ऐसे तमाम लोग हैं, जो अपने अंग के आकार को ले कर तहतरह की चिंताएं और डर मन में पाले रहते हैं. कुछ लोग तो अपने अंग के आकार को ले कर हीनभावना का शिकार हो जाते हैं. यही वजह है कि लोगों द्वारा मन के समाधान के लिए सैक्सोलौजिस्ट से सब से ज्यादा पूछा जाने वाला यह सामान्य सवाल है. कभीकभी तो पिता अपने लिए ही नही, अपने बेटे के लिए भी डाक्टर से पूछता है.
अपने अंग के आकार को ले कर चिंतित ज्यादातर लोग सैक्सोलौजिस्ट से किसी दूसरी समस्या के बहाने से मिलना पसंद करते हैं. इस बारे में चिंता करने वाले ज्यादातर लोग 20 से 40 साल की उम्र के बीच के होते हैं. छोटे अंग को ले कर चिंता होना तो वाजिब है, पर यह कोई समस्या नहीं है.
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सामान्य व असामान्य आकार
जिस तरह हर आदमी की नाक, आंखें और सिर का आकार अलग अलग होता है, उसी तरह हर आदमी के अंग की लंबाई, मोटाई और तनाव के समय उस का आकार अलग अलग होता है. किसी भी आदमी के आत्मविश्वास के लिए अंग का आकार बहुत अहमियत रखता है. ज्यादातर मर्द अपने अंग के छोटे आकार को ले कर चिंतित रहते हैं.
तकरीबन 45 फीसदी मर्द चाहते हैं कि उन का अंग बड़ा हो, जबकि एक सर्वे से पता चला है कि मर्दों से संबंध बनाने वाली 85 फीसदी औरतें अपने पार्टनर के अंग के आकार और उस से मिलने वाले शारीरिक सुख से संतुष्ट होती हैं.
तमाम लोगों को अंग के तनाव के बाद उस के आकार यानी लंबाई को ले कर चिंता सताती है, तो कुछ ऐसे भी लोग हैं, जिन्हें बिना तनाव वाले अंग के आकार को देख कर चिंता होती है.