिव न हों.

साइकोलौजिस्ट की सलाह लें : अपनी फीलिंग्स हर किसी से शेयर न करें. क्योंकि जितने मुंह उतनी बातें

होंगी, जाने कौन आप की बातें किस तरह से ले. अच्छा है आप किसी अच्छे साइकोलौजिस्ट से कंसल्ट करें, वे आप को सही सलाह देंगे.

आप बीमार नहीं हैं, यह याद रखें : हर बात पर दवाइयां लेना उचित नहीं. इसलिए डिप्रैशन की दवाइयों में न उलझें. यह परिस्थिति ऐसी है जो धीरेधीरे वक्त के साथ ठीक हो जाएगी, अगर नींद नहीं आती है तो किसी अच्छे लेखक की किताब पढि़ए, पत्रिकाएं पढि़ए, म्यूजिक सुनिए. याद रखिए. जब वह वक्त नहीं रहा, तो यह वक्त भी गुजर जाएगा.

ब्रेकअप को करें सैलिब्रेट : हर छोटीबड़ी खुशियों को सैलिब्रेट करना जैसे जरूरी है, वैसे ही अपने ब्रेकअप को भी एंजौय करें. खुद को ट्रीट दें. आप को अच्छा महसूस होगा.

आप को शायद पता नहीं, फेसबुक डेटा से साबित हो चुका है कि एक खास दिन को प्रेमी, एकदूसरे से अलग होने का उत्सव मनाते हैं. यह दिन है 11 दिसंबर, जब कई प्रेमी युगलों ने रिश्ता खत्म किया होगा. साइकोलौजिस्ट के मुताबिक, जो एकतरफा प्यार में होते हैं वे लोग साल के अंत में यानी दिसंबर में अपना रिश्ता खत्म कर देते हैं. इस वजह से दिसंबर में ब्रेकअप डे मनाया जाता है.

क्या आपको भी सेक्स के दौरान होता है दर्द

सेक्‍स एक ऐसी अनुभूति है, जिसमें आप पूरी तरह से खो जाते हैं. लेकिन जब दोनों को सेक्‍स के आनंद में होना चाहिए, तब कई महिलाएं खुद को अहसनीय दर्द में पाती है. यह समस्‍या केवल लाखों लोगों को प्रभावित ही नहीं करती, बल्कि उम्र के साथ बदतर होती जाती है. वास्‍तव में अमेरिका में सेक्‍स सर्वे के अनुमान के अनुसार, सेक्‍सुअल पेन 20 प्रतिशत अमेरिकी महिलाओं को- 15 प्रतिशत मेनोपॉज से पहले और 33 प्रतिशत उसके बाद प्रभावित करता है.

‘जो डिवाइन’ – सेक्स टॉय कंपनी की फॉर्मर नर्स और सीओ-फाउंडर सामन्था इवांस कहती हैं कि इसके कारण भिन्न हो सकते हैं. दर्द योनि के आस-पास मसल्‍स के टाइट होने या प्रवेश से पहले कामोत्‍तेजना की कमी के कारण होता है. वह कहती है कि बहुत ज्‍यादा कॉपी पीने या बहुत अधिक स्‍ट्रॉबेरी खाने से इसका कारण हो सकता है. ऐसा इसलिए क्‍योंकि इन खाद्य पदार्थों में ऑक्सलेट्स नामक तत्‍व बहुत अधिक मात्रा में होता है- जो संवदेनशील महिलाओं के यूरीन मार्ग में जलन पैदा करता है.

सेक्स दर्दनाक नहीं होना चाहिए 

सेक्‍स महिला और उसके पार्टनर दोनों के लिए एक सुखद अनुभव होना चाहिए. सेक्‍स के दौरान दर्द को कभी भी अनदेखा नहीं करना चाहिए. अगर आप सेक्‍स के दौरान या बाद में दर्द का अनुभव करते हैं, तो अपने डाक्‍टर से सलाह लेनी चाहिए.

ये भी पढ़ें- सेक्स न करने से होती हैं ये 8 समस्याएं

अक्सर आपका डॉक्टर समस्या का निदान कर आसानी से उसका समाधान कर देता है. हालांकि कई महिलाएं शादी और रिश्‍ते के टूटने के बाद सेक्‍स करने से बचती है. लेकिन अगर समस्‍या सच में दर्द को लेकर है तो अपने पार्टनर से इस बारे में खुल कर बात करें और एक दूसरे को समझते हुए सेक्‍स की प्रक्रिया में बदलाव करें. सेक्‍स के दौरान दर्द के कई कारण हो सकते हैं कुछ का इलाज आसानी से हो जाता है तो कुछ का समाधान करने में काफी समय लग जाता है.

आहार से परेशानी

आहार में ऑक्सलेट्स का उच्‍च स्‍तर के कारण संवदेनशील यूरीन मार्ग में जलन पैदा हो जाती है- पाइप से यूरीन शरीर से उत्‍सर्जित किया जाता है. जब बहुत ज्‍यादा ऑक्‍सलेट्स आंत के माध्‍यम से खून में अवशोषित होता है, वह कैल्शियम के साथ मिलकर तेज कैल्शियम-ऑक्‍सलेट्स बनाता है. यह शरीर में कहीं भी नाजुक ऊतकों के साथ जुड़कर, दर्द और नुकसान का कारण बनता है. जिन महिलाओं को इर्रिटेबल बॉउल सिंड्रोम (आईबीएस) की समस्‍या होती है वह आंतों की खराबी के कारण बहुत ज्यादा ऑक्‍सलेट्स को अवशोषित कर लेती है. 3-6 महीनों तक कम ऑक्‍सलेट्स आहार लेकर इसके लक्षणों में सुधार किया जा सकता है. उच्‍च ऑक्‍सलेट्स आहार में अजवाइन, कॉफी, सेम, बीयर, लीक, पालक, मीठा आलू और स्ट्रॉबेरी शामिल हैं.

लुब्रिकेशन की कमी

यह सेक्‍स के दौरान दर्द का प्रमुख कारण है. कामोत्‍तेजना में कमी का मतलब योनि में लुब्रिकेशन की कमी है, लेकिन कई महिलाएं में (जिनमें युवा महिलाएं भी शामिल है) पर्याप्‍त मात्रा में लुब्रिकेशन नहीं होता है. योनि में ड्राईनेस को हमेशा से महिलाओं के मेनोपॉज से जोड़ा जाता है, लेकिन युवा महिलाएं भी गर्भनिरोधक गोली, मासिक हार्मोनल परिवर्तन, तनाव और चिंता के कारण इससे प्रभावित होती है और उनका सेक्‍स करने को मन नहीं करता. सेक्‍स से पहले फोर प्‍ले में ज्‍यादा जयादा समय लगाने से महिला के यौन सुख में सुधार किया जा सकता है. हालांकि मेनोपॉज महिलाओं योनि में ड्राईनेस सामान्‍य स्‍थिति है लेकिन लुब्रिकेशन के उपाय वास्‍तव में आपकी मदद कर सकता है.

ये भी पढ़ें- मिडिल एज में रोमांस, रखें इन बातों का ध्यान

कामोत्तेजना की कमी

ज्‍यादातर महिलाएं को सेक्‍स करने से पहले वॉर्म होने की जरूरत होती है लेकिन कई पुरुष साथी के तैयार होने से पहले ही सेक्‍स के लिए जल्‍दबाजी करते हैं. सेक्‍स से पहले फोरप्‍ले आपके यौन सुख को बढ़ा सकता है. कई बार सेक्‍स करना संभव नहीं होता लेकिन आप इंटरकोर्स के बिना फोरप्‍ले से सेक्‍स का मजा ले सकते हैं.

एलर्जी की स्थिति

कई महिलाओं को नए प्रोडक्‍ट इस्‍तेमाल करने पर यानी नया शैम्पू या शॉवर जेल का प्रयोग करने से लेकर वाशिंग पाउडर तक सब खुजली या जलन का अनुभव होता है. यहां तक कि कुछ तरह के योनि लुब्रिकेशन भी एलर्जी का कारण बनते हैं, इसलिए अपने जननांगों की नाजुक त्‍वचा में कुछ भी इस्‍तेमाल करने से पहले सावधान रहें. साथ ही कुछ लाटेकस प्रोडक्ट जैसे कंडोम और सेक्‍स खिलौने और कुछ शुक्राणुनाशक क्रीम एलर्जी की प्रतिक्रिया कर सकते हैं.

ये भी पढ़ें- मन महकाए खुशबू, बढ़ाए प्यार

तर्क

अगर एक महिला अपने रिश्‍ते में भावनात्‍मक दर्द का सामना करती है तो सेक्‍स के दौरान दर्द हो सकता है. क्‍योंकि ऐसे में वह अपने पार्टनर को दुश्‍मन की तरह अनुभव करती है. अगर आपको सेक्‍स के दौरान या बाद दर्द का अनुभव करते हैं तो चिकित्‍सक से सलाह लें. ऐसे में ‘परामर्शदाता या सेक्स चिकित्सक परामर्श से आपको मदद मिल सकती है. चुप्‍पी में पीड़ि‍त होने की जरूरत नहीं है.

डार्क चॉकलेट हो या अंडे, सेक्स ड्राइव बढ़ाने में फायदेमंद हैं किचन में मौजूद ये 11 आइटम

दैनिक आहार में कुछ महत्त्वपूर्ण खाद्यपदार्थ शामिल कर आप अपने उन खास पलों के रोमांच को किस तरह बढ़ा सकते हैं, जरूर जानिए:

सामन:

सामन ओमेगा-3 फैटी ऐसिड डीएचए और ईपीए का एक ज्ञात प्राकृतिक स्रोत है. इस से मस्तिष्क में डोपामाइन स्तर बढ़ने में मदद मिलती है, जिस से उत्तेजना पैदा होती है. ओमेगा-3 डोपामाइन की उत्पादन क्षमता बढ़ाता है. यह मस्तिष्क के लिए एक महत्त्वपूर्ण रसायन है, जो व्यक्ति के चरमसुख की भावना को ट्रिगर करता है.

कद्दू के बीज:

कद्दू के बीज जस्ता (जिंक) का एक बड़ा स्रोत हैं, जो टेस्टोस्टेरौन को बढ़ा देते हैं. इन में आवश्यक मोनोअनसैचुरेटेड वसा भी होती है, जिस से शरीर में कोलैस्ट्रौल बनता है. यौन हारमोन को ठीक से काम करने के लिए कोलैस्ट्रौल की जरूरत पड़ती है.

ये भी पढ़ें- घर पर कैसे रहें फिट

बैरीज:

स्ट्राबैरी, ब्लैकबैरी, नीले जामुन ये सभी प्राकृतिक मूड बूस्टर हैं. स्ट्राबैरी में पर्याप्त विटामिन सी और बी होता है. ब्लैकबैरी और नीले जामुन फाइटोकैमिकल युक्त होते हैं, जो व्यक्ति के मूड को रामांटिक बनाते हैं.

केला:

केला पोटैशियम का प्राकृतिक स्रोत है. पोटैशियम एक महत्त्वपूर्ण पोषक तत्त्व है, जो मांसपेशी संकुचन को बढ़ाता है और उन खास पलों में बहुत अहम होता है. साथ ही केला ब्रोमेलैन से समृद्ध होता है, जो टेस्टोस्टेरौन उत्पन्न करने के लिए जिम्मेदार होता है.

ये भी पढ़ें- सेक्स है हमारे जीवन का सामान्य हिस्सा

तरबूज:

तरबूज में 92% पानी है, लेकिन बाकी 8% पोषक तत्त्वों से भरा होता है. तरबूज का शांत प्रभाव रक्तवाहिकाओं को शांत करता है. यह स्त्री और पुरुष दोनों के अंगों में रक्तप्रवाह सुधारता है.

ये भी पढ़ें- गरीबी और तंगहाली पर भारी पीरियड्स

लहसुन:

रोजमर्रा के जीवन में इस्तेमाल किए जाने वाला खास आहार लहसुन ऐलिकिन समृद्ध होता है, जो पुरुषों और महिलाओं दोनों के यौन अंगों में रक्तप्रवाह को बढ़ाता है. रात में शहद में भिगो कर रखा गया कच्चा लहसुन खाना लाभप्रद होता है.

सेक्स लाइफ बेहतर बनाने के लिए करें ये आसान काम

हम अपना वजन कम करने के लिए क्या नहीं करते हैं. इसके लिए हम डाइटिंग भी करते है. जिससे लिए हम कम से कम खाना खाते हैं, लेकिन आप जानते हैं कि कम खाना खाने से कई फायदे हैं. इन्हीं में से एक फायदा है सेक्स लाइफ. कम खाना खाने से आपकी सेक्स लाइफ बेहतर रहती है. यह बात एक शोध में सामने आई.

अगर आप कैलोरी के प्रति सचेत हैं और अतिरिक्त वजन घटाने के लिए स्वास्थ्यवर्धक भोजन ग्रहण करते हैं तो आपके खुश होने का एक और बड़ा कारण मिल गया है. एक दिलचस्प शोध में यह पता चला है कि कम खाने से न सिर्फ लोगों को वजन कम करने में मदद मिलती है, बल्कि यह मूड को भी बेहतर बनाता है और तनाव को कम करता है, जिससे आपकी सेक्स लाइफ बेहतर होती है.

ये भी पढ़ें- अगर आप भी करते हैं तंबाकू का सेवन तो हो जाइए सावधान

इस निष्कर्ष तक पहुंचने के लिए लुइसियाना के पेनिंगटन बॉयोमेडिकल रिसर्च सेंटर के शोधकर्ताओं ने 218 स्वस्थ वयस्कों का दो साल तक अध्ययन किया. उन्होंने उन लोगों को दो समूहों में बांटा. एक समूह को 25 फीसदी कम कैलोरी ग्रहण करने को कहा गया. वहीं, दूसरे समूह को अपने सामान्य भोजन को लेने को कहा गया.

शोधकर्ताओं में से एक कोर्बी मार्टिन ने पाया कि जिस समूह ने कम कैलोरी ली थी, उनकी सेक्स लाइफ बेहतर हो गई. कम कैलोरी ग्रहण करने वाले समूह के लोगों की नींद बेहतर हुई और उनका वजन भी घट गया. मोटापे के शिकार लोग अगर कम कैलोरी लें तो उनकी नींद और उनकी यौन प्रणाली बेहतर होती है. यह अध्ययन जामा इंटरनल मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित हुआ है.

शोधकर्ताओं का कहना है, “हमारे शोध से पता चला है कि अगर स्वस्थ लोग दो साल तक कम कैलोंरी लें तो इससे उनके लिए उल्टे नतीजे आते हैं अत: यह केवल मोटापे से ग्रस्त लोगों पर ही लागू होता है.”

हाल के एक अध्ययन में पाया गया कि जो लोग बेहद कम भोजन करने वाले/वाली जीवनसाथी के साथ रहते हैं, उनके मोटापा कम करने की संभावना ज्यादा होती है.

ये भी पढ़ें- छोटा मर्दाना अंग, चिंता की कोई बात नहीं

न्यूसाउथवेल्स स्कूल ऑफ साइकोलॉजी विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के मुताबिक आपके साथ भोजन करने वाला कितना खाना खाता है, यह आप पर गहरा असर डालता है. इसलिए कम खाने वालों के साथ रहने पर आप अपना वजन घटा सकते हैं और जीवनसाथी के साथ संबंधों को बेहतर कर सकते हैं. यह प्रभाव पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में ज्यादा देखने को मिला है.

सोशल इंफ्लूएंस जर्नल में प्रकाशित इस शोध के मुताबिक, “इसका कारण यह है कि महिलाओं को इस बात की ज्यादा परवाह होती है कि भोजन के दौरान दूसरे उनके बारे में क्या सोचते हैं.”

बारिश में इश्क की खुमारी!

मानसून के मदमाते मौसम में तो उन का प्यार सावन के झड़ी बन कर एकदूसरे पर बरस जाता है. कल की ही बात है. दोनों सुबह ऑफिस जाने के लिए तैयार हो चुके थे. रीना साड़ी पहने हुई थी जबकि रंजन ने फॉर्मल पैंटशर्ट. इसी बीच बारिश ने अपना रंग दिखा दिया. पहले रिमझिम, उस के बाद तेज बरसात. रीना अपनी बालकनी में जा कर आसमान से बरसते पानी का लुत्फ़ लेने लगी. थोड़ी देर में वह भूल गई कि उसे ऑफिस जाना है. बेखयाली में वह थोड़ा सा भीग गई.

रंजन अपने ड्राइंगरूम में बैठा उस का भीगना देख रहा था. बेटी बैडरूम में सो रही थी. रीना का भीगना रंजन में इश्क का बवंडर उठा गया. वह चुपके से रीना के पास गया और उसे अपने आगोश में ले लिया. फिर क्या था, बारिश ने दो जवां दिलों में ऐसी आग लगाई की उन्होंने ऑफिस की सिरदर्दी भूल कर प्यार करने का भरपूर मजा लिया.

गलती उन दोनों की नहीं थी, कसूर तो उस सावन का था जिस ने पतिपत्नी को रोमांटिक होने का मौका दिया. रंजन और रीना ने उस मौके पर शानदार चौका मारा.

ये भी पढ़ें- छोटा मर्दाना अंग, चिंता की कोई बात नहीं

साहिल और प्रियंका तो मानसून में प्यार करने के लिए ऑफिस से कुछ दिन की छुट्टी ले कर शार्ट ट्रिप पर कहीं निकल जाते हैं. अपनी गाड़ी से लौंग ड्राइव पर पार्टनर के साथ जाना उन्हें बेहद पसंद है. ऐसे में भरी बरसात में किसी सुनसान जगह पर कुछ देर कार में ही प्यार करना उन की रूटीन की जिंदगी में रस भर देता है.

ये भी पढ़ें- सुहागरात पर बेकाबू मत होने दो जज्बात

पिछली बारिश के दौरान तो साहिल और प्रियंका ने उत्तराखंड की हरीभरी वादियों में वॉटरप्रूफ टेंट के अंदर खुले आसमां के नीचे एकदूसरे में खोने का भरपूर मजा लिया था जिसे वे कभी भूल नहीं पाएंगे.

मनोज और माही के लिए तो मॉनसून में सब से बेहतरीन आइडिया पार्टनर संग बारिश में भीगते हुए प्यार करना होता है. वे एक मल्टीस्टोरी अपार्टमेंट्स में टॉप फ्लोर पर रहते हैं. वहां उन के अलावा कोई तीसरा झांक भी नहीं सकता है. ऐसे में वे खुले आसमान के नीचे बारिश में भीगते हुए सेक्स का मजा लेते हैं.

ये भी पढ़ें- आखिर क्यों जरूरी है सेक्स का कारोबार

कहने का मतलब है कि दो जवां लोगों में सावन की झड़ी ऐसी आग लगा देती है कि वे ऐसे खूबसूरत पलों का भरपूर मजा लेने से नहीं चूकते हैं. और अगर यह भीगना रात का हो और रेडियो पर गाना ‘भीगीभीगी रातों में, ऐसी बरसातों में…’ बज रहा हो तो प्यार का ज्वार अपनी हद पर होगा, लिख लीजिए.

जूतों की करें हिफाजत

जूते पैरों को मौसम की मार, गंदगी, चोट आदि लगने से तो बचाते ही हैं, ये इंसान की हैसियत भी बताते हैं. फटा हुआ जूता गरीबी की निशानी माना जाता है.

चूंकि बाजार में अलगअलग रंग, सस्तेमहंगे और कई किस्म के जूते मिल जाते हैं, इसलिए उन्हें खरीदना ज्यादा मुश्किल काम नहीं है, बस उन्हें संभाल कर रखने की जरूरत होती है, ताकि उन की उम्र बढ़ जाए और हर तीसरेचौथे महीने नए न खरीदने पड़ें.

ये भी पढ़ें- रेड वाइन है सेहत के लिए फायदेमंद, जानें कैसे

शहरों में तो सड़कें पक्की होने और कम धूलमिट्टी के चलते जूतों की जिंदगी बढ़ जाती है पर गांवदेहात और छोटे कसबों में इन्हें ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है.

ज्यादातर लोग अपने कपड़ों और गहनों की तो पूरी देखभाल करते हैं, पर जूतों को नजरअंदाज कर देते हैं, जैसे वे बाहर से घर आने के बाद जूतों को ऐसे ही खुले में रख कर छोड़ देते हैं. बहुत से लोग तो फीता भी नहीं खोलते हैं.

नौजवानों में यह लापरवाही खूब देखी जाती है. इस वजह से महंगे से महंगे जूते भी कुछ ही दिनों में खराब हो जाते हैं और उन की चमक भी चली जाती है. लिहाजा, जब भी कहीं जाएं और वहां जूते उतारने की जरूरत पड़े तो आराम से बैठ कर पहले जूते के फीते खोलें और उन्हें आराम से पैरों से निकाल कर करीने से रखें. अगर बिना फीते के जूते हैं तो भी उन्हें आराम से उतारें, कोई हड़बड़ी न दिखाएं.

ज्यादा न धोएं

गांवदेहात में लोगों को स्पोर्ट्स शू पहनने का बड़ा शौक होता है या कह लीजिए कि चमड़े के जूते के बजाय वे ज्यादा आरामदायक होते हैं. लेकिन बहुत बार देखा गया है कि लोग उन्हें कुछ समय बाद ही धो देते हैं. इस से जूते जल्दी घिसते हैं और अपनी चमक भी खो देते हैं. ऐसा करना ठीक नहीं है.

ये भी पढ़ें- आखिर किस वजह से पुरुष होते हैं गंजेपन के शिकार, पढ़ें खबर

इस से तो अच्छा है कि रोजाना उन्हें साफ कपड़े से झाड़पोंछ लें. ज्यादा हो तो गीले कपड़े से उन्हें साफ कर लें.

आकार न बिगड़ने दें

बहुत बार ऐसा देखा गया है कि 2 लोग एक जूते को इस्तेमाल कर लेते हैं चाहे उन के पैर का नंबर कमज्यादा ही क्यों न हो. इस से जूतों का आकार बिगड़ जाता है और वे जल्दी खराब होते हैं. इस के अलावा कभी भी जूतों को एक के ऊपर एक कर के न रखें. इस से उन में निशान भी बन जाता है, जो भद्दा लगता है.

अगर लंबे समय तक किसी जूते को नहीं पहनना है तो उस में अखबार भर दीजिए, ताकि उन का आकार बना रहे और वे कड़े न हो जाएं.

गीले पैर न पहनें जूता

जूते पहनते समय पैरों को सूखा रखें, वरना जूते मे नमी आ जाती है. इस से जूते की उम्र तो घटती ही है, पैरों से भी बदबू आने लगती है, इसलिए हमेशा पहले पैरों को तौलिए से पोंछ लें, फिर जूता पहनें. इस के अलावा जूतों को बरसात में भी नमी से बचाएं, नहीं तो उन में खासकर चमड़े के जूतों में फंगस लगने का डर बना रहता है.

ये भी पढ़ें- खाने की इन 4 चीजों से बढ़ सकता है स्पर्म काउंट, पढ़ें खबर

पौलिश जरूर करें

जैसे अपने शरीर को खूबसूरत रखने के लिए हम नहाते हैं, उसी तरह जूतों को भी खूबसूरत बनाए रखने के लिए उन्हें पौलिश की जरूरत होती है, जबकि ज्यादातर लोग इसे बेवजह का खर्चा मान लेते हैं. बाहर महंगी पौलिश कराने से अच्छा है कि घर पर ही पौलिश रखें और समयसमय पर ब्रश से जूते चमकाते रहें.

अगर जूते की सिलाई उधड़ रही है तो तुरंत मोची से उसे सिलवा लें. कभीकभी यह छोटी सी लापरवाही भी जूते को बड़ा नुकसान पहुंचा सकती है.

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें