धार्मिक अंधश्रद्धा वाले लोग महिमामंडन कर के ऐसे धर्मगुरुओं को समाज के सिर पर बैठा देते हैं. लेकिन जब कभी उन की हकीकत सामने आती है तो पछताने के अलावा कुछ नहीं बचता. जैन मुनि शांति सागर की भी यही कहानी है.