पत्नी की हत्या कर के फरार हो जाने वाले राजू की तलाश में एटा पुलिस दरदर भटक रही थी. उसके हर ठिकाने पर उस की तलाश कर ली गई थी, पर उस का कहीं पता नहीं चल सका. मामले की विवेचना सीओ (सिटी) कर रहे थे. जब जांच में कोई प्रगति नहीं हुई तो उन्होंने 11 मार्च, 2017 को राजू के खिलाफ कोर्ट में आरोपपत्र दाखिल कर दिया था.
इस के बाद पुलिस ने राजू के घर वालों पर दबाव डाला तो 25 मई, 2017 को राजू ने एटा की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया. पुलिस ने उसे रिमांड पर ले कर पूछताछ की तो उस ने अपनी पत्नी ज्योति की हत्या की जो कहानी बताई, वह इस प्रकार थी—
उत्तर प्रदेश के जिला एटा के कासगंज मार्ग पर असरौली नाम का एक गांव बसा है. मुकेश अपने परिवार के साथ इसी गांव में रहता था. जबकि मूलरूप से वह थाना जसरथपुर के गांव उजारपुरा का रहने वाला था. लेकिन कामधंधे की वजह से एटा आया तो यहीं का हो कर रह गया था.
उस ने असरौली में अपना मकान बना लिया था. उस के परिवार में पत्नी के अलावा 3 बेटियां और 2 बेटे थे. मुकेश मजदूरी करता था तो उस की पत्नी नन्हीं वहीं एक कोल्ड स्टोरेज में काम करती थी. दोनों की कमाई से उन का गुजारा हो जाता था. अब तक उस ने अपनी 2 बेटियों की शादी कर दी थी.
इस के बाद ज्योति शादी लायक हुई तो मांबाप को उस की शादी की चिंता हुई. मुकेश उस के लिए लड़का तलाशने लगा. उस की तलाश धौलपुर जिले के गांव खूबपुरा में खत्म हुई. यहीं का रहने वाला राजू ज्योति के लिए सही लगा तो उन्होंने उस की शादी उस से कर दी.