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अब किसी को इस बात में कोई शक नहीं रह गया था कि बीसपंथी शांति सागर को सिद्धियां प्राप्त हो चुकी हैं. इसी तरह उस ने आग से एक साड़ी जलाई थी तो वह भी नहीं जली थी. जाहिर है यह कोई चमत्कार नहीं बल्कि खालिस चालबाजी थी, जिसे कोई भी अंधविश्वास निवारण समिति साबित कर सकती है.

नेहा को पूरी तरह झांसे में लेने के अपने कामुक मकसद में वह कामयाब रहा था. हजारों भक्तों का सैलाब उस शांति सागर की जयजयकार करते उस के पांवों में लोट रहा था, जिस के दिलोदिमाग में वासना का सागर हिलोरें मार रहा था. इसी दिन भक्तों को उलझाए रखने के लिए उस ने 7 करोड़ 77 लाख मंत्रों का जाप कराया था.

अगले 2 दिन धार्मिक माहौल में रही नेहा अब अपने इस गुरु की आध्यात्मिक शक्तियों और चमत्कारों की पूरी तरह कायल हो चुकी थी. उसे विश्वास हो गया था कि अगर गुरुकृपा हुई तो कभी उस के परिवार पर कोई विघ्न या संकट नहीं आएगा.

आखिर वार कर ही दिया शांति सागर ने नेहा की इज्जत पर

1 अक्तूबर को शांति सागर ने अपनी कुत्सित मंशा पूरी करने के लिए नेहा के परिवार को कहा कि आज आप के परिवार की खुशहाली और समृद्धि के लिए विशेष जाप किया जाना है, इसलिए परिवार के सभी सदस्य उस के साथ मंदिर में रहें. इस पेशकश पर यह परिवार बागबाग हो उठा. सभी लोग मय नेहा के उस के सान्निध्य के लिए पहुंच गए.

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