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हरियाणा की रहने वाली सुनीता गोदारा भाई के बारे में पता करने के लिए उत्तराखंड के रुद्रपुर का चक्कर लगालगा कर बुरी तरह से थक चुकी थीं. वह जिस तरह आती थीं, उसी तरह खाली हाथ लौट जाती थीं. उन्हें सिर्फ पुलिस से आश्वासन मिलता था. उसी आश्वासन में उन्हें संतोष करना पड़ता था. लेकिन जब 5 महीने पहले जिले में नए एसएसपी डा. सदानंद दाते आए तो सुनीता गोदारा बड़ी उम्मीद ले कर उन से मिलीं और अपने भाई के बारे में पता लगवाने का आग्रह किया.

29 अगस्त, 2016 को रुद्रपुर जाते समय सुनीता गोदारा के भाई राजेश मान गायब हो गए थे. उन पत्नी सीमा चौधरी और बेटे मानव ने उन के बारे में पता करने की काफी कोशिश की, लेकिन उन का कहीं कुछ पता नहीं चला था. इस के बाद 1 सितंबर, 2016 को सीमा चौधरी ने रुद्रपुर स्थित रम्पुरा चौकी में तहरीर दे कर उन की गुमशुदगी दर्ज करा दी थी.

पति की गुमशुदगी सीमा चौधरी ने रम्पुरा चौकी में दर्ज कराई थी. यह चौकी थाना किच्छा के अंतर्गत आती थी, इसलिए इस मामले की जांच थाना किच्छा पुलिस ने शुरू की. सीमा चौधरी ने एकाध बार थाने जा कर इस मामले में क्या हुआ, पता किया. लेकिन पुलिस से उचित सहयोग न मिलने की वजह से वह शांत हो कर बैठ गई थीं.

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लेकिन हरियाणा की रहने वाली राजेश मान की बहन को जब भाई के लापता होने के बारे में पता चला तो वह कभी मीडिया वालों से मिल कर तो कभी पुलिस अधिकारियों से मिल कर भाई के बारे में पता लगाने की गुहार लगाती रहीं.

उन्होंने पुलिस को बताया था कि उन की भाभी और भाई के बीच संबंध ठीक नहीं थे. दोनों काफी समय से अलग रह रहे थे. इसलिए भाई के लापता होने पर सीमा पर कोई असर नहीं पड़ा है.

सुनीता के दबाव की वजह से पुलिस ने कई बार राजेश मान की पत्नी सीमा चौधरी और बेटे मानव चौधरी को थाने बुला कर पूछताछ की थी. बेटे का कहना था कि उसी के पिता लापता हैं और पुलिस उसे ही बारबार थाने बुला कर परेशान कर रही है.

इस के बाद थाना किच्छा पुलिस ने इस मामले में रुचि लेनी बंद कर दी. इस की एक वजह यह भी थी कि सीमा चौधरी और उस के बेटे से पूछताछ में उसे कुछ हासिल नहीं हुआ था. दूसरे वे इस मामले में कोई रुचि भी नहीं ले रहे थे. राजेश की बहन सुनीता जरूर हाथ धो कर पीछे पड़ी थीं, लेकिन अब पुलिस उन्हें भाव नहीं दे रही थी.

एसएसपी ने दिए दोबारा जांच के आदेश

लेकिन जब सुनीता गोदारा नए एसएसपी डा. सदानंद दाते से मिलीं और उन्हें अपनी परेशानी बताई तो उन्होंने आश्वासन देने के बजाय तुरंत एएसपी (क्राइम) कमलेश उपाध्याय और एएसपी देवेंद्र पिंचा को शीघ्र काररवाई के आदेश दिए.

इस के बाद दोनों अधिकारियों ने थाना किच्छा के थानाप्रभारी योगेश उपाध्याय और एसओजी प्रभारी विद्यादत्त जोशी के नेतृत्व में एक पुलिस टीम का गठन किया, जिस में एसएसआई सुशील कुमार, एसआई लाखन सिंह, देवेंद्र गौरव, सीमा ठाकुर, मनोज कोठारी, सुबोध शर्मा, हैडकांस्टेबल (एसओजी) प्रकाश भगत और महेंद्र डंडबाल को शामिल किया.

इस पुलिस टीम ने लापता राजेश मान के बेटे से पूछताछ करनी चाहा तो उस का कुछ पता नहीं चला. इस के बाद पुलिस ने शक के आधार पर उस के दोस्त अशहर उर्फ आशू से पूछताछ करनी चाही तो वह भी घर से गायब मिला.

इस से पुलिस यह सोचने पर मजबूर हो गई कि दोनों घर से गायब क्यों हैं? वैसे पुलिस दोनों से पहले भी लंबी पूछताछ कर चुकी थी, लेकिन तब दोनों ने पुलिस को कोई खास जानकारी नहीं दी थी. पुलिस ने राजेश की पत्नी सीमा चौधरी से भी गहन पूछताछ की थी, तब उस ने खुद को इस मामले से अंजान बताते हुए पीछा छुड़ा लिया था.

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शक हुआ तो पुलिस टीम मानव और आशू के पीछे हाथ धो कर पड़ गई. ऐसे में पुलिस टीम को पता चला कि आशू पाकिस्तान भागने की फिराक में है. यह जान कर पुलिस सकते में आ गई. क्योंकि पुलिस के लिए वह एक ऐसा सूत्र था, जो इस मामले की तह तक जाने में उस की मदद कर सकता था. आखिर पुलिस ने आशू की तलाश के लिए मुखबिर लगा दिए. इस का नतीजा यह निकला कि थाना सितारगंज के गांव पंडीखेड़ा से उसे गिरफ्तार कर लिया गया.

पत्नी को लिया गया हिरासत में

पुलिस की गिरफ्त में आते ही आशू के चेहरे की रंगत बदल गई. इधरउधर भागतेभागते वह पहले ही बुरी तरह से थक चुका था. इसलिए इस बार हिरासत में आते ही उस ने सब कुछ साफसाफ बता दिया.

पूछताछ में उस ने बताया, ‘‘मानव मान ने ही अपने पिता की हत्या की थी और उन की हत्या कराने में उस की मां सीमा चौधरी की भी अहम भूमिका थी.’’

इस के बाद पुलिस ने राजेश मान की पत्नी सीमा चौधरी को हल्द्वानी से हिरासत में ले लिया. हिरासत के दौरान की गई पूछताछ में सीमा चौधरी और आशू ने राजेश मान की हत्या की जो कहानी सुनाई, वह आज के समय में हैरान करने वाली तो नहीं थी, पर सीधेसादे छलकपट से दूर रहने वाले लोगों को यह    सोचने पर मजबूर जरूर करेगी कि आज के समय में भला किसी पर विश्वास किया भी जा सकता है या नहीं? पुलिस पूछताछ में राजेश मान की हत्या की जो कहानी सामने आई, वह इस प्रकार थी—

राजेश मान और सीमा चौधरी की शादी लगभग 25 साल पहले हुई थी. कालेज में पढ़ने के दौरान दोनों की मुलाकात हुई थी. यह मुलाकात दोस्ती में बदली तो फिर लवमैरिज तक जा पहुंची. सीमा चौधरी हल्द्वानी के रामपुर रोड की रहने वाली थी, जबकि राजेश मान किच्छा स्थित हरियाणा फार्म निवासी जयपाल सिंह का बेटा था.

सीमा चौधरी की सिर्फ एक ही बहन थी, जबकि भाई कोई नहीं था. शादी हो जाने के बाद बहन ससुराल चली गई तो शादी के बाद भी सीमा ज्यादातर हल्द्वानी में ही मांबाप के पास रहने लगी. राजेश से शादी के बाद कुछ दिनों तक तो सब ठीक चला, लेकिन उस के बाद दोनों के बीच तनाव ने जन्म ले लिया.

इस की वजह यह थी कि सीमा शहर की रहने वाली थी, जहां हर तरह की सुखसुविधाएं उपलब्ध थीं. लेकिन शादी के बाद उसे राजेश के साथ फार्महाउस पर रहना पड़ रहा था, जहां लगता था कि वह दुनिया से कट गई है. उस ने वहां दिल लगाने की बहुत कोशिश की, पर वहां उस का दिल बिलकुल नहीं लगा.

शहर में रहने को ले कर हुआ पतिपत्नी में तनाव

जब किसी भी तरह सीमा का दिल फार्महाउस पर नहीं लगा तो वह राजेश से कहने लगी कि यहां की कुछ जमीन बेच कर शहर में मकान बनवा लेते हैं और वहीं रहते हैं. लेकिन राजेश ने जमीन बेचने से साफ मना कर दिया. इसी बात को ले कर पतिपत्नी के बीच आए दिन तकरार होने लगी, जो दिनोंदिन बढ़ती ही गई. इस का नतीजा यह निकला कि सीमा मायके जा कर रहने लगी.

मायके में रहते हुए ही सीमा ने बेटे को जन्म दिया, जिस का नाम मानव रखा गया. सीमा रहती भले मायके में थी, लेकिन उस का खर्च राजेश ही उठाते थे. बेटे के पैदा होने के बाद बेटे का और उस का खर्च वही उठाते रहे.

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बेटा होने के बाद राजेश मान को उम्मीद थी कि सीमा आ कर फार्महाउस पर रहने लगेगी, लेकिन उस की इस उम्मीद पर उस वक्त पानी फिर गया, जब सीमा ने साफ कह दिया कि वह बेटे को जंगल में पाल कर जंगली नहीं बनाएगी. इस के बाद सीमा और राजेश के संबंध लगभग खत्म से हो गए. राजेश ने सीमा को खर्च देना भी बंद कर दिया. सीमा हल्द्वानी में मां के साथ रहते हुए बेटे को पालने लगी तो राजेश मान प्रौपर्टी का व्यवसाय शुरू कर के उसी में व्यस्त हो गया.

जब तक मानव बच्चा था, उसे पापा के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. लेकिन जब वह स्कूल जाने लगा तो उसे पापा की कमी खलने लगी. क्योंकि तमाम बच्चों के पापा उन्हें स्कूल छोड़ने और लेने आते थे. यह देख कर मानव ने सीमा से अपने पापा के बारे में पूछा. बेटे द्वारा बाप के बारे में पूछने पर सीमा अंदर तक हिल उठी. उस की समझ में नहीं आया कि वह बेटे को क्या बताए.

सीमा मानव॒को टालती रही, लेकिन किसी भी बच्चे को कब तक टाला जा सकता है. अगर उस के दिल में कोई चीज बैठ जाए तो जब तक वह उस के बारे में पता नहीं कर लेता, उसे भूलता नहीं. सीमा को लगा कि एक न एक दिन सच्चाई सामने आ ही जाएगी, इसलिए उस ने सब कुछ मानव को साफसाफ बता दिया.

उसी बीच राजेश मान प्रौपर्टी डीलिंग के साथसाथ भाजपा से जुड़ गए और नेतागिरी करने लगे. प्रौपर्टी डीलिंग से उन्होंने अच्छीखासी कमाई की और शहर के नजदीक कई प्लौट तो खरीदे ही, रुद्रपुर के रामपुर रोड स्थित शांति विहार कालोनी में एक शानदार मकान भी बनवा लिया. अब वह ज्यादातर उसी मकान में रहने लगे. इतनी प्रौपर्टी और पैसा होने के बावजूद वह तनहा जीवन जी रहे थे.

राजेश को आने लगी बेटे की याद

इस के बाद भी उन्होंने सीमा को समझा कर साथ रहने को कहा, लेकिन सीमा ने उन के साथ रहने से साफ मना कर दिया. राजेश का उतना बड़ा मकान खाली ही पड़ा रहता था, कोई देखरेख करने वाला भी नहीं था, इसलिए उन्होंने एक किराएदार रख लिया.

किराएदार ललिता तिवारी की एक छोटी सी बेटी थी, जो अकसर राजेश के पास आ जाती थी. इस से राजेश का अकेलापन लगभग खत्म हो गया. धीरेधीरे राजेश उसे अपने ही बच्चे की तरह प्यार ही नहीं करने लगे, बल्कि उस की हर जरूरत भी पूरी करने लगे.

बच्ची के पास आनेजाने से राजेश को बेटे की याद सताने लगी. वह बेटे का पीछा करने लगे. मानव जिस स्कूल में पढ़ता था, वहां जा कर उस से मिलने लगे. लेकिन उन्होंने बेटे से साफ कह दिया था कि वह मम्मी को कभी नहीं बताएगा कि वह उस से मिलते हैं. राजेश बेटे की हर इच्छा पूरी करने लगे थे. कई बार वह उसे शांति विहार स्थित अपने घर भी ले आए.

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राजेश जहां मानव पर अपना प्यार लुटाते हुए उस के दिल को जीतने की कोशिश कर रहे थे, वहीं सीमा हमेशा उसे बाप के खिलाफ भड़काते हुए उस के मन में नफरत घोलने की कोशिश करती रहती थी. कहीं से सीमा को पता चल गया था कि राजेश चोरीछिपे बेटे से मिलते हैं.

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कहानी सौजन्य-मनोहर कहानियां

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