कमला देवी की उम्र 35 साल थी और पिछले तकरीबन 23-24 साल से वे माहवारी के उन दिनों का दर्द झेल रही थीं, जो किसी लड़की की जिंदगी का बहुत बड़ा बदलाव होता है.
आज कमला देवी की 12 साल की बेटी सुनीता की जिंदगी में वही बदलाव आया था. दरअसल, सुनीता पिछले कुछ दिनों से पेट में रहरह कर उठ रहे दर्द को ले कर परेशान थी और शायद उसे हलके से खून के साथ कुछ डिस्चार्ज भी हुआ था.
सुनीता के मामले में सब से अच्छी बात यह थी कि उसे इतना सब होने पर उतना तेज दर्द नहीं उठा था, जितना कभी उस की मां कमला देवी ने झेला था.
पर आज जब सुनीता को पहली माहवारी हुई तो वह उतनी परेशान नहीं दिखी, जितनी उस की मां हो गई थीं. सुनीता में तो एक गजब का आत्मविश्वास था. शायद उसे दर्द न होना इस की एक खास वजह थी.
भले ही कमला देवी परेशान थीं, पर साथ ही वे एक समझदार औरत भी थीं और नहीं चाहती थीं कि सुनीता को उन समस्याओं से जूझना पड़े, जो कभी उन्होंने अपनी मां की नासमझी की वजह से झेली थीं.
कमला देवी ने सुनीता के साथ एक सहेली जैसा बरताव किया. इतना ही नहीं, उन्होंने अपने पति महेश को भी सुनीता के बड़े होने के बारे में बता दिया.
अब कमला देवी के सामने कुछ ऐसी बातें थीं, जिन के बारे में उन्हें अपनी बेटी को बताना था और कुछ चीजें बाजार से लानी थीं, ताकि वक्त बे वक्त इधरउधर न भागना न पड़े.
कमला देवी ने सुनीता की माहवारी को ले कर जिन बातों पर अमल किया, वे कुछ इस तरह थीं :